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👀खंडवा जिला
मध्य प्रदेश का एक खूबसूरत सा जिला खंडवा जिसके बारे में आज हम जानकारी प्राप्त करने वाले हैं, खंडवा जिले के सभी पर्यटक स्थल, धार्मिक स्थल, खंडवा जिले का इतिहास, खंडवा जिले में कौन सा खास स्थान है। इन सभी को इकट्ठा करके एक ही पोस्ट में मैं आपको बताने वाला हूं। तो आप पोस्ट को अंतर तक जरूर पढ़ें। और अपने सांझा विचारों को कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।ताकि हम अपनी गलतियों को सुधार सकें।
☛ खंडवा मध्य प्रदेश का एक जिला है, खंडवा में काफी आकर्षक पर्यटन है। खंडवा में घूमने वाले प्रमुख पर्यटन स्थल।
खण्डवा जिला | |
भाषा | निमाड़ी |
मेला | मांधाता , सिंगाजी का मेला |
सर्वाधिक उत्पादन | प्याज, गांजा |
जन्म | किशोर कुमार, टंट्या भील |
समाधि | दादाजी संत धूनी वाले |
प्रमुख स्थल | ओमकालेश्वेर, हनुवंतिया टापू, घंटाघर, संभवनाथ मंदिर इत्यादि |
गुफा | काजल रानी गुफा |
भवन | कलेक्ट्रेट भवन |
हिस्सा | निमाड़ क्षेत्र |
उत्सव | निमाड़ उत्सव |
कपास उत्पादन | सुनहरा जिला |
कुंड | सूरज कुंड, पदम कुंड, रामेश्वर कुंड भीमकुंड |
तालाब | नागचून तालाब |
हिल | मांधाता हिल |
☑️ माता तुलजा भवानी माता मंदिर
यह मंदिर माता तुलजा भवानी को समर्पित है यह मंदिर खंडवा मध्य प्रदेश में स्थित है। यह खंडवा का प्राचीन मंदिर है। जहां प्रतिदिन भक्तों की भीड़ लगी रहती है। कहते हैं भगवान राम अपने वनवास के दौरान इस स्थान पर आए थे। और उन्होंने 9 दिन तक तपस्या की थी।सुबह 5:00 बजे से 9:00 बजे तक खुला रहता है, यह बस स्टैंड से 3 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है।
☑️ दादाजी दरबार
श्री दादाजी दरबार धूनीवाले भारत के महान संत थे। इन्हे दादाजी डंडे वाले के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने 19वीं और 20वीं शताब्दी में भारत में यात्राएं की दुनिया भर में उनके लाखों भक्त हैं। उन्हें शिव भगवान का रूप मानते हैं। दादाजी दरबार खंडवा के दक्षिण पश्चिम दिशा में सबसे महान संत स्वामी केशव नंद जी महाराज स्वामी हरिहर नंद जी की पावन समाधि स्थल है। उन्होंने दादाजी धूनीवाले के नाम से भी पुकारा जाता है।
☑️ मां नवदेवी चंडी धाम मंदिर
नव चंडी देवी धाम देवी शक्ति को समर्पित खंडवा में एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है। यह मंदिर खंडवा रामेश्वर क्षेत्र में स्थापित है। यह एक मनोहर धार्मिक नवीनतम मंदिर है। जो रेल्वे स्टेशन से लगभग 3 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है। जहा महाशिव रात्रि पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है।
☑️गौरी कुंज ऑडिटोरियम
यह ऑडिटोरियम संगीत का संस्कृतिक हॉल है। जो खंडवा रेलवे स्टेशन से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ऑडिटोरियम जाने-माने गायक किशोर कुमार की याद में बनवाया गया है। शहर के प्रमुख सांस्कृतिक कार्यक्रम यही आयोजित किए जाते हैं।
☑️ नागचुन तालाब
नागचुन गांव में बना तालाब यहां जाना माना एक स्थल है। तालाब खंडवा से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह बांध खंडवा की सिंचाई का प्रमुख स्रोत है इसके चारों ओर की हरियाली तालाब को और आकर्षक बना देती है।
☑️ ओमकारेश्वर का गुरुद्वारा
इस गुरुद्वारे को नानक देव के ओमकालेश्वर आने के पश्चात बनवाया गया था। नानक देव के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए इस गुरुद्वारे को बनवाया गया था। हिंदु धर्म के अनुयाई से भरा रहता है। ओमकालेश्वर रेलवे स्टेशन का निकटतम रेलवे स्टेशन है।
☑️सिंगाजी धाम
सिंगाजी धाम एक धार्मिक और दार्शनिक स्थल है।खंडवा जिले के मोदीनगर से 16 किलोमीटर की दूरी पर इंदिरा सागर परियोजना बैग वाटर में स्थित है। चारों ओर से पानी से समाधि स्थल अति सुंदर है।
☑️ मांधाता हिल
यह पवित्र पहाड़ी नर्मदा नदी तट पर स्थित है।यह पहाड़ी धार्मिक दृष्टि से जिले का महत्वपूर्ण स्थल है। देश में 12 ज्योतिर्लिंग में से एक स्थित है। ओमकालेश्वर और महाबलेश्वर यहां के प्रमुख मंदिर हैं। पहाड़ी के चारों ओर से बहती हुई नर्मदा नदी इसे ओम के आकार का बनाती है यह पहाड़ी खंडवा के करीब 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
☑️ संभव नाथ मंदिर
सिद्ध बारकोड स्टेट भगवान संभव नाथ का मंदिर बारह मंदिर नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि जैन धर्म के तीसरे तीर्थंकर मंदिर भूमि से खोदकर निकाला गया था। मुख्य मंदिर के अलावा चार अन्य मंदिर भी थे। जिसमें भगवान चंद्रप्रभु, अजीत नाथ,पार्श्वनाथ,संभावनाथ की मूर्तियां स्थापित है।
☑️ घंटाघर
खंडवा रेलवे स्टेशन से 1 किलोमीटर की दूरी पर घंटाघर स्थल है खंडवा शहर का एक घंटाघर जिसका निर्माण 1884 में अंग्रेजों ने भारत में अपने शासनकाल के दौरान किया 1883 नगर पालिका अधिनियम अनुसार इस इमारत का मुख्य उद्देश्य कार्यालय के रूप में काम करना था। इस टॉवर का निर्माण 12 फरवरी 1884 में शुरू किया गया और इसे पूरा करने में कुल 4 साल लग गए।
☑️ वीर खला रूख
ओमकालेश्वर की पहाड़ियां की पूर्वी दिशा में स्थित वीर खला एक प्राचीन मंदिर माना जाता है। प्राचीन काल से ही यहां शिव के अवतार भैरव को प्रसन्न करने के लिए मानव बलि भी दी जाती थी।जिसे ब्रिटिश काल में समाप्त किया गया था।पहाड़ी के निकट एक कुंती माता का मंदिर है।
☑️ काजल रानी गुफा
ओमकालेश्वर से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर एक खूबसूरत पिकनिक स्थल है। यहां आसपास के क्षेत्र का सुंदर नजारा देखा जा सकता है। काजल रानी गुफा के निकट सनमात्रिका गुफा स्थित है। जुलाई से मार्च की अवधिया तक सबसे उपयुक्त मानी जाती हैं।
☑️ देवझिरी भूतेश्वर महादेव मंदिर
खंडवा से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर भोज खेड़ी गांव की पहाड़ी क्षेत्र में एक प्राचीन शिवलिंग है। जहां प्राकृतिक रूप से निरंतर जलधारा प्रभावित होती रहती है।
☑️ सूरजकुंड ,पदम कुंड ,रामेश्वर कुंड, और भीमकुंड
प्राचीन काल में खंडवा बांध के नाम से प्रचलित इस शहर के चारों ओर दिशाओं में चार कुंड ऐतिहासिक धरोहर के रूप में विराजमान हैं। पूर्व में सूरजकुंड पश्चिम में पदम कुंड उत्तर में रामेश्वर कुंड दक्षिण में प्रसिद्ध भीमकुंड स्थापित है।यहां पर भोले बाबा विराजमान है।
☑️ जिला कलेक्ट्रेट भवन
खंडवा के प्रमुख आकर्षणों में से एक यह इमारत खंडवा की पूर्वी दिशा में स्थित है। जिला कलेक्ट्रेट भवन का निर्माण 1919 में किया गया जिला कलेक्ट्रेट भवन को 15000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया गया है। इमारत के आसपास कई सारे पेड़ पौधे लगे हैं। जो इसकी सुंदरता को बढ़ाते हैं। यह इमारत शहर के बीचो बीच बनी है। और रेलवे स्टेशन से केवल 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
☑️ इंदिरा गांधी बांध
इंदिरा सागर बांध खंडवा का मुख्य आकर्षण है। इस बांध को नर्मदा नदी के ऊपर बनाया गया है। जो खंडवा के नर्मदा नगर में बहती है। इस बांध की नीव का पत्थर 23 अक्टूबर 1984 को पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने रखा था। बांध की लंबाई 653 मीटर और ऊंचाई 52 मीटर है। यह बांध खंडवा शहर से 61 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। खंडवा रेलवे स्टेशन से भी आ सकते हैं।
☑️ असीरगढ़ किला
असीरगढ़ किला को अहीर राजवंशों के राजा आशा अहीर ने बनवाया था। पहले इस किले को आशा अहीरगढ़ का किला कहा जाता था। लेकिन समय के साथ इसके नाम को छोटा कर दिया गया। और आज अपने मौजूदा नाम से जाना जाता है। यह अकेला सतपुड़ा श्रेणी में स्थित है। और खंडवा से केवल 69 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। घाटियों के बीचो बीच बना असीरगढ़ किला सतपुड़ा पहाड़ी मार्ग द्वारा नर्मदा नदी और ताप्ती नदी से जुड़ा हुआ है।
☑️ओम कालेश्वर
ओम कालेश्वर एक हिंदू मंदिर है। जो यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है। नर्मदा नदी के बीच मांधाता और शिवपुरी नामक द्वीप पर स्थित है। भगवान शिव के द्वारा 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। यहां के मूल टका गांव से लगभग 12 मील दूर बसा है। जयदीप हिंदू पवित्र ओम आकार में बना हुआ है। ओमकारेश्वर का निर्माण नर्मदा नदी से स्वत ही हुआ है। यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के प्रमुख स्थलों में से एक है। यह सुबह 5:00 बजे से शाम के 10:00 बजे तक खुला रहता है।
☑️ सतमातृका मंदिर
सतमातृका का मंदिर ओमकारेश्वर मांधाता से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिरों का एक समूह है। 10 वीं शताब्दी में बने हैं। जो 7 देवी हैं दयालुता की देवी हैं, बली, महेश्वरी ,कुमारी नरसेवा, इंद्राणी और चामुंडी है।
☑️ हनुवंतिया टापू
मध्य प्रदेश पर्यटन का जल पर्यटन स्थल है। इस टापू को मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा विकसित किया गया है। टापू को इसका नाम स्थानीय गांव के नाम से जाना जाता है। जो कि खंडवा जिले में स्थित है। इंदिरा सागर बांध के निर्माण से उत्पन्न हुई नहर के कारण एक विशाल झील का निर्माण हुआ। झील के पर्यटन के रूप में महत्व को जानते हुए मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग ने ऐसे स्थान को एक उत्तम पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया।
☑️ गौरी सोमनाथ
गौरी सोमनाथ मंदिर 3 किलोमीटर की दूरी पर ओमकालेश्वर से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ऐतिहासिक मंदिर और सोमनाथ मंदिर का निर्माण सतारा के आकार में किया गया है।जो वास्तु कला में अद्भुत शिवलिंग विराजमान है। शिवलिंग काले कलर के चिकने पत्थर के बने हुए हैं। यह मूर्ति चमकदार रहती है।
☑️ आवागमन
वायु मार्ग इंदौर खंडवा का निकटतम हवाई अड्डा है यहां से करीब 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इंदौर के अनेक शहरों के माध्यम से जुड़ा हुआ है। सड़क मार्ग खंडवा रेलवे स्टेशन दिल्ली मुंबई का रेलवे स्टेशन है। रेलवे स्टेशनों के माध्यम से जुड़ा है।
रेल सेवा और बस सेवाओं के द्वारा खंडवा जिले में आसानी से पहुंचा जा सकता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
➊ खंडवा जिले को पूर्वी निमाड़ के नाम से जाना जाता है।
➋ खंडवा जिले में सर्वाधिक प्याज और गांजा का उत्पादन किया जाता है।
➌ खंडवा जिले में कपास का उत्पादन किया जाता है।
➍ खंडवा जिला निमाड़ क्षेत्र का प्रमुख हिस्सा है।
➎ सिंगाजी का मेला खंडवा जिले में लगता है।
➏ खंडवा क्षेत्र का प्राचीन नाम अनूप था।
➐ हनुवंतिया टापू जो खंडवा जिले में है इसके कारण खंडवा जिले को मध्य प्रदेश का गोवा कहा जाता है।
➑ किशोर कुमार सम्मान समारोह खंडवा जिले में ही होता है।
➒ निमाड़ उत्सव का आयोजन खंडवा जिले में किया जाता है।
➓ सुभद्रा कुमारी चौहान का विवाह खंडवा जिले के निवासी ठाकुर लक्ष्मण सिंह के साथ गया था।
खंडवा जिला Khandwa me ghumne ki jagah FAQ’s
- मध्य प्रदेश के प्रमुख गायक किशोर कुमार का जन्म किस जिले में हुआ था?
खंडवा - खंडवा जिले की सबसे प्रसिद्ध गुफा कौन सी है।
शंकराचार्य की गुफा - खंडवा जिले के ओमकालेश्वर को अन्य किस नाम से जाना जाता है।
ममलेश्वर, या अम्लेश्वर - खंडवा क्षेत्र में कौन सी जनजाति पाई जाती है।
भील - खरगोन के साथ खंडवा जिले को भी सुनहरे जिले कहा जाता है क्यों?
कपास उत्पादन के कारण

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