पर्यटक स्थल जिला पन्ना-
दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं प्रमुख पर्यटक स्थल जिला पन्ना जिसमें पन्ना के अंतर्गत आने वाले कौन-कौन से पर्यटक स्थल हैं? ऐसे कौन से पर्यटक स्थल हैं जहां पर सबसे ज्यादा लोग घूमने आते हैं ? पन्ना जिले के अंतर्गत पन्ना टाइगर रिजर्व से जुड़े महत्वपूर्ण फैक्ट के बारे में आपसे चर्चा होगी और पन्ना के अंतर्गत आने वाले पर्यटक स्थल के महत्व के सभी मंदिरों के बारे में चर्चा करेंगे |
पन्ना पर्यटक स्थल
जुगल किशोर मंदिर | जिला पन्ना मध्य प्रदेश |
महाराज प्राणनाथ मंदिर | जिला पन्ना मध्य प्रदेश |
मध्य प्रदेश की एनएमडीसी कंपनी | हीरा उत्खनन के लिए कार्यरत जिला पन्ना |
पन्ना में एनएमडीसी की स्थापना | 1958 |
एनएमडीसी का कार्य | खुदाई |
NMDC | राष्ट्रीय खनिज विकास निगम |
एनएमडीसी पर अधीनता | इस्पात मंत्रालय भारत सरकार |
पांडव जलप्रपात | Panna |
एशिया की सबसे बड़ी हीरा खदान | जिला पन्ना मध्य प्रदेश |
मध्य प्रदेश की हीरा नगरी | जिला पन्ना |
बलदाऊ मंदिर | 16 दरवाजे और 16 खंभों के लिए प्रसिद्ध जिला पन्ना |
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान स्थापना | 1981 |
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान बायोस्फीयर रिजर्व | 25 अगस्त 2011 |
किलकिला जलप्रपात | जिला पन्ना मध्य प्रदेश |
बृहस्पति जलप्रपात | जिला पन्ना |
Table of Contents
पांडव जलप्रपात-/Pandav waterfalls——-
पांडव जलप्रपात भारत के बीचो-बीच बसा मध्य प्रदेश राज्य के पन्ना जिले के अंतर्गत आने वाला जलप्रपात है | रहस्यमई होने के कारण और जंगल में होने के कारण इसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं यहां पर बहुत ही आकर्षक जलप्रपात है |
पांडव जलप्रपात 30 मीटर की ऊंचाई से नीचे बारहमासी गिरता हुआ झरना है जो कि प्राकृतिक रूप से अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है | यह झरना Panna Tiger Reserve के पहाड़ियों से केन नदी की सहायक नदी पर स्थित है |

पांडव फॉल / पांडव जलप्रपात का पर्यटक महत्व –
पांडव जलप्रपात का इतिहास पांडवों के अज्ञातवास के दौरान पांडवों का यहां पर कुछ समय के लिए ठहराव हुआ था |
पांडव जलप्रपात घूमने के लिए सबसे उचित समय बरसात का समय होता है क्योंकि इस समय यहां पर पानी की मात्रा ज्यादा होती है जिस कारण से झरना की सुंदरता और अधिक बढ़ जाती है |
पांडव जलप्रपात बनी पुरानी गुफाओं में देखने से पता चलता है कि यहां पर पांडवों ने कुछ समय के लिए निवास किया था |
पांडव जलप्रपात का कुछ हिस्सा बहुत ही खतरनाक है जिस कारण से वहां पर जाना एकदम मना है |
पांडव जलप्रपात और टूरिस्ट के लिए बहुत ही शानदार पर्यटक स्थल है यहां पर रोजाना विदेशों से सैकड़ों की संख्या में लोग घूमने के लिए आते हैं |
पांडव जलप्रपात प्राकृतिक रूप से अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है क्योंकि यहां पर लिग्नाइट की चट्टानों से होकर पानी 30 मीटर की ऊंचाई से गिरता है|
बरसात के समय में तेजी से पानी झरने के रूप में गिरने से पांडव जलप्रपात की सुंदरता एक अलग ही रूप ले लेती है |
पांडव जलप्रपात देखने के बाद पता चलता है कि वास्तव में प्रकृति बहुत ही सुंदर है और बहुत ही आकर्षक लगती है |
होंडा जलप्रपात पन्ना रोड पर रोड से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है |
नए साल के मौके पर आसपास के लोगों के साथ अन्य जिलों से और अन्य राज्यों से भी यहां पर लोग पिकनिक मनाने के लिए आते हैं |
पांडव जलप्रपात में बैठने के लिए अच्छी व्यवस्था है जिस कारण से यहां पर लोग पूरे दिन का समय निकाल देते हैं और खूब इंजॉय करते है|
पांडव जलप्रपात देखने के लिए फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, और रूस अन्य देशों से भी यहां पर लोग घूमने के लिए आते हैं |
पांडव जलप्रपात घूमते समय आवश्यक सावधानियां-
• पांडव जलप्रपात घूमते समय पन्ना टाइगर रिजर्व के जानवरों का ध्यान देना बहुत जरूरी होता है |
• पांडव जलप्रपात घूमते समय पांडव जलप्रपात के कर्मचारियों की इजाजत के बगैर किसी भी खतरनाक जगह पर जाने से पहले एक बार पूछ लेना चाहिए |
• पांडव जलप्रपात घूमते समय संभावित दुर्घटना क्षेत्र वाले स्थान पर घूमने नहीं जाना चाहिए |
• पांडव जलप्रपात के कुंड में नहाने के लिए किसी भी प्रकार की कोई परमिशन नहीं होती है इसीलिए उस कुंड में भी इतना नहीं करना चाहिए |
• पांडव जलप्रपात के कुंड में जल मछलियों के लिए किसी भी प्रकार के भोजन पानी डालने की कोई परमिशन नहीं होती है इसीलिए भोजन पानी डालने की अथवा कुंड में दाना डालने की कोशिश ना करें|
पन्ना नेशनल पार्क/ पन्ना राष्ट्रीय उद्यान————-
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के सभी राष्ट्रीय उद्यानों में टाइगर के लिए जाना जाता है | पन्ना राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला और पन्ना जिला की सीमा को साझा करता है | पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत ही केन नदी बहती है जोकि पन्ना और छतरपुर जिले की सीमा बनाती है | केन नदी के द्वारा ही पन्ना और छतरपुर दो अलग-अलग हिस्सों में बट जाते हैं | पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन 1981 में हुई थी जिसे वन्य जीव अभ्यारण भी कहा जाता है |
इसके बाद पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत ही वन्यजीवों के संरक्षण हेतु 25 अगस्त 2011 को बायोस्फीयर रिजर्व की स्थापना की गई |
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान पन्ना जिले के करीब 550 वर्ग किलोमीटर से भी अधिक तक फैला हुआ है |
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत हिरण, बाघ , चीता ,हाथी, और जंगली भैंसों का प्रमुख रूप से संरक्षण किया जा रहा है |
बृहस्पति कुंड पन्ना/ बृहस्पति जलप्रपात-
बृहस्पति कुंड जो कि एक प्राकृतिक झरना है इस धरने के बारे में लोग बहुत कम ही जानते हैं क्योंकि यह धरना जंगल के ठीक बीचो-बीच होने के कारण यहां पर लोगों का आना जाना बहुत कम होता है | इस झरने के पास जाने के लिए कच्ची सड़क के साथ-साथ पक्की सड़कों का भी इंतजाम किया गया है | बृहस्पति कुंड झरना पर वर्तमान में प्रतिदिन सैकड़ों लोग घूमने के लिए आते हैं जिनमें मुख्य रुप से 70% से अधिक विदेशी लोग यहां पर पर्यटन का भ्रमण करने आते हैं | बृहस्पति कुंड एक प्रकार से प्राकृतिक झरना है यहां पर 900 फिर से अधिक की ऊंचाई से पानी नीचे गिरता है जिस कारण से एकदम पानी स्वस्थ और सफेद दिखाई देता है | दोस्तों बृहस्पति कुंड प्राकृतिक रूप से इतना स्वस्थ और सुंदर प्रतीत होता है जैसे कि इसके अलावा कभी दूसरा कोई प्राकृतिक स्थल ही ना हो|
बृहस्पति कुंड पन्ना जिले से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर कालिंजर किले के पूर्व में 18 किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ी खेरा गांव के पास में ही स्थित है |
NMDC – नेशनल मिनिरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन —–
राष्ट्रीय खनिज विकास निगम मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में हीरा के उत्खनन के लिए और अन्य खनिज जैसे लिग्नाइट डायनामाइट आदि की खोजों के लिए यह संस्था कार्यरत है | 2009 के पहले पन्ना जिले में राष्ट्रीय खनिज विकास निगम का कोई भी अस्तित्व नहीं था लेकिन 2009 के बाद यह संस्था अपने अस्तित्व में आई और यहां पर उत्खनन होने वाले खनिजों के साथ-साथ निकलने वाले हीरो पर भी नियंत्रण इसी संस्था का होता है | राष्ट्रीय खनिज विकास निगम की रिपोर्ट के अनुसार यहां पर प्रत्येक वर्ष 80000
कैरेट हीरे का उत्खनन किया जाता है | जिला पन्ना एशिया का एकमात्र हीरा उत्खनन क्षेत्र है | 2020 के कोविड-19 के दौरान यहां पर एनएमडीसी के द्वारा उत्खनन का कार्य बंद कर दिया गया था जिस कारण से यहां पर कर्मचारी उग्र हो गए थे इसके बाद सक्रिय सांसद बीडी शर्मा की सिफारिश के अनुसार माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने यहां पर फिर से इस संस्था को चलाने का आदेश जारी कर दिया |
अजयगढ़ का किला——–
दोस्तों अजयगढ़ पन्ना जिले की ही एक तहसील है यहां पर ऐतिहासिक किला मौजूद है जो कि एक पहाड़ी पर स्थित है | अजय गढ़ तहसील मध्य प्रदेश की सबसे छोटी तहसील भी है | अजय गढ़ का किला विंध्याचल पर्वत श्रेणी के अंतर्गत ही आता है| यह किला
समुद्र तल से करीब 1744 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और धरातल से करीब 860 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है | अजय गढ़ का किला चंदेल राजवंश के अंतर्गत ही आता है | अजय गढ़ का किला अधिक ऊंचाई पर होने के कारण यहां पर बूढ़े लोग बहुत कम ही जा पाते हैं इसके लिए पर जाने के लिए अत्यधिक एनर्जी की आवश्यक होती है इसीलिए हष्ट पुष्ट लोग ही जा पाते हैं | अजय गढ़ किले के अंतर्गत करीब 500 सीढ़ियां से भी अधिक पीढ़ियां आते हैं इसके लिए पर चढ़ने के लिए दो रास्ते मौजूद हैं जिन रास्तों में आप केवल पैदल ही जा सकते हैं | अजय गढ़ किला जाने के लिए एक रास्ता अजय गढ़ किले की पश्चिम से होकर गुजरता है किस रास्ते पर भी सीड़ियों के द्वारा आप अजय गढ़ किले पर जा सकते हैं | अजय गढ़ किले का दूसरा रास्ता अजयगढ़ के लिए गए पूर्व से होकर गुजरता है इस रास्ते पर भी आप सीड़ियों के द्वारा ही जा सकते हैं अजय गढ़ किले पर किसी भी प्रकार का वाहन नहीं जा पाता |
अजय गढ़ किला प्राकृतिक रूप से बहुत ही पुराना और मजबूत है यह किला सुंदर पहाड़ी पर निर्मित होने के कारण अधिक से अधिक मात्रा में पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है |
अजय गढ़ का किला चेदी महाजनपद के अंतर्गत ही आता है जो कि प्राचीन काल में वर्तमान के खजुराहो को कहा जाता था | कई इतिहासकारों का मानना है कि अजय गढ़ का किला चंदेल वंश के समय का ही निर्मित किला है |

जुगल किशोर मंदिर——-
दोस्तों पन्ना जिले का जुगल किशोर मंदिर अपनी बनावट के कारण पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है क्योंकि इस मंदिर में एक अलग ही कला की नक्काशी की गई है और बहुत ही सुंदर- सुंदर झूमर लगे हुए हैं | जुगल किशोर मंदिर भगवान श्री कृष्ण के लिए समर्पित है जिसमें भगवान श्री कृष्ण मुरली बजाते हुए राधा जी के साथ खड़े हुए हैं | इस मूर्ति की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भगवान श्री कृष्ण मुरली बजाते हुए खड़े हैं और मुरली में हीरा लगा हुआ है|
दोस्तों भगवान श्री कृष्ण का जुगल किशोर मंदिर पूरे देश में विख्यात है इस मंदिर पर सबसे ज्यादा भीड़ वर्ष भर के सबसे बड़े त्यौहार दीपावली के शुभ अवसर पर ग्रामीण लोगों के द्वारा मोनिया नृत्य के समय होती है |
प्राणनाथ मंदिर——–
गुरु प्राणनाथ जोकि महाराजा छत्रसाल के गुरु हैं उनके नाम पर ही जिला पन्ना में प्राणनाथ मंदिर की स्थापना की गई | महाराजा छत्रसाल ने अपने गुरु के कहने पर ही जिला पन्ना को अपनी राजधानी बनाया था | महाराजा छत्रसाल अपने गुरु को बहुत बड़ा आदर्श मानते थे और अपने जीवन काल के दौरान अपने गुरु की हर आज्ञा का पालन किया |
पन्ना जिले में स्थापित प्राणनाथ मंदिर प्रणामी संप्रदाय का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है | इस मंदिर के दर्शन करने के लिए प्रतिदिन सैकड़ों लोग आते रहते हैं | पन्ना जिले में कई मंदिर ऐसे हैं जिनकी कला और रचना इस प्रकार बनी हुई है पन्ना जिले के अलावा आप कहीं पर भी ऐसी कलाकृति को देख नहीं पाएंगे |
पर्यटन स्थल गंगऊ ——–
दोस्तों पन्ना जिले के अंतर्गत पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्रफल क्षेत्र यह बांध केन नदी पर निर्मित है | गंगऊ बांध के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं यहां पर अंग्रेजों के शासन काल का और विदेशी तर्ज पर बना हुआ बांध है | इस बांध की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है क्योंकि इस बांध के आप ठीक नीचे से नदी के इस पार से उस पार जा सकते हैं | गंगऊ बांध प्राकृतिक रूप से बहुत सुंदर और आकर्षक होने के कारण यहां पर विदेशों से बहुत ज्यादा मात्रा में लोग घूमने के लिए आते हैं |
गंगऊ बांध मध्य प्रदेश का एक ऐसा बांध है जिसकी सुंदरता बहुत ही अनोखी है इस बांध का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखना है | ग्राम गंगऊ में जंगली भैंसों का संरक्षण किया जा रहा है क्योंकि यह प्रजाति विलुप्त होने की कगार पर होने के कारण मध्य प्रदेश सरकार ने किसके संरक्षण पर विशेष जोर दिया है |
यह बांध खजुराहो से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | एक बांध की प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए सर्दियों के महीने में लोग अधिक से अधिक घूमने के लिए आते हैं |
दोस्तों पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला यह बांध एक प्रकार से दुर्घटना संभावित क्षेत्र होता है जिस कारण से यहां पर जाने के लिए हमें पन्ना टाइगर रिजर्व अधिकारियों की परमिशन लेनी होती है |
पन्ना टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले बाघों की संख्या वर्तमान में सरकार को पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र की रिपोर्ट के अनुसार पहले से कहीं कम नजर आने लगी जिस कारण से पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जितने भी बाघ हैं उनके संरक्षण हेतु मध्य प्रदेश सरकार सतर्क है |

9.केन घड़ियाल संरक्षण और रेप्टाइल पार्क——-
दोस्तों प्राकृतिक रूप से घड़ियाल के संरक्षण के लिए सरकार ने विशेष जोर दिया है क्योंकि यह प्रजाति विलुप्त होने की कगार पर थी | रेंगने वाली जलीय जंतु जिन के संरक्षण के लिए केन नदी को मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से संरक्षित किया गया है किसी रेप्टाइल पार्क के रूप में नाम दिया गया है |
प्रश्न -1. पांडव जलप्रपात कहां है?
पांडव जलप्रपात मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के मडला के समीप रनेह जलप्रपात के पास स्थित है |
प्रश्न -2. पांडव जलप्रपात का क्या महत्व है?
पौराणिक कथाओं के अनुसार पांडव जलप्रपात के बारे में कहा जाता है कि पांडवों ने इस क्षेत्र का दौरा किया था जिस कारण से उसका नाम पांडव जलप्रपात हो गया | क्षेत्र पर पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान थोड़ा ठहराव किया था |
प्रश्न- 3. पांडव जलप्रपात किस नदी पर स्थित है?
पांडव जलप्रपात केन नदी की सहायक नदी पर स्थित है यह झरना बारहमासी झरना है जोकि हमेशा बहता रहता है |
प्रश्न -4. पांडव जलप्रपात की ऊंचाई कितनी है?
पांडव जलप्रपात की ऊंचाई लगभग 30 मीटर तक है | इस जलप्रपात का पानी कुंड में गिरता है जो कि काफी बड़ा है|
प्रश्न-5. पांडव जलप्रपात पन्ना से कितनी दूरी पर स्थित है?
पांडव जलप्रपात पन्ना से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|
प्रश्न- 6. जुगल किशोर मंदिर कहां पर स्थित है?
जुगल किशोर मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है जो पन्ना जिले की बीचोंबीच स्थित है | यह मंदिर अपनी बनावट के कारण और नक्काशी कला के कारण देश विदेश में विख्यात है |
प्रश्न -7. पन्ना जिले में हीरा कहां मिलता है?
दोस्तों पन्ना जिले में हीरा का उत्खनन एनएमडीसी कंपनी के द्वारा किया जाता है जो पन्ना जिले से करीब 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है |
प्रश्न -8 .मध्यप्रदेश में एनएमडीसी कहां पर है?
राष्ट्रीय खनिज विकास निगम जिसे एनएमडीसी भी कहा जाता है मध्यप्रदेश में यह हीरो की नगरी जिला पन्ना के अंतर्गत पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आता है |
प्रश्न – 9. जुगल किशोर मंदिर कहां है?
जुगल किशोर मंदिर मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में है जो कि भगवान श्री कृष्ण के लिए समर्पित है | इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण राधा जी के साथ मुरली बजाते हुए खड़े हैं और इस मूर्ति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि बजाते हुए मुरली में हीरा लगा हुआ है |
प्रश्न -10. प्राणनाथ मंदिर कहां पर है?
प्राणनाथ मंदिर मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में हैं |
प्रश्न -11. मध्य प्रदेश का एकमात्र आंवला जिला कौन सा है?
मध्य प्रदेश का एकमात्र आंवला जिला मध्य प्रदेश सरकार ने जिला पन्ना को घोषित किया है |
प्रश्न -12 .ताजमहल की तर्ज पर मध्य प्रदेश के किस जिले में मंदिर बना हुआ है?
ताजमहल की तर्ज पर प्रणामी संप्रदाय का एक तीर्थ स्थल है जोकि बिल्कुल ताजमहल के जैसा दिखता है | लेकिन ताजमहल के जैसा ही एक ताजमहल बांग्लादेश में बना हुआ है |

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