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कंप्यूटर क्या है? : कम्प्यूटर पर निबंध ( Essay On Computer )
Computer का शाब्दिक अर्थ होता है – संगणक अर्थात गणना करना | Computer शब्द लैटिन भाषा के Compute से मिलकर बना है जिसका अर्थ होता है- गणना करना| इस प्रकार कंप्यूटर का अर्थ होता है गणना करने वाला उपकरण |
सामान्य परिचय- दोस्तों कंप्यूटर के इतिहास के बारे में कहें तो कुछ ज्यादा पुराना नहीं है | लेकिन आपको बता दें कि हर वर्ष कंप्यूटर के क्षेत्र में कुछ ना कुछ नया बदलाव हो जाता है या ऐसे कहें कि एक नया विकास हो जाता है |
दोस्तों !जैसा कि आप जानते हैं कि, एक जमाना था जब लोग अपने जमाने में एक दूसरे को चिट्ठी लिखा करते थे | तब कहीं चिट्ठी दो-चार दिन में एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंच पाती थी इस प्रकार लोगों को खबर मिल पाती थी | दोस्तों आज के समय में कंप्यूटर के विकास ने हमारे काम को जो स्पीड दी है वह हमारे लिए वरदान साबित हुई है | लोगों को बहुत ही आसान हो गया है लंबे समय के काम को कम समय में करने के लिए | कंप्यूटर के माध्यम से घंटों का काम मिनटों में और मिनटों का काम सेकंड में और सेकंड का काम नैनो सेकंड में होने लगा है |
उदाहरण के लिए पहले लोगों को किसी खबर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के लिए या तो कोई पत्र लिखना होता था या फिर किसी व्यक्ति को स्वयं जाना होता था | परंतु आज के समय में कंप्यूटर के विकास के माध्यम से अथवा मोबाइल के माध्यम से खबर को कुछ ही पलों में खबर को भेजा जा सकता है | उदाहरण के लिए ईमेल किया जा सकता है ठीक वैसे ही पत्र को भेजा जा सकता है जैसे हम कागज पर लिखा करते थे परंतु यह पत्र डिजिटल रूप से दिखाई देगा |
COMPUTER का फुल फॉर्म-
- C-Common
- O- Operating
- M-Machine
- P-Purposely, used for
- T- Technology , and
- E- Educational
- R-Research
दोस्तों ऐसा माना जाता है कि 90% से ज्यादा करेंसी कंप्यूटर पर ही होती है अर्थात डिजिटल रूप में |
दोस्तों पहले कंप्यूटर का साइज 18 स्क्वायर फीट का था और इसका वजन 27 टन था |
वर्तमान में प्रचलित कंप्यूटर के ब्रांड-
Hp, Lenovo, mi, Acer, Dell, Macbook, (apple),HCL
कंप्यूटर सामान्य तरीके से एक मशीन है जिसे ,हम प्रोग्राम कर सकते हैं | बहुत से लॉजिकल और अर्थमैटिक फंक्शन के लिए | कंप्यूटर वही काम को करेगा जो उसको इंस्ट्रक्शन दिया जाएगा अर्थात इनपुट किया जाएगा |
चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का जनक कहा जाता है आप उनको कंप्यूटर का पिता भी बोल सकते हैं |
चार्ल्स बैबेज ने ही सर्वप्रथम 1830 में एनालिटिकल इंजन को तैयार किया था जिसे, आगे जाकर कंप्यूटर के रूप में जाना जाने लगा था | उस समय इसका आकार बहुत बड़ा हुआ करता था लगभग एक कमरे के बराबर |
दोस्तों चाहे कोई दफ्तर हो या कोई बड़ी संस्था, स्कूल ,कॉलेज, यूनिवर्सिटी ,पुलिस हेड क्वार्टर , बैंक, होटल, पॉलिटिकल ऑफिस, सभी जगह है इत्यादि स्थान पर कंप्यूटर का प्रयोग लगभग किया जाने लगा है | यहां तक की कंप्यूटर का प्रयोग किसी बड़े वाहन ,लग्जरी कार, ट्रक, ट्रेन ,एरोप्लेन, हेलीकॉप्टर आदि वाहनों में संपूर्ण रुप से कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है |
दोस्तों बढ़ती प्रगति के साथ आज के समय में शिक्षा के क्षेत्र में भी कंप्यूटर का बहुत बड़ा योगदान रहा है| शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर से संबंधित अलग-अलग प्रकार से कोर्स किए जाने लगे हैं जैसे- IT , BCA, DCA, PGDCA, COPA, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, आदि चीजें प्रचलन में हैं |
कंप्यूटर के महत्वपूर्ण भाग

दोस्तों कंप्यूटर एक अकेले अथवा एक चीज से मिलकर नहीं बना होता है | ऐसे कई भागों से मिलकर बनाया जाता है जिसमें सबसे महत्वपूर्ण भाग होते हैं उसके सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर |
1. सॉफ्टवेयर –
दोस्तों सॉफ्टवेयर कोई हाथ में लेने वाली वस्तु
नहीं होती है और ना ही आप इसको छू सकते हैं | सॉफ्टवेयर को केवल आप अपने कंप्यूटर की स्क्रीन अथवा लैपटॉप की स्क्रीन या मोबाइल की स्क्रीन पर केवल देख सकते हैं | सॉफ्टवेयर एक प्रकार से प्रोग्राम होता है जिसमें आप कोई डाटा स्टोर कर सकते हैं | सॉफ्टवेयर निर्देशों का सेट होता है और इसी प्रोग्राम भी कहा जाता है |
2. हार्डवेयर –
दोस्तों हार्डवेयर कंप्यूटर के वह भाग होते हैं
जिनको कंप्यूटर से जोड़ा जाता है | हार्डवेयर को आप सो सकते हैं इधर-उधर उठाकर रख सकते हैं | उदाहरण के लिए कीबोर्ड, माउस एक प्रकार से हार्डवेयर ही हैं |
3. सीपीयू/CPU-
सीपीयू का फुल फॉर्म होता है -सेंट्रल
प्रोसेसिंग यूनिट |
दोस्तों जैसा कि आपको बता दिया जाए कि सीपीयू को ‘कंप्यूटर का मस्तिष्क ‘ भी कहा जाता है | सीपीयू को कंप्यूटर का मस्तिष्क कहे जाने के पीछे सीपीयू की क्रियाएं हैं | दोस्तों कंप्यूटर में होने वाली जो प्रोसेस है वह सीपीयू में ही पूरी होती है | जब भी हम मॉनिटर को इंस्ट्रक्शन देते हैं या कोई डाटा इनपुट करते हैं तो उसका क्या परिणाम मिलेगा इसकी प्रोसेस सीपीयू में ही होती है | अर्थात कंप्यूटर में जो भी एक्टिविटी कंट्रोलिंग होगी वह सीपीयू में ही होती है |
दोस्तों दुनिया के अधिकतर कंप्यूटर और लैपटॉप में इंटेल का ही प्रोसेसर प्रयोग होता है और इसे सबसे उत्कृष्ट प्रोसेसर भी माना जाता है| एयरटेल का इंटेल का सबसे एडवांस प्रोसेसर i9 है |
4. WWW/ वर्ल्ड वाइड वेब –
इंटरनेट पर मिलने वाले वेब पेजों के समूह या + डाटा होता है उसका कलेक्शन जो वेब सर्वर में स्टोर रहता है |
5. Bit/byte-
कंप्यूटर मेमोरी की सबसे छोटी यूनिट bit होती है|
8Bit= 1Byte साधारण का एक अक्षर अथवा एक नंबर|
6. File/ फाइल –
दोस्तों फाइल एक प्रकार से एक सॉफ्टवेयर है जिसमें, हम अपना डाटा स्टोर कर सकते हैं|
7. फोल्डर
दोस्तों फोल्डर फाइल का वह रूप है जिसमें एक से अधिक फाइलों को रिस्टोर किया जा सकता है | एक फोल्डर में कई फाइलों को एकत्रित किया जा सकता है और डाटा को स्टोर किया जा सकता है |
8. window-
किसी प्रोग्राम को जब शुरू किया जाता है डेस्कटॉप पर अथवा लैपटॉप पर तब जो डिस्प्ले दिखाई देती है उसे ही विंडो कहते हैं | जिसे मिनिमाइज ,maximise , और close किया जा सकता है |
9. virus/ वायरस –
दोस्तों वायरस एक प्रकार का कोड या प्रोग्राम होता है जो एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस में बड़ी आसानी से चला जाता है और कंप्यूटर की फाइल में जाकर उसको नुकसान पहुंचाता है |
दोस्तों कंप्यूटर वायरस की सबसे खास बात यह होती है कि यह अपनी ही कॉपिंग करता है अर्थात जब किसी एक फाइल में कोई एक वायरस आ जाता है तो वह अपनी ही कॉपी करता जाता है और यह प्रक्रिया प्रत्येक वायरस आगे दोहराता है| इस प्रकार परिणाम स्वरूप वायरस की संख्या बहुत ज्यादा मात्रा में हो जाती है तब हमारा कंप्यूटर खराब भी हो जाता है | दोस्तों वायरस से होने वाले नुकसान तो यह होता है कि सबसे पहले हमारा कंप्यूटर हैंग करने लगेगा | हैंग करने का अर्थ होता है हमारे कंप्यूटर की जो इस स्पीड होगी वह बहुत ही कम हो जाएगी और फिर किसी भी फाइल को ओपन करने में बहुत टाइम लग सकता है| कभी-कभी जब हम ब्राउज़र को ओपन करेंगे तो कोई भी फाइल या कोई भी डाटा तुरंत हमें नहीं मिल पाएगा इसमें भी बहुत ज्यादा समय लग सकता है |

दोस्तों कंप्यूटर वायरस इतना खतरनाक होता है की हमें पता ही नहीं लगता कि हमारे कंप्यूटर में कंप्यूटर वायरस कब प्रवेश हो गया है | जब भी हम कभी कभी किसी डांटा को इंस्टॉल करते हैं या फिर कोई मेमोरी कार्ड अपने कंप्यूटर में फंसाते हैं तब भी ऐसा हो सकता है कि हमारे कंप्यूटर में वायरस प्रवेश कर जाए | इस प्रकार नुकसान यह होता है की वायरस हमें दिखाई ही नहीं देता उसको हम ढूंढ नहीं सकते कि किस फाइल में वायरस है |
वायरस से सबसे बड़ा नुकसान तो यह होता है कि जब कोई हैकर वायरस की मदद से हमारी जानकारी को निकाल लेता है | इस प्रकार परिणाम यह भी हो सकता है कि हमें बहुत बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ जाए | यदि किसी का डाटा चोरी हो जाता है तो सबसे पहले संभावना होती है की बैंक अकाउंट संबंधित समस्या हो सकती है |
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दोस्तों इस प्रकार की समस्या से बचने का कोई विशेष उपाय नहीं है केवल आप बड़ी सावधानी के साथ कंप्यूटर को चला सकते हैं और अपने डेटा को सुरक्षित रख सकते हैं | सिक्योरिटी के माध्यम से हम अपने डाटा को पूर्णता : सुरक्षित रख सकते हैं और जो भी कंप्यूटर के निर्देश होते हैं उसी के अनुसार हमें कंप्यूटर को चलाना चाहिए |
दोस्तों इस प्रकार की समस्या से बचने के लिए हमें अपना आईडी पासवर्ड कभी किसी को नहीं बताना चाहिए |
दोस्तों कंप्यूटर वायरस की समस्या से बचने के लिए आप केवल सावधानियां रख सकते हैं और बताओ कर सकते हैं ताकि आपके कंप्यूटर में कंप्यूटर वायरस प्रवेश ही ना हो | कंप्यूटर वायरस आपके कंप्यूटर में प्रवेश ना करें इसके लिए आपको किसी ऐसे डाटा को डाउनलोड नहीं करना है जिससे कि वायरस के आने की संभावना हो | कंप्यूटर में किसी भी प्रकार के मेमोरी कार्ड को नहीं फसाना है यदि केवल वह मेमोरी कार्ड उसी कंप्यूटर के लिए है तो आप उसको प्रयोग में ला सकते हैं लेकिन सावधानियों के साथ |
कंप्यूटर का विकास
दोस्तों जब एनालिटिकल इंजन तैयार किया गया था तब कंप्यूटर इतना सक्षम नहीं था | लेकिन आज के समय में बहुत ज्यादा विकसित है और विभिन्न प्रकार के कार्य को करने के लिए सक्षम हैं | 1830 -1832 इस समय तक केवल गणना के लिए प्रयोग होते थे | उस समय इस प्रकार के कंप्यूटर निर्मित किए जाते थे कि वह केवल एक ही कार्य करते थे | वर्तमान समय में तो कंप्यूटर का विकास इतनी तेजी से हुआ है कि एक साथ कई कर सकता है इसमें महत्वपूर्ण(AI) कृत्रिम बुद्धिमत्ता आ रही है |
कंप्यूटर के विकास को कुछ इस प्रकार विभाजित किया जा सकता है-
1. फर्स्ट जनरेशन- वेक्यूम ट्यूब(1940 से 1956)
2. 2nd जनरेशन – ट्रांजिस्टर निर्मित (1956 से 1963)
3. थर्ड जनरेशन – इंटीग्रेटेड सर्किट प्रयुक्त(1964 से 1971)
4. 4th जनरेशन – माइक्रोप्रोसेसर युक्त (1971से अभी तक)
5. 5th जनरेशन- अभी चल रहा है( भविष्य में इसी का प्रयोग हुआ AI कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ)

पुराने समय में जब कंप्यूटर 50 के दशक के आसपास बनाए जाते थे तब उस समय उनका आकार बहुत बड़ा होता था |पहले वेक्यूम ट्यूब आधारित कंप्यूटर लगभग एक कमरे के बराबर होते थे| इस प्रकार का कंप्यूटर केवल एक ही काम कर सकता था |
वहीं दूसरी ओर आज के समय में डेस्कटॉप, लैपटॉप आदि के माध्यम से एक साथ कई कार्यों को किया जा सकता है |
आज के समय में कंप्यूटर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर बहुत आसानी से ले जाया जा सकता है | उदाहरण के लिए लैपटॉप को आप कहीं भी ले जा सकते हैं बड़ी आसानी से अपने बैग में डालकर |
कंप्यूटर से होने वाले फायदे –
दोस्तों आज के समय में कंप्यूटर से होने वाले फायदे अनेकों हैं जिनको आप हनी को चित्रों में देख सकते हैं | यहां तक कि 95% से ज्यादा काम लोग कंप्यूटर के माध्यम से करने का प्रयास करते हैं | दोस्तों हमारे काम करने का तरीका पूरी तरह से बदल गया है पहले जिस काम को करने के लिए हमें पूरा दिन लगता था आज के समय में वही काम 1 मिनट में हो जाता है आप ऐसा समझ सकते हैं कि बहुत ही कम समय में बड़े से बड़े काम को किया जा सकता है | कंप्यूटर से होने वाले फायदे निम्नानुसार है-
1. स्पीड –
दोस्तों कंप्यूटर में स्पीड का बहुत बड़ा रोल होता है जहां पुराने जमाने में कोई काम पूरे दिन में हो पाता था | वहीं दूसरी तरफ आज के समय में वही काम को करने के लिए हम बहुत ही कम समय में कर देते हैं | आज के समय में लोग कंप्यूटर के माध्यम से बड़े से बड़े काम पल भर में पूरा करने में सक्षम हैं |
2. मल्टी टास्किंग–
दोस्तों मल्टीटास्किंग का अर्थ होता है- एक साथ अनेक काम को करना | आज के जमाने में कंप्यूटर के द्वारा एक साथ एक से अधिक कार्य को बड़ी आसानी से किया जा सकता है |बहुत कम समय में घंटों का काम मिनटों में हो जाता है | आज के समय में कंप्यूटर प्रति सेकंड लाखों इंस्ट्रक्शंस को फॉलो कर रहा है और प्रति सेकंड कई काम कर रहा है |

3. Accurecy –
दोस्तों एक्यूरेसी का अर्थ होता है – शुद्धता | अब आप समझ गए होंगे कि कंप्यूटर के द्वारा जो काम किया जाएगा उसमें कोई गलती नहीं होगी वह पूर्णतया शुद्ध होगा | दोस्तों दरअसल बात यह है कि कंप्यूटर तो मशीन है उसको जिस प्रकार का इंस्ट्रक्शंस दिया जाएगा उसी प्रकार से वो उसका परिणाम देगा | कंप्यूटर में यदि गलत इंफॉर्मेशन टाइप होगी तो उसका परिणाम वह उसी तरीके से देगा|
4. खेती के क्षेत्र में कंप्यूटर का योगदान-
दोस्तों खेती के क्षेत्र में कंप्यूटर का बहुत ही अहम योगदान है कंप्यूटर के माध्यम से खेती में मौसम की जानकारी से लेकर उसके खाद की जानकारी ,बीज की जानकारी बहुत ही ऐसी तकनीकों को किसानों को दिया है जिससे किसान बड़ी आसानी से खेती में कम क्षेत्रफल में ज्यादा उपज लाने में सक्षम है | आज के समय में किसान कृषि एप के द्वारा अपनी हर समस्या को हल कर रहे हैं| किसानों को जिस प्रकार के उन्नत बीज की जरूरत है बहुत ही कम समय में उपलब्ध हो जाता है बीच की जानकारी से संबंधित और उनके रोगों से संबंधित सारी जानकारी आज के समय में कृषि एप के द्वारा किसानों को हर जरूरत समय के अनुसार उपलब्ध हो जाती है | जिससे किसानों को नुकसान नहीं उठाना पड़ता और खेती में सही समय पर सही तरीके से जिस चीज की जब जरूरत होती है उपलब्ध हो जाती है |
कंप्यूटर से होने वाली हानियां-
1. DATA HACK PROBLEM-
दोस्तों कई बार क्या होता है ,हम कंप्यूटर में अपने पर्सनल जानकारी को या अपने पर्सनल डाटा को भी सेव करके रखते हैं | ऐसे में हैकर कंप्यूटर वायरस की मदद पर हमारे डाटा तक पहुंच जाते हैं और हमें भनक तक नहीं लगती | एकाएक अचानक हमारे डाटा को हैकर चुरा भी सकते हैं और फिर कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है | इसमें डाटा सिक्योरिटी का बहुत बड़ा मुद्दा है यदि कोई चाहे कि हमारे डाटा को कभी हैक ना किया जाए तो हमें कंप्यूटर चलाते समय पूरी सावधानियों के साथ कंप्यूटर को चलाना चाहिए और आईडी पासवर्ड बगैरा कभी किसी को नहीं बताना चाहिए जो उचित है |
2. आंखों को नुकसान-
दोस्तों कई बार हम जान ही नहीं देते कि हमें कितना कंप्यूटर को चलाना चाहिए | जब हम कंप्यूटर को जरूरत से ज्यादा चलाते हैं तो उसकी स्क्रीन की चमक को लगातार देखने से हमारी आंखों को नुकसान उठाना पड़ सकता है साथ ही साथ ज्यादा देर तक बैठने से हमारे शरीर को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है | ऐसा माना जाता है कि कोई भी मशीन एक निश्चित समय के बाद आराम मांगती है ठीक वैसे ही जिस तरीके से हम कोई काम करते हैं तो हमें थकान हो जाती है तो हमें भी लगता है कि हमें आराम की जरूरत है यदि हम आराम नहीं लेंगे तो हमारा शरीर दर्द करने लगता है | ठीक वैसे ही कंप्यूटर के साथ भी होता है यदि उसको निश्चित समय के बाद नहीं रोका गया या उसे बंद नहीं किया गया उस पर लगातार काम करते रहे तो आपका कंप्यूटर भी खराब हो सकता है क्योंकि वह भी एक प्रकार से मशीन ही है गरम हो सकती है और खराब हो सकती है |

3. बढ़ती निर्भरता-
दोस्तों बढ़ती निर्भरता किसी एक के लिए नहीं बल्कि पूरी समाज के लिए नुकसान साबित हो रहा है | लोग पहले पुराने जमाने में परिवार के साथ बैठक करते थे खाना खाया करते थे बातें किया करते थे तब परिवार में एक प्रकार से खुशी का माहौल हुआ करता था | लेकिन आज के समय में ऐसा माहौल आपको देखने को नहीं मिलेगा | आज के समय में लोग मोबाइल ( जो कि एक कंप्यूटर का ही भाग है- छोटी इकाई) मैं इतने व्यस्त हो गए हैं कि एक दूसरे से किसी को कोई मतलब ही नहीं है इससे पारिवारिक प्रेम भी विच्छेद हो रहा है और परिवार का माहौल भी बिगड़ रहा है |
4. कंप्यूटर का गलत उपयोग-
आज के समय में कई लोग कोई अच्छा काम सीखने के बजाय कंप्यूटर का उपयोग गलत तरीके से करते हैं | जिसमें आज के समय में मोबाइल से सबसे बड़ा नुकसान बच्चों को हो रहा है | इसमें बच्चों को वीडियो गेम की लत लग रही है जिसमें बच्चे बिना समय को देखते हुए किसी भी समय खेलते हैं और फिर परिणाम यह निकलता है कि बच्चे खेल में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि वह सोना भी छोड़ देते हैं इसका साधारण उदाहरण है पब्जी गेम ,फ्री फायर इत्यादि |
पब्जी गेम से तो कई बच्चों की जान भी चली गई है| पब्जी गेम की इतनी खतरनाक आदत लग जाती है कि वह अपना दिमागी संतुलन खो बैठते हैं और तरह-तरह की हरकतें भी करते हैं | इसलिए उचित यही है की मोबाइल हो या कंप्यूटर जरूरत के हिसाब से और उचित तरीके से चलाया जाए |
वहीं दूसरी तरफ बच्चों के हाथ में मोबाइल पहुंच जाने के बाद वह इंटरनेट का कहां इस्तेमाल करते हैं किसी को कोई खबर नहीं होती है |कई बार कम उम्र के बच्चे अश्लील साइट के शिकार हो जाते हैं जिसको, बार-बार देखने की उनको आदत लग जाती है फिर कहीं ना कहीं उनका दिमागी संतुलन बुरी तरीके से बिगड़ जाता है और उन्हें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है |
5. बेरोजगारी–
दोस्तों जहां कंप्यूटर के विकास से हमने बहुत ही हर क्षेत्र में तरक्की पाई है | वही दूसरी ओर जहां पर लोगों के द्वारा जिस काम को किया जाना था वहां पर अब वह काम कंप्यूटर के माध्यम से किया जा रहा है | जहां पर तो लोग काम को कर सकते थे जिस काम को करने के बाद जिनका घर चल सकता था अब उस काम की जगह मशीनों ने ले ली है | इससे पता चलता है कि कई क्षेत्रों में इस प्रकार की डिवाइस इंसानों की जगह ले लेगी जिससे नौकरी पाना और भी मुश्किल हो जाएगा |
कंप्यूटर सीखना क्यों जरूरी है?
दोस्तों आज के समय में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं होगा कि जो कंप्यूटर से अनभिज्ञ हो या ऐसे कहें कि कोई भी नहीं होगा जो कंप्यूटर के बारे में ना जानता हो | दोस्तों जैसा कि आपको पता है कि आज के समय में कोई भी ऐसा कार्य नहीं बचा है जो कंप्यूटर के द्वारा ना किया जाता हो | दुनिया के 95% से ज्यादा कार कंप्यूटर के माध्यम से ही किए जाते हैं जहां सालों पहले जिस काम को करने के लिए हमें पूरा दिन लग जाता था आज वही काम कंप्यूटर के माध्यम से सेकंड में हो जाता है |
दोस्तों आज का युग कंप्यूटर का युग है इस जमाने में कंप्यूटर का बहुत ही ज्यादा मात्रा में प्रयोग होता है | दोस्तों ऐसा कहा जाता है कि हमें हमेशा अपडेट रहना चाहिए तो अब आप सोच सकते हैं की जब कंप्यूटर का इतना ज्यादा प्रयोग होता है तो कहीं ना कहीं कंप्यूटर की हर एक व्यक्ति को जरूरत है कि उसे कंप्यूटर के बारे में सारी चीजें मालूम है |

दोस्तों कई बार क्या होता है हमें अपने काम को करवाने के लिए किसी अन्य व्यक्ति के पास जाना होता है जो कंप्यूटर का बहुत ही एक्सपर्ट होता है | ऐसे में स्वाभाविक है कि अगर वो एक्स्पर्ट है तो उसके पास भीड़ जरूर होगी | भीड़ होने के कारण हमें वहां पर इंतजार करना पड़ सकता है और यह भी हो सकता है कि हमें अपने चार-पांच घंटे बर्बाद करने पड़ सकते हैं |
दोस्तों इससे यह पता चलता है कि कहीं ना कहीं कंप्यूटर की सीखने की बहुत ही जरूरत है | दोस्तों जमाना बहुत ही डिजिटल हो गया है बहुत सारे काम ऐसे हैं जो ऑनलाइन ही होते हैं जैसे बिजली बिल जमा करना, बैंक में पैसे जमा करना आदि कार्य ऐसे हैं जो आप घर बैठे कर सकते हैं जिसके लिए आपको समय बर्बाद करके बाहर न जाना पड़े | तो स्वाभाविक है कि आपको कंप्यूटर चलाना आना चाहिए या यूं कहें की एंड्राइड फोन चलाना आना चाहिए| यदि आप से एंड्राइड फोन अच्छे तरीके से चलाना आता है तो आप घर बैठे बिजली बिल जमा कर सकते हैं ,ऑनलाइन किसी को पैसे भेज सकते हैं आदि चीजें कर सकते हैं |
कम्प्यूटर
कम्प्यूटर मानव मस्तिष्क के विकास का नवीनतम और भव्यतम रूप है। यह वैज्ञानिक आविष्कारों की श्रृंखला का अद्भुत रत्न है और वैचारिक क्रिया-कलापों को अतिशीघ्र निपटाने के कारण आज के युग का करामाती यंत्र है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में इसकी आवश्यकता का अनुभव होने लगा है। निश्चय ही 21वीं शताब्दी कम्प्यूटर शताब्दी के नाम से जानी जाएगी।
कम्प्यूटर का अर्थ एवं प्रादुर्भाव- कम्प्यूटर शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी के ‘कम्प्यूट’ शब्द से हुई है जिसका अर्थ होता है ‘गणना करना’। अतः स्पष्ट है कि कम्प्यूटर का सीधा संबंध गणना करने वाले यंत्र से है लेकिन इसकी आवश्यकता कुछ विशेष परिस्थितियों में हुई है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हवाई जहाज, पनडुब्बियों एवं लम्बी दूरी तक मार करने वाले टैंकों से मुकाबला करने के लिए हथियारों के प्रयोग में कठिन, अचूक तथा शीघ्र हो सकने वाली गणना क्षमता की आवश्यकता थी। इसी आवश्यकता की पूर्ति हेतु कम्प्यूटर का प्रादुर्भाव हुआ।
कम्यूटर के प्रमुख अंग –
कम्प्यूटर के चार मुख्य (अंग) भाग हैं- 1. की-बोर्ड, 2. सिस्टम यूनिट, 3. मॉनीटर, 4. माउस। की-बोर्ड में सामान्य अंग्रेजी वर्णमाला के सभी 26 अक्षरों के साथ-साथ अन्य कुछ अतिरिक्त कीज’ होती हैं जिसकी सहायता से कोई भी सूचना अन्तर्निहित कर सकते हैं। सिस्टम यूनिट में कम्प्यूटर का मस्तिष्क विद्यमान होता है अर्थात् उसके द्वारा सभी कार्य सम्पन्न होते हैं। इनमें इनपुट करने के लिए की-बोर्ड और माउस का प्रयोग किया जाता है और आउटपुट के लिए मॉनीटर या प्रिन्टर की सहायता लेते हैं। जब कम्प्यूटर पर काम किया जाता है. तो समस्त निर्देशों एवं उनके परिणामों का प्रदर्शन मॉनीटर की स्क्रीन पर होता है।
कम्प्यूटर के विभिन्न अनुप्रयोग –
आरंभ में कम्प्यूटर अंकों की गणितीय गणनाओं के सरलीकरण के लिए निर्मित हुए थे, वहीं आगे चलकर विभिन्न कार्यों में उन्हें प्रयुक्त किया जाने लगा। व्यावसायिक व वैज्ञानिक क्षेत्रों में इसका अनुप्रयोग बड़ी तेजी से हो रहा है। कार्यालय के वैतनिक विवरण में कर्मचारी से संबंधित जानकारियाँ उपलब्ध कराई जाती हैं। विक्रय का विश्लेषण, आयव्यय का लेखा-जोखा, बाजार की घटबढ़, भविष्य की संभावनाएँ इत्यादि के लिए कम्प्यूटर का बहुतायत से उपयोग हो सकता है। बैंक में कार्य अत्यधिक बढ़ता जा रहा है। वहाँ भी कम्प्यूटरों का उपयोग व्यापक रूप से किया जा सकता है। बैंकों की तरह बीमा कम्पनियों को भी बहुत बड़ा हिसाब-किताब सम्हालना होता है। उन्हें ग्राहकों का आजीवन लेखा-जोखा रखना पड़ता है। उनकी पॉलिसियों के समय-समय पर भुगतान इत्यादि का ध्यान रखना पड़ता है।
पश्चिमी देशों में कम्प्यूटर का विकास पूर्णरूपेण हो चुका है | अभी भारत में कम्प्यूटर के घरेलू उपयोग में उपयोग तेजी नहीं आई है | लेकिन आने वाले दशक में कम्प्यूटर लगभग दूरदर्शन और वी. सी.आर की तरह का घरेलू उपकरण हो जाएगा |
तब उसका प्रयोग शैक्षणिक कार्य हेतु घर का बजट बनाने, पत्र लेखन बधाई पत्र बनाने एवं मनोरंजन हेतु किया जावेगा | अत: जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में कम्प्यूटर के प्रयोग की आवश्यकता है | और यही समय का तकाजा भी है |

कंप्यूटर पर निबंध
आज का युग कंप्यूटर का युग है।कंप्यूटर एक ऐसी स्वचालित प्रणाली है।जो कैसी भी अवस्था को व्यवस्था में बदल सकती है। जीवन के सभी क्षेत्रों में कंप्यूटर का प्रवेश हो चुका है। वर्तमान में क्रिकेट के मैदान में एंपायर की निर्णायक भूमिका हो।या लाखों-करोड़ों या अरबो की गणनाए कंप्यूटर पलक झपकते ही हर समस्या का समाधान कर देता है।इसके अतिरिक्त बैंक रेलवे,स्टेशन हवाई अड्डे डाक खाने, बड़े बड़े उद्योग , कारखाने ,व्यवसाय हिसाब पिताब यहां तक कि नोट गिनने की मशीन तक कंप्यूटररीकृत हो गई है। कंप्यूटर ने फाइलों के बोझ को कम कर दिया है।विश्व के किसी भी कोने की पुस्तकालय में पुस्तक हो फिल्ममें हो या कोई घटना हर जानकारी जानकारी इंटरनेट पर उपस्थित हो जाती है। व्यक्ति के संपर्क बढ़ रहे हैं,व्यापार में बढ़ोतरी हो रही है। गतिविधियां बढ़ रही हैं,तो आपाधापी भी बढ़ रही है।मानव जीवन जटिल होता जा रहा है।
ऐसे समय में मानव की पागल गति को सुव्यवस्थित करने का कार्य कंप्यूटर करता है। आजज्योतिषी विद्या भी कंप्यूटर पर आधारित हो गई है। मौसम संबंधी घोषणाएं कंप्यूटर की गणनाओं पर आधारित होती है।मेडिकल क्षेत्र में कंप्यूटर जीवन रक्षक कवच बन कर अवतरित हुआ है। शल्य चिकित्सा में कंप्यूटर अहम भूमिका निभाता है। आधुनिक विज्ञान की सबसे बड़ी उपलब्धि रोबोट को माना जाता है। क्योंकि जटिल से जटिल कार्य विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में सफलतापूर्वक संपन्न करता है।
जैसे वेल्डिंग, पेंटिंग आयरन गलाना, परमाणु भट्टी के पास कार्य करना, भारी सामान उठाना, कचरा साफ करना आदि। ये सारे कार्य रोबोट के भीतर उसके मस्तिष्क में लगे हुए एक छोटे कंप्यूटर के द्वारा संभव होते हैं। युद्ध के क्षेत्र में जासूसी करना,बम या मिसाइल सही निशाने पर फेंकना कंप्यूटर द्वारा आसानी से हो पाता है।भवन निर्माण के क्षेत्र में जहां नक्शा बनाने में काफी मशक्कत और समय दोनों लगता है,वही कंप्यूटर में केवल लंबाई चौड़ाई आदि आंकड़े मात्रा से कुछ ही मिनटों में नक्शा तैयार हो जाता है।अतः कहा जा सकता है, कि कंप्यूटर आज के युग की अनिवार्यता है। इसके बिना आधुनिक युग की कल्पना भी नहीं की जा सकती । किंतु हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह एक मशीन है।इसका सदुपयोग या दुरुपयोग मानव की प्रवत्ति पर निर्भर करता है। यह मानव मस्तिष्क का पर्याय तो नहीं बन सकता क्योंकि इसे मानव ने ही बनाया है।
“कंप्यूटर भारत का गौरव नवीनतम।
गणना करें पलक झपकते अति सुंदरतम।”
प्रस्तावना – कंप्यूटर मानव मस्तिष्क की विकास का नवयत्म और भव्यतम रूप है।यह वैज्ञानिक आविष्कारों की श्रंखला का अद्भुत रत्न है। और वैचारिक क्रियाकलापों को अति शीघ्र निपटाने के कारण आज के युग का करामाती यंत्र है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आज इसकी आवश्यकता का अनुभव होने लगा है। निश्चय ही 21वीं शताब्दी कंप्यूटर शताब्दी के नाम से जानी जाएगी।
कंप्यूटर का उपयोग कहाँ कर सकते हैं?
आरंभ में कंप्यूटर अंक के गणितीय गणना के सरलीकरण के लिए निर्मित हुए थे। परंतु आगे चलकर विभिन्न कार्यों में उन्हें प्रयुक्त किया जाने लगा। व्यावसायिक व वैज्ञानिक क्षेत्रों में इसका अनुप्रयोग बड़ी तेजी से हो रहा है। कार्यालय के वैतनिक विवरण में कर्मचारी से संबंधित सभी जानकारियां उपलब्ध कराई जाती हैं। विक्रय का विश्लेषण आय-व्यय का लेखा-जोखा बाजार की घट बड़ भविष्य की संभावनाएं इत्यादि के लिए कंप्यूटर का बहुतायत से उपयोग हो सकता है। बैंकों में कार्य अत्याधिक बढ़ गया था इसीलिए वहां भी कंप्यूटर का उपयोग व्यापक रूप से किया गया। बैंकों की तरह बीमा कंपनियों को भी बहुत बड़ा हिसाब किताब संभालना होता है। उन्हें ग्राहकों का आजीवन लेखा-जोखा रखना पड़ता है।उनकी पॉलिसियों के समय समय पर भुगतान इत्यादि का ध्यान रखना पड़ता है। अतःइन सभी कार्यों के लिए कंप्यूटर महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं।यह नहीं उद्योगों के उत्पादन की रूपरेखा विभिन्न विभागों में सहयोग इत्यादि कार्य कंप्यूटर द्वारा किए जा सकते हैं।
अंतरिक्ष की सूचनाओं को कंप्यूटर द्वारा प्राप्त करना और फिर विश्लेषण करके निष्कर्ष निकालना संभव है।हवाई यात्रा, रेलवे यातायात नियंत्रण,तार व टेलीफोन इत्यादि के सुचारू रूप से संचालन में अभी इनका उपयोग बढ़ता जा रहा है।
आज कंप्यूटर कलात्मक एवं चित्रकार की भूमिका को भी सफलतापूर्वक निर्वाह कर रहे हैं। कंप्यूटर की सक्षम बैठकर कलाकार अपने नियत कार्यक्रम के अनुसार स्क्रीन पर चित्र बनाता है। यह चित्र प्रिंट की कुंजी दबाते ही प्रिंट के माध्यम से कागज पर वास्तविक रंगों के साथ छाप दिया जाता है।
पुस्तक एवं समाचार पत्रों की प्रकाश क्षेत्रों में भी कंप्यूटर का महत्वपूर्ण योगदान है ।कंप्यूटर से संचालित फोटो कमपोजिंग मशीन के द्वारा छापने वाली मशीन से टंकिट किया जाता है। टंकित की जाने वाली सामग्री को कंप्यूटर के पर्दे पर निहारा जा सकता है तथा उसमें संशोधन भी किया जा सकता है।
कंप्यूटर की सहायता से एक नए प्रकार की संगीत तकनीक का विकास किया गया है।
कंप्यूटर द्वारा किए गए परिवर्तनों के आधार पर दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के किसान घर बैठे खेती संबंधी अनेक प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
कंप्यूटर के द्वारा हवाई जहाज, मोटर गाड़ियों एवं भवनों आदि के डिजाइन तैयार करने में कंप्यूटर ग्राफिक अत्याधिक उपयोग किया जा रहा है।
छायावाद की जानकरी, विशेषताएं एवं कवि विस्तार से
कंप्यूटर के प्रथम आविष्कार
चार्ल्स बैबेज- यह प्रथम ऐसे मानव थे। जिन्होंने 19वीं शताब्दी के आरंभ में प्रथम कंप्यूटर निर्मित किया यह कंप्यूटर विस्तृत गणना संपन्न कर देता था। तथा उनके परिणामों की भी सूचना दे देता था।
कंप्यूटर के क्षेत्र में विकास
- सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा पूर्वोत्तर राज्यों में ब्लॉक स्तर पर संपर्क उपलब्ध कराने तथा सामाजिक एवं आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए सामुदायिक सूचना केंद्रों की स्थापना की गई है।
- ‘सक्षम योजना’ द्वारा केरल के चमराबत्तम गांव को शत-प्रतिशत कंप्यूटर साक्षर गांव बना दिया गया है।
- चेन्नई के एम एस स्वामीनाथन फाऊंडेशन ने पांडिचेरी के तटवर्ती गांव में इंनफोशॉप की स्थापना की हैं।
उपसंहार –
भारत में कंप्यूटर का प्रयोग प्रत्येक क्षेत्र में देखा जा सकता है। इसके माध्यम से विकास की गति में आशातीत प्रगति हुई है।रोबोट तो साकार रूप में मानव मस्तिष्क का पर्याय प्रमाणित हो रहा है। परंतु इसके प्रयोग में अत्याधिक ध्यान केंद्रित करना होगा। कंप्यूटर ने आज तो कुछ उपलब्ध किया है।वह आज के बुद्धिजीवियों की महत्वपूर्ण देन है । किंतु फिर भी हमें कंप्यूटर पर पूर्ण रूप से निर्भर न रहकर अपने अस्तित्व के प्रति जागरूक रहना चाहिए।इसके लिए दृढ़ इच्छाशक्ति की अत्यधिक आवश्यकता है कहा भी गया है
“सुख सुविधाएं जो हमें दी है विज्ञान ने,
हमें इनका गुलाम ना होकर उन्हें सेवक बनाना है।
तभी हम सफल, सक्षम और बलशाली बनागे,
हमें विज्ञान संग स्वयं का अस्तित्व जगाना है।”
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