WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

अलीराजपुर जिला – Alirajpur tourist places in hindi

अलीराजपुर –

दोस्तों आज हम यहां पर बात करने वाले हैं मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के बारे में जो कि इंदौर संभाग का हिस्सा है | जिस तरीके से इंदौर संभाग के अंतर्गत इतिहास के प्रमुख क्षेत्र अथवा चर्चित शहर आते हैं उसी प्रकार से यहां पर इतिहास की बहुत ही पुरानी इमारतें भी देखने को मिलती हैं | दोस्तों अलीराजपुर के बारे में आज हम आपको अलीराजपुर से संबंधित महत्वपूर्ण बातों की चर्चा करेंगे जिनमें प्रमुख रूप से अलीराजपुर के कौन-कौन से पर्यटक स्थल है? यहां पर कौन-कौन से राष्ट्रीय उद्यान पाए जाते हैं? यहां के राष्ट्रीय महत्व के कौन-कौन से स्थान हैं? जहां पर सबसे ज्यादा पर्यटक घूमने के लिए आते हैं | दोस्तों अलीराजपुर क्षेत्र के अंतर्गत प्राचीन काल से ही आदिवासियों का सबसे ज्यादा निवास रहा है |यहां पर उसी तरीके से आदिवासी संबंधित इतिहास और यहां की संस्कृति देखने को मिलती है |

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Alirajpur tourist places

स्थापना17 मई 2008
चामुंडा माता मंदिरमाता शक्ति की खंडपीठ
शिवगंगा और हनुमान मंदिरमहादेव तथा श्री हनुमान जी के संबंधित
जलप्रपातकट्ठीवाड़ा, khamba
बांधचंद्रशेखर आजाद बांध,
नदियांनर्मदा और हथनी
प्रमुख क्रांतिकारीआजाद चंद्रशेखर
प्रमुख जनजातिभील
जलवायुउष्णकटिबंधीय सवाना
वाहन पंजीकरणएमपी 69
भाषाहिंदी और अंग्रेजी
ऐतिहासिक किलारजवाड़ा
नूरजहांपूरी दुनिया में प्रसिद्ध आम की किस्म
जनजातीय नृत्यभगोरिया( भील और भगोरिया जनजाति के द्वारा)
जिले की सीमागुजरात राज्य से

अलीराजपुर जिले के कुछ प्रमुख पर्यटक स्थल-

दोस्तों मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 390 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अलीराजपुर जिला के अंतर्गत बहुत सुंदर सुंदर और आकर्षक तीर्थ स्थल पाए जाते हैं| यहां पर कई प्रकार के प्राकृतिक जलाते और ऐतिहासिक इमारतें मौजूद हैं जो राष्ट्रीय महत्व की है और यहां पर कई लोग इनको देखने के लिए आते हैं |

⚫️ अलीराजपुर का शिव मंदिर-

दोस्तों अलीराजपुर जिले के अंतर्गत आने वाला शिव मंदिर एक धार्मिक मंदिर है जहां पर प्रतिदिन भगवान शिव के भक्तों की भीड़ लगी रहती है | दोस्तों इस मंदिर के अंतर्गत भगवान शिव की एक अद्भुत शिवलिंग को देखने को मिलता है जिसे देखने के लिए हर कोई लालयत होता है | दोस्तों इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण परमार वंश के शासकों के द्वारा करवाया गया है | दोस्तों यह मंदिर बहुत ही प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है इसका निर्माण 13वीं और 14वीं शताब्दी के मध्य किया गया है |

इस मंदिर के अंतर्गत चमत्कारी शिवलिंग देखने को मिलती है अमावस्या के दिन यहां पर भगवान शिव की अनन्य भक्तों की हमेशा भीड़ जमा रहती है | इस मंदिर का निर्माण एक चबूतरे के ऊपर किया गया है ऊंचाई पर होने के कारण यहां पर पानी की व्यवस्था को सुगमता पूर्वक बनाया गया है क्योंकि भगवान शिव को जल चढ़ाया जाता है जिस कारण जल के निकलने की संपूर्ण व्यवस्था की जाती है |

दोस्तों अलीराजपुर का यह मंदिर अलीराजपुर जिले के एक छोटे से गांव मलवाई के अंतर्गत आता है इस गांव में आप अलीराजपुर मुख्यालय से बस ,कार अथवा अपने पर्सनल वाहन के द्वारा भी जा सकते हैं | आज से कुछ सालों पहले यहां पर आने जाने की व्यवस्था अच्छी नहीं थी क्योंकि सड़कें पूरी तरीके से खराब थी परंतु वर्तमान समय में जहां पर सड़कें एकदम चमकदार और सुंदर सड़कें हैं आपको आने जाने में किसी भी प्रकार की समस्या महसूस ही नहीं होगी |

शिव मंदिर की कुछ विशेष बातें-

🔲 दोस्तों भगवान शिव के इस शिव मंदिर के अंदर आपको भगवान श्री गणेश की मूर्ति भी देखने को मिलती है जोकि बहुत खूबसूरत और सुंदर है | यहां पर भगवान श्रीगणेश को प्राथमिकता दी गई है क्योंकि पुराणों में कहा गया है कि भगवान श्रीगणेश प्राथमिक रूप से प्रथम पूजनीय हैं |

🔲 इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है कि यहां पर 5 शिवलिंगी शिवलिंग देखने को मिलता है जो कि इस मंदिर के अलावा आपको किसी भी और मंदिर में देखने को नहीं मिलेगा|
यह 5 शिवलिंग मंदिर को देखने के लिए लोग हजारों किलोमीटर दूर से आते हैं और भगवान शिव के दर्शन करते हैं |

🔲 इस मंदिर के अंदर बहुत ही मूर्तियां देखने को मिलती हैं जो कि हिंदू धर्म से जुड़े हुए देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं और यह मूर्तियां पत्थरों से अंकित की गई है जिनकी शोभा अजब है | दोस्तों ऐसे वास्तुकार और कलाकार बहुत कम ही देखने को मिलते हैं | जिस तरीके से आप को इस मंदिर की नक्काशी देखकर पता चलता है कि आखिर कैसे इन मूर्तियों को बनाया गया होगा | इतनी सुंदर और निराली नक्काशी के लिए किसी एक शिल्पकार की जरूरत नहीं बल्कि एक मूर्ति के लिए एक से अधिक शिल्पकार कार्य किया करते थे तब कहीं जाकर इतनी सुंदर मूर्ति निर्मित की जाती थी |

🔲 प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर यहां पर हजारों की संख्या में लोग भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं और भगवान शिव को बेलपत्र के साथ-साथ उनको जल चढ़ाते हैं | दोस्त महाशिवरात्रि के अलावा प्रतिवर्ष श्रावण मास के महीने में यहां पर प्रतिदिन लोगों की भीड़ इकट्ठी रहती है क्योंकि कहा जाता है कि श्रावण मास के समय प्रत्येक दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है |

🔲 दोस्तों जिस तरीके से यह मंदिर बनाया गया वास्तव में बहुत ही सुंदर है आपको यह मंदिर जरूर देखना चाहिए इस मंदिर का शिखर बहुत ही खूबसूरत और सुंदर है |

भगवान शिव के भक्तों की यहां पर हमेशा भीड़ बनी रहती है क्योंकि प्रतिवर्ष अमावस्या के दिन भगवान शिव को यहां पर जल चढ़ाने के लिए भगवान शिव के भक्त हमेशा आते रहते हैं |

⚫️ चामुंडा माता मंदिर-

दोस्तों चामुंडा माता मंदिर माता माता शक्ति की ही एक खंडपीठ है जो कि अलीराजपुर जिले में चामुंडा माता के नाम से जानी जाती है|
चामुंडा माता मंदिर अलीराजपुर जिले की मलवाई गांव के अंतर्गत आता है इस मंदिर के अलावा यहां पर और भी मंदिर मौजूद हैं जो कि पर्यटक स्थल के लिए जाने जाते हैं |

चामुंडा माता मंदिर-

🔲 नवरात्रि के समय माता चामुंडा के दर्शन करने के लिए यहां पर दूर-दूर से लोग माता को पताका अथवा उनके दर्शन करने के लिए इस मंदिर में आते हैं |

🔲 नवरात्रि के समय पर यहां पर भारी मात्रा में कन्या भोज का आयोजन किया जाता है जिसमें अलीराजपुर जिले के आसपास के सभी गांव की कन्याएं एकत्रित होती हैं और यहां पर लोगों के द्वारा इन कन्याओं को भोजन करवाया जाता है |

🔲 नवरात्रि के समय यहां पर चामुंडा माता के दर्शन करने के लिए बहुत दूर-दूर से लोग तो आते ही हैं साथ ही यहां पर चामुंडा माता के लिए जवारे निकलते हैं जो कि एक प्राचीन परंपरा है |

🔲 दोस्तों इस मंदिर में चामुंडा माता की बहुत ही सुंदर और आकर्षक प्रतिमा आपको यहां पर देखने को मिलती है माता के दर्शन करने के बाद आपको अंतर्मन में एक अलग ही शांति मिलती है |

🔲 चामुंडा माता के दर्शन करने के बाद माता के भक्तों की हर मनोकामना चामुंडा माता के द्वारा पूरी की जाती है ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि के समय यहां पर जो भी माता का भक्त 9 दिनों तक माता का उपवास रखता है और उनकी पूजा करता है ऐसे भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है |

🔲 दोस्तों इस मंदिर तक जाने के लिए आप टू व्हीलर अथवा फोर व्हीलर का इस्तेमाल कर सकते हैं वर्तमान में बहुत ही सुंदर सड़कें मौजूद हैं हालांकि आज से कुछ साल पहले यहां पर आने जाने की शुभम व्यवस्था नहीं थी परंतु अब आपको किसी भी प्रकार की समस्या नहीं जाएगी |

⚫️ श्री शिवगंगा हनुमान मंदिर-

दोस्तों अलीराजपुर जिले के अंतर्गत आने वाला श्री शिव गंगा हनुमान मंदिर भगवान शिव के लिए समर्पित है यहां पर आपको भगवान शिव की बहुत ही सुंदर शिवलिंग देखने को मिलती है | दोस्तों यहां पर भगवान शिव की सुंदर शिवलिंग के अलावा गोमुख से जल गिरता है जो कि गिरता हुआ जल बहुत ही सुंदर लगता है वास्तव में यहां का नजारा बड़ा ही रोचक और आनंदित कर देने वाला है|

🔲 भगवान से भी की इस मंदिर में गोमुख से गिरता जल भगवान शिव का जल अभिषेक करता है |

🔲 दोस्तों यहां पर गोमुख से गिरता हुआ जल पूरे 24 घंटा भगवान शिव के शिवलिंग के ऊपर गिरता है अर्थात आप ऐसा कह सकते हैं कि 24 घंटा भगवान शिव की सेवा में यह गोमुख हमेशा लगा रहता है |

🔲 दोस्तों यह मंदिर प्रमुख रूप से घने जंगल में स्थित है मंदिर के चारों तरफ हरे भरे पेड़ पौधे होने के कारण और पानी की उपयुक्त व्यवस्था होने के कारण यहां पर बहुत सुंदर लगता है |

🔲 दोस्तों भगवान शिव का शायद ही ऐसा कोई मंदिर होगा किया ऐसी कोई शिवलिंग होगी जो शहर के अंतर्गत हो नहीं तो भगवान शिव की प्राकृतिक शिवलिंग अथवा बहुत ही प्राचीन मंदिर हमेशा जंगल के बीचो-बीच ही स्थित होता है |

🔲 कहा जाता है कि भगवान से हमेशा लंबे ध्यान मग्न के अधीन होते हैं इसी कारण से भगवान से हमेशा पहाड़ों को अपना निवास स्थल बनाते हैं ताकि उनके ध्यान में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न ना हो |

🔲 दोस्तों इस मंदिर को शिव मंदिर के अलावा हनुमान मंदिर इसीलिए कहा जाता है क्योंकि भगवान शिव के अलावा यहां पर भगवान श्री बजरंगबली के दर्शन करने को भी मिलते हैं | यहां पर भगवान श्री बजरंगबली सिंदूर लगाए हुए बहुत सुंदर प्रतिमा के रूप में हैं |

दोस्तों यह मंदिर अलीराजपुर जिले के एक छोटे से गांव भोरण के अंतर्गत आते हैं | दोस्तों अलीराजपुर की है बहुत ही सुंदर जगह है जहां पर हमेशा लोग दर्शन करने के लिए जाते हैं और आनंद लेते हैं|

⚫️ मां मनोकामनेश्वरी माता मंदिर –

दोस्तों यह मंदिर अलीराजपुर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो कि एक धार्मिक स्थल है जहां पर अक्सर लोग माता के दर्शन करने के लिए जाते रहते हैं | दोस्तों इस मंदिर के पास में ही बहुत सुंदर बगीचा बना हुआ है जोकि बहुत सुंदर है यहां पर हरे भरे पेड़ पौधे और सुंदर फूल लगे हुए हैं | यहां पर आने के बाद मन का तनाव पूरी तरीके से दूर हो जाता है और बहुत सुंदर लगता है आप यहां पर माता के दर्शन करने के लिए आ सकते हैं और घूम सकते हैं| दोस्तों यह मंदिर एक धार्मिक मंदिर है जहां पर माता के भक्तों की भीड़ लगी रहती है |

🔲 इस मंदिर के पास में ही एक झील है जहां पर आप अपने परिवार के साथ घूम सकते हैं और प्रकृति का मनोरम दृश्य देख सकते हैं | यहां पर आने के बाद मन को एक अलग ही शांति महसूस होती है और ऐसा लगता है मानो हम एक दूसरी दुनिया में आ चुके हैं|

🔲 यहां पर माता शक्ति की एक से अधिक प्रतिमाओं को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है और उनके दर्शन किए जा सकते हैं | माता की प्रतिमा बहुत सुंदर और आकर्षक प्रतिमाएं हैं उनको देखने के बाद आपको ऐसा लगेगा मानव की यह मूर्ति बोलना चाहती है |

🔲 यहां पर प्रतिवर्ष नवरात्रि के समय पर माता के लिए जवारे बुवाए जाते हैं जो कि एक प्राचीन परंपरा परंपरा है | नवरात्रि के समय यहां पर बहुत अच्छा लगता है |

⚫️ कट्ठीवाड़ा जलप्रपात-

दोस्तों जैसा कि आपको पता है जलप्रपात कोई भी हो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है ठीक उसी प्रकार कट्ठीवाड़ा जलप्रपात मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के अंतर्गत आने वाला बहुत ही सुंदर और प्राकृतिक जलप्रपात है |

🔲 इस जलप्रपात के चारों तरफ सुंदर पहाड़ियां देखने को मिलती हैं जो कि बहुत सुंदर और आकर्षक लगती हैं क्योंकि यहां पर उगता हुआ सूरज प्रकृति की सुंदरता को चारों तरफ बिखेर देता है |

🔲 कट्ठीवाड़ा जलप्रपात का नाम यहां पर आने वाली कट्ठीवाड़ा तहसील के कारण पड़ा है क्योंकि यह जलप्रपात अलीराजपुर जिले की तहसील तहसील कट्ठीवाड़ा के अंतर्गत आता है |

🔲 इस जलप्रपात को देखने का सुंदर समय बरसात के समय का होता है यहां पर बरसात के समय पहाड़ों से पानी एकत्रित होकर झरने के रूप में गिरता है | जलप्रपात को देखने का सही समय उतरती बारिश का समय होता है क्योंकि इस समय पानी बहुत सुंदर और स्वच्छ हो जाता है |

🔲 दोस्तों यदि आप अलीराजपुर घूमने आते हैं तो आपको कट्ठीवाड़ा जलप्रपात जरूर देखना चाहिए क्योंकि यहां पर प्राकृतिक सुंदरता से भरा यह पर्यटक स्थल है |

🔲 यह पर्यटक स्थल अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है और यहां पर अक्सर लोग पार्टी जैसे पिकनिक पार्टी अथवा दोस्तों के साथ यहां पर घूमने के लिए आते हैं |

🔲 अलीराजपुर जिले की कट्ठीवाड़ा तहसील का कुछ हिस्सा गुजरात राज्य से लगता है | कट्ठीवाड़ा जलप्रपात यहां का बहुत ही प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जहां पर प्रतिवर्ष सैकड़ों लोग इस जलप्रपात को देखने के लिए आते हैं

यह जलप्रपात अलीराजपुर के राष्ट्रीय राजमार्ग से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इस जलप्रपात तक आप अपने पर्सनल वाहन के द्वारा भी जा सकते हैं और किसी अन्य यातायात साधन के माध्यम से भी जा सकते हैं |

दोस्तों जब अक्सर छुट्टियों के दिन चलते हैं तब यहां पर अधिक से अधिक भीड़ को देखा जा सकता है क्योंकि लोग छुट्टियों के समय में फुर्सत होते हैं और उनके दिमाग में अक्सर यह विचार आता है कि क्यों ना कहीं घूमने के लिए जाया जाए | जब लोग घूमने की बात करते हैं तब उनके दिमाग में एक बात जरूर आते हैं कि हमारे सबसे पास में ऐसा कौन सा पर्यटक स्थल है जिसे हम देख सकते हैं और अपना समय बिता सकते हैं | दोस्तों किसी तरीके से कट्ठीवाड़ा जलप्रपात के आसपास के लोग जिन्होंने इस जलप्रपात को नहीं देखा है वह छुट्टियों के समय में कैसे जलप्रपात का भ्रमण करने के बारे में जरूर सोचते हैं |

⚫️ अलीराजपुर का ईश्वर मंदिर-

अलीराजपुर का ईश्वर मंदिर जिसे बाबा ईश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है घने जंगलों के बीच स्थित है | दोस्तों बाबा ईश्वर मंदिर भगवान शिव के लिए समर्पित है जिनके बारे में हमेशा कहा जाता है कि भगवान शिव का निवास हमेशा से ही जंगलों में रहा है अर्थात पर्वतों में रहा है | भगवान शिव की किसी भी शिवलिंग को आप देख लीजिए ज्यादातर 90% से ज्यादा शिवलिंग आपको पहाड़ी क्षेत्र अथवा पर्वतों पर मिलेंगे |

🔲 दोस्तों भगवान शिव का यह मंदिर एक प्राचीन मंदिर है अलीराजपुर के धार्मिक स्थलों में से यह मंदिर से भी एक महत्वपूर्ण मंदिर है | भगवान शिव की दर्शन करने के लिए उनके भक्तों की यहां पर हमेशा भीड़ बनी रहती है |

🔲 भगवान शिव के दर्शन करने के लिए उनके भक्त यहां पर किसी भी समय आते रहते हैं लेकिन ज्यादातर उनके भक्तों के आने का समय प्रत्येक महीना की अमावस्या को होता है |

🔲 दोस्तों एक मंदिर में आपको भगवान शिव की प्राचीन मुख्य शिवलिंग की अलावा भी यहां पर अन्य शिवलिंग देखने को मिलते हैं जो कि बहुत सुंदर है

🔲 दोस्तों इस शिवलिंग के ऊपर जलधारा बहती है जोकि बहुत सुंदर लगती है | शिवलिंग के ऊपर से बहता हुआ पानी यहां पर हमेशा बहता रहता है |

🔲 भगवान शिव का यह प्राचीन मंदिर अलीराजपुर की एक सोरवा नामक स्थान पर मौजूद है |

🔲 दोस्तों भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आप भी यहां पर आ सकते हैं इस मंदिर तक जाने के रास्ते बहुत ही शुभम और सुलभ हैं| मंदिर तक पहुंचने के लिए आप यदि दूर से हैं तो रेलवे के माध्यम से भी भोपाल से होकर अलीराजपुर जा सकते हैं और यदि आप लोकल के हैं तो आप टू व्हीलर अथवा फोर व्हीलर के माध्यम से मंदिर तक पहुंच सकते हैं |

⚫️ शहीद चंद्रशेखर बांध-

अलीराजपुर जिले के अंतर्गत आने वाली हथनी नदी यहां की प्रमुख नदी है जिसके जल के माध्यम से अलीराजपुर की जलापूर्ति पूरी होती है | हथनी नदी पर बना हुआ चंद्रशेखर बांध यहां का प्रमुख पर्यटक स्थल है जहां पर आप घूमने के लिए जा सकते हैं |

शहीद चंद्रशेखर बांध-

🔲 दोस्तों हथनी नदी पर बना हुआ यह बांध बहुत ही सुंदर और खूबसूरत है यह बांध यहां का प्रमुख पर्यटक स्थल है |

🔲 दोस्तों चंद्रशेखर बांध को नाना फाटा नाम से भी जाना जाता है|
दोस्तों इस नाम के पीछे कोई बहुत बड़ी वजह नहीं है परंतु ऐसा कहा जा सकता है कि यह बांध नानापुर नामक गांव में स्थित है इसी कारण से इसका नाम नाना फाटा नाम पड़ा है |

🔲 इस बांध का सबसे सुंदर स्वरूप बरसात के समय देखने को मिलता है क्योंकि बरसात के समय में पानी अधिक बरस जाने के कारण यह बात पूरी तरीके से भर जाता है और बांध भर जाने के कारण इस बांध की गेट खोल दिए जाते हैं जिस कारण से यहां पर गिरता हुआ पानी बहुत सुंदर प्रतीत होता है |

🔲 इस बांध तक जाने के लिए आप फोर व्हीलर के माध्यम से भी जा सकते हैं और टू व्हीलर के माध्यम से भी जा सकते हैं | यहां का नजारा बहुत ही सुंदर और खूबसूरत लगता है आप अपने परिवार के साथ यहां पर पिकनिक टूर पर भी आ सकते हैं और घूमने भी आ सकते हैं |

⚫️ नर्मदा नदी और हथनी नदी का संगम-

दोस्तों हथनी नदी अलीराजपुर जिले में बहती हुई जिले की जलापूर्ति को पूरा करती है और साथ ही इसी जिले से नर्मदा नदी भी होकर बहती है जिले के 1 मुख्य पॉइंट पर नर्मदा नदी और हथनी नदी का संगम होता है | दोस्तों जहां पर हथनी नदी और नर्मदा नदी का संगम होता है किसी संगम पर बहुत सारे धार्मिक मंदिर बने हुए हैं जहां पर आप घूम सकते | नदी के किनारे बने हुए यह मंदिर बहुत ही सुंदर और आकर्षक लगते हैं साथ ही पेड़ पौधे होने के कारण यहां पर बहुत सुंदर लगता है |

दोस्तों यहां पर पर्यटन का आनंद लेने के लिए आप नाव का भी इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि यहां पर वर्तमान में नाविक भी मौजूद हैं जिनके माध्यम से आप नाव की सवारी को भी कर सकते हैं |

अलीराजपुर जिला – Alirajpur tourist places in hindi FAQ’s

☑️ शहीद चंद्रशेखर बांध किस नदी पर स्थित है?

शहीद चंद्रशेखर बांध मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में बहने वाली हथिनी नदी पर बना हुआ है |

☑️ लक्ष्मणी तीर्थ मंदिर अलीराजपुर जिले का किस लिए प्रसिद्ध है?

अलीराजपुर का लक्ष्मणी तीर्थ मंदिर जैन धर्म से संबंधित है परंतु यहां पर है इस मंदिर को देखने के लिए अथवा दर्शन करने के लिए सभी धर्म के लोगों का आना जाना लगा रहता है |

☑️ नर्मदा नदी और हथनी नदी का संगम मध्य प्रदेश के किस जिले में होता?

नर्मदा नदी और हथनी नदी का संगम मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले में होता है ऐसे संगम पर बहुत सारे धार्मिक मंदिर बने हुए हैं |

☑️ खंबा जलप्रपात किस जिले में स्थित है?

खंबा जलप्रपात मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में स्थित है यह जलप्रपात के चारों तरफ सुंदर पर्वत देखने को मिलते हैं |

☑️ अलीराजपुर जिले की स्थापना कब हुई?

17 मई 2008 को अलीराजपुर जिले को झाबुआ जिले से अलग करके बनाया गया था|

☑️ चंद्रशेखर आजाद नगर का पुराना नाम क्या है?

दोस्तों झाबुआ जिले के अंतर्गत आने वाला भाभरा नामक गांव वर्तमान में चंद्रशेखर आजाद नगर के नाम से जाना जाता है जोकि 17 मई 2008 के बाद अलीराजपुर जिले के अंतर्गत आता है |

अलीराजपुर जिले की स्थापना से पहले चंद्रशेखर आजाद नगर झाबुआ जिले का हिस्सा हुआ करता था |

☑️ महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद का जन्म कहां पर हुआ था?
महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जी का जन्म मध्य प्रदेश के भाव भरा नामक गांव जिसे वर्तमान में चंद्रशेखर आजाद नगर के नाम से जाना जाता है यहां पर उनका जन्म हुआ था | किसी गांव में चंद्रशेखर आजाद जी का बचपन गुजरा है |

☑️ अलीराजपुर जिले में कौन सी जनजाति निवास करती है?

अलीराजपुर जिले मेंभील जनजाति निवास करती है |

🔲 मध्य प्रदेश का आदिवासी खेल विद्यालय किस जिले में स्थित है?

मध्य प्रदेश का आदिवासी खेल विद्यालय मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में स्थित है|

🔲 मध्यप्रदेश में डोलोमाइट खनिज कहां पर प्राप्त होता है ?

मध्यप्रदेश में डोलोमाइट खनिज अलीराजपुर जिले में प्राप्त होता है|

🔲 मध्य प्रदेश का मयूर अभ्यारण किस जिले में है?

मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले में कट्ठीवाड़ा के अंतर्गत आने वाला अभ्यारण जिसे मयूर अभ्यारण के नाम से भी जाना जाता है इस अभयारण्य में मोर को सर्वाधिक रूप से देखा जा सकता है |

🔲 मध्यप्रदेश में जोबट मान परियोजना किस जिले में है?

मध्यप्रदेश में जोबट मान परियोजना अलीराजपुर जिले के अंतर्गत आती है |

Website Home ( वेबसाइट की सभी पोस्ट ) – Click Here
———————————————————-
Telegram Channel Link – Click Here
Join telegram

Leave a Comment