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Khandwa tourist places in hindi खंडवा में घूमने की जगह

खंडवा जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल

दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के बारे में जिसे हम इंदौर संभाग के अंतर्गत पढ़ते हैं | यहां पर आज हम प्रमुख रूप से जानेंगे कि खंडवा जिले के अंतर्गत कौन-कौन से पर्यटक स्थल आते हैं यहां पर कौन-कौन से ऐतिहासिक किले मौजूद हैं |

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दोस्तों खंडवा और खरगौन दोनों ही निमाड़ क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं आज हम निमाड़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले खंडवा जिले के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा करेंगे | यहां पर आने वाले जलप्रपात के बारे में चर्चा करेंगे कि इनका निर्माण कैसे हुआ और यहां पर कौन-कौन से जलप्रपात पाए जाते हैं जहां पर सबसे ज्यादा लोग पर्यटन के रूप में घूमने के लिए आते हैं |

मध्य प्रदेश का पूर्वी निर्माणखंडवा
हनुवंतिया द्वीपप्रमुख पर्यटक स्थल ओमकारेश्वर से लगभग 95 किलोमीटर की दूरी पर स्थित
प्रमुख पर्यटक स्थलहनुवंतिया द्वीप, ओमकारेश्वर, धनी वाले दादाजी, तुलजा भवानी मंदिर, नवचंडी माता मंदिर
किलाअसीरगढ़ का किला
स्मारकप्रसिद्ध गायक किशोर कुमार
झीलनागचूक झील
खंडवा का राजा1576 -1596 आदिल शाह  
प्रसिद्ध तीर्थओंकारेश्वर शिवलिंग
पश्चिमी निमाड़खरगौन जिला
ऑडिटोरियमगौरी कुंज ऑडिटोरियम
सबसे ज्यादा उत्पादनप्याज
बांधपुनासा बांध
समाधिसंत सिंहाजी
प्रसिद्ध गुफाएंआदि गुरु शंकराचार्य जी की , काजल रानी गुफा

खंडवा जिले के कुछ प्रमुख पर्यटक स्थल-

⚫️ खंडवा सिटी या खंडवा टाउन-

दोस्तों मध्य प्रदेश का ‘पूर्वी निमाड़’ कहे जाने वाला खंडवा के बारे में कहा जाता है कि इतिहास काल के दौरान महान हस्तियां जैसे स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी ,बाल गंगाधर तिलक जैसे कई क्रांतिकारियों का दौरा इस जिले में रहा है | खंडवा सिटी 1864 के समय से जिले का मुख्यालय रहा है | यहां पर आपको इतिहास काल की कई सुंदर इमारते देखने को मिलती हैं जिनको देखने के लिए रोज कोई ना कोई प्रदेश के बाहर से आते रहते हैं |

खंडवा सिटी या खंडवा टाउन

⚫️ हनुवंतिया द्वीप-

मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम के द्वारा विकसित किया गया यह मध्य प्रदेश का प्रमुख पर्यटक स्थल है | यह पर्यटक स्थल लोगों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन चुका है जहां पर प्रतिवर्ष हजारों लोग यहां पर घूमने के लिए आते हैं |

हनुमंती द्वीप की कुछ विशेष बातें-

✔ मध्यप्रदेश का यह पर्यटक स्थल मध्यप्रदेश के पश्चिम में खंडवा जिले में स्थित है |

✔ मध्यप्रदेश की एक और प्रसिद्ध पर्यटक स्थल ओमकारेश्वर से लगभग 95 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|

✔ “हनुवंतिया टूरिस्ट कंपलेक्स” के नाम से यहां पर एक होटल भी मौजूद है जहां पर ठहरने हेतु महत्वपूर्ण सुविधाएं मौजूद हैं |

✔ हनुवंतिया द्वीप सागर परियोजना का एक भाग है जो इंदिरा सागर बांध के अंतर्गत आता है |

✔ इस द्वीप के आसपास आपको सुंदर पशु-पक्षी भी देखने को मिलते हैं |

✔ इंदिरा सागर बांध के अंतर्गत आने वाला यह पर्यटक स्थल जहां पर आपको नाव की सवारी भी मिल जाती है |

⚫️ ओमकारेश्वर-

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में आने वाला यह पर्यटक स्थल भगवान शिव की विशेष दर्शनीय स्थल के लिए जाना जाता है | यहां पर भगवान शिव की विशाल शिवलिंग स्थापित है और इस दर्शनीय स्थल को भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग के रूप में भी जाना जाता है| भगवान शिव से जुड़ा हुआ यह तीर्थ स्थल एक धार्मिक स्थल है जोकि खंडवा जिले के मांधाता के अंतर्गत आता है | ओमकारेश्वर मंदिर के अलावा यहां पर एक ममलेश्वर मंदिर भी स्थित है जो कि नर्मदा नदी के दक्षिण तट पर स्थित है यह मंदिर भी भगवान शिव के लिए समर्पित है | ओमकारेश्वर खंडवा जिले के ओम द्वीप अथवा मांधाता द्वीप पर स्थित है |

यहां पर भगवान शिव के दर्शन करने के लिए प्रतिवर्ष सबसे ज्यादा लोग महाशिवरात्रि के पर्व पर एकत्रित होते हैं | महाशिवरात्रि के समय तो यहां पर लाखों लोगों की भीड़ इकट्ठी हो जाती है | भगवान शिव को लोग बेलपत्र और जल चढ़ाने के लिए आते हैं | यहां पर मिले हुए कई पुराने मंदिर और उनके साक्ष्यों से पता चलता है कि यह मंदिर लगभग 1488 के समय से यहां पर मौजूद हैं |

 ओमकारेश्वर-

⚫️ असीरगढ़ का किला खंडवा-

खंडवा जिले का यह किला बहुत ही प्राचीन और खंडहर हो चुका किला है इसकी देखरेख किसी भी प्रकार से वर्तमान समय में नहीं हो रही है | इसकी सुरक्षा और देखरेख ना होने के कारण यह केवल खंडहर हो चुका है परंतु यहां पर आप बहुत ही पुरानी और मजबूत इमारतों के साथ-साथ पत्थरों की कई सुंदर आकृतियों को देख सकते हैं | ऐतिहासिक किला होने के कारण यहां पर प्रतिवर्ष हजारों लोग इसे देखने के लिए आते हैं | यह किला पहाड़ी पर निर्मित है पहाड़ी पर जाने के बाद नीचे का नजारा बहुत ही सुंदर लगता है|

⚫️ धनी वाले दादाजी-

खंडवा से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित धनी वाले दादा जी का मंदिर बहुत ही प्राचीन और सुंदर मंदिर है | यह मंदिर खंडवा के एक छोटे से गांव साईं खेड़ा के अंतर्गत पड़ता है| प्रतिवर्ष गुरु पूर्णिमा के समय यहां पर सैकड़ों लोग इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं | इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आप डायरेक्ट रेलवे स्टेशन से किसी पर्सनल वाहन से अथवा बस या कार से जा सकते हैं|

यहां पर आपको दो दादा जी देखने को मिलते हैं जिनमें से एक दादाजी को बड़े दादा जी के नाम से जाना जाता है और एक दादाजी के छोटे दादा जी के नाम से जाना जाता है| इनका यह मंदिर अपने पूरे जीवन के समय दूसरों की सेवा करते रहने के लिए प्रसिद्ध है|

⚫️ तुलजा भवानी मंदिर-

यह मंदिर एक धार्मिक मंदिर है जो तुलसी भवानी के लिए जाना जाता है | यह मंदिर काफी पुराना और विशाल मंदिर है | हिंदू धर्म से जुड़े हुए श्रद्धालु यहां पर इस मंदिर के दर्शन करने के लिए अक्सर आते रहते हैं |

⚫️ नवचंडी माता मंदिर-

खंडवा जिले का नवचंडी माता मंदिर यहां का सबसे प्रसिद्ध और प्रमुख मंदिर है | यह मंदिर एक धार्मिक मंदिर है जहां पर नवचंडी माता के दरबार में उनके भक्तों की अर्जी जल्द ही स्वीकार की जाती है | इस मंदिर में माता शक्ति की खंडपीठ विराजमान है जिसे नवचंडी माता के रूप में जाना जाता है | नवचंडी माता मंदिर खंडवा जिले की रामेश्वर नगर में स्थित है इस मंदिर के द्वार लगभग शाम 7:00 बजे के बाद नींद आने तक खुले रहते हैं |

नवरात्रि के समय यहां पर माता की श्रद्धालुओं की हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठी होती है | नवचंडी माता के दर्शन करने के लिए बूढ़े बच्चे और जवान सभी एक साथ आते हैं | नवचंडी माता अपने भक्तों की हर समस्या का निवारण करती हैं और उनकी अर्जी स्वीकार करती हैं |

दोस्तों नवचंडी माता के दरबार में कई लोग संतान प्राप्ति के लिए अर्जी लगाते और माता उनकी अर्जी को जरूर स्वीकार करती हैं | माता के दरबार में नवरात्रि के समय यहां पर दूर-दूर से लोग माता के दर्शन करने के लिए आते हैं और यहां पर जवारे भी निकलते हैं जो कि एक बहुत ही प्राचीन परंपरा है |

⚫️ किशोर कुमार स्मारक-

दोस्तों सिनेमा जगत में एक नई पहचान और सुपरस्टार रहने वाले गायक किशोर कुमार को कौन नहीं जानता? गायक किशोर कुमार हमारे मध्य प्रदेश के खंडवा जिले से ही संबंध रखते हैं | किशोर कुमार का जन्म मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में 4 अगस्त 1929 के समय हुआ था | जन्म के बाद इनका बचपन खंडवा जिले में ही बीता होनर के साथ आगे बढ़ते हुए इनके गीत पूरी दुनिया में छाने लगे | इनके द्वारा दिए गए गीतो के माध्यम से दुनिया के सिनेमा जगत के बॉलीवुड का नाम रोशन कर दिया | वर्तमान में गायक किशोर कुमार के गीतों को लोग आज भी बड़े ध्यान से और आनंद के साथ सुनते हैं |

किशोर कुमार के गीत दिल को छू लेने वाले गीत होते हैं | गायक किशोर कुमार की मृत्यु 13 अक्टूबर 1987 को महाराष्ट्र के मुंबई शहर में हो गई थी | दोस्तों सूत्रों से पता चला था कि उनकी इच्छा थी कि मेरे मरने के बाद मुझे मेरे जन्म स्थान पर ही जलाया जाए |

दोस्तों खंडवा जिले का यह पर्यटक स्थल लोगों को बहुत ही सुंदर लगता है क्योंकि इस पर्यटक स्थल के ठीक बाजू में सुंदर गार्डन बना हुआ है जहां पर लोग इंजॉय करते हैं | गाय के किशोर कुमार की स्मारक का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है और इस इमारत में दो प्रवेश द्वार हैं |

Kishore Kumar Memorial-

इस स्मारक के अंदर 6 फीट की लगभग 1 विशाल सिला है जिस पर किशोर कुमार को अंकित किया गया है | यह सिला पीले रंग की है दिखने में बहुत सुंदर और आकर्षक है | गाय के किशोर कुमार के जन्म दिवस और उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर खंडवा जिले में कई बड़े बड़े आयोजन होते हैं और इन आयोजन में दूर-दूर से प्रसिद्ध लोगों का आना होता है |

दोस्तों किशोर कुमार के गीत शुरुआत से ही इतने प्रसिद्ध और दिल को छू लेने वाले गीत हैं कि जो कोई भी इनके गीतों को सुनता है पूरी तरीके से भावुक हो जाता है | दोस्तों कहा जाता है कि हम जब भी कोई गीत सुनते हैं तो उसके पीछे कोई ना कोई कारण जरूर होता है| किशोर कुमार के गीत आज भी लोग बड़े आनंद के साथ सुनते हैं |

▶️ नागचूक झील-

दोस्तों खंडवा जिले की यही एक बहुत ही प्रसिद्ध हुआ अंदर झील है यहां पर अक्सर लोग मस्ती करने के लिए आते रहते हैं | झील के अंदर नाव की सवारी का भी आनंद उठाया जा सकता है | इस झील का प्रवेश द्वार लगभग 50 फीट के आसपास है और झील के दाएं तरफ ही आपको एक सुंदर तालाब दिखाई देगा जिसमें जलकुंभी और जलीय जंतुओं के प्रमुख रूप से देखा जा सकता है | यह झील बहुत ही सुंदर और आकर्षक है जहां पर आप अपनी पूरी फैमिली के साथ पिकनिक टूर पर भी जा सकते हैं | यहां पर कई लोग अपने दोस्तों के साथ मस्ती करने के लिए आते हैं |

इस झील के अंतर्गत आपको एक टॉय ट्रेन भी देखने को मिलती है जिसका आनंद भी आप अपने पूरे परिवार के साथ उठा सकते हैं| इस ट्रेन में लगभग चार डिब्बा है और बच्चों की बैठने की उपयुक्त व्यवस्था है ज्यादातर इस ट्रेन में बच्चे आनंद उठाते हैं | दोस्तों यह ट्रेन देखने में इतनी सुंदर और आकर्षक ट्रेन है यदि आप अपने बच्चों के साथ अथवा फैमिली के साथ जाते हैं तो यह तो बिल्कुल क्लियर है कि बच्चे इस ट्रेन में बैठे बिना और इसका आनंद लिए बिना कभी नहीं रुकेंगे |

☑️ खंडवा का राजा कौन था?

खंडवा का राजा अली खान था जिसे ‘आदिल शाह’ के रूप में भी जाना जाता था इसका शासन काल 1576 से 1596 तक का समय रहा है | दोस्तों अकबर के शासन काल के समय इनको अकबर की अधीनता स्वीकार करनी पड़ी थी |

☑️ खंडवा में कौन सा मंदिर है?

दोस्तों मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में भगवान शिव के 1 ज्योतिर्लिंग मौजूद है जिसे ओमकारेश्वर नामक तीर्थ स्थल पर देखा जा सकता है| भगवान शिव का यह तीर्थ स्थल पूरे देश में चर्चित है | दोस्तों यहां पर भगवान शिव की सुंदर शिवलिंग देखने को मिलती है | दोस्तों कहा जाता है कि भगवान शिव के दरबार में उनकी प्रत्येक भक्तों की अर्जी स्वीकार हो जाती है |

दोस्तों भगवान शिव को धार्मिक पुराणों और ग्रंथों में भोलेनाथ भी कहा गया है जिस तरीके से भगवान शिव भोलेनाथ कहा गया है ठीक उसी तरीके से वे अपने भक्तों को वरदान भी देते हैं | भगवान शिव के आने वाले प्रत्येक त्यौहार को लोग यहां पर बड़ी धूमधाम से मनाते हैं |

☑️ खंडवा जिले में कौन -सा किला है?

दोस्तों खंडवा जिले में एक बहुत ही प्राचीन और ऐतिहासिक किला है जिसे असीरगढ़ के किले के रूप में जाना जाता है |

इस किले का निर्माण अहीर वंश के राजा आशा अहीर के द्वारा करवाया गया था | शुरुआत में इस किले का नाम आशा अहीर गढ़ हुआ करता था लेकिन धीरे-धीरे इसे असीरगढ़ किले के रूप में जाना जाने लगा |

दोस्तों इस किले की वर्तमान स्थिति ज्यादा ठीक नहीं है क्योंकि इसकी देखरेख पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार बिल्कुल भी नहीं हो रही है ना ही कोई भी विभाग इस को सुरक्षित रखने में आगे है | इस किले के अंदर आपको बहुत ही सुंदर सुंदर पत्थरों की मूर्तियां मिलेंगे जिनको बहुत ही बारीकी से सजाया गया है परंतु दुर्भाग्य की बात यह है कि इनमें कोई भी मूर्ति पूरी तरीके से पूर्ण नहीं है | यहां पर मिलने वाली मूर्ति का कोई भी अंग टूटा हुआ मिलेगा |

यह किला प्राचीन और ऐतिहासिक किला है परंतु यहां पर सबसे बड़ी सुविधा यह है कि आप यहां पर अपने पर्सनल वाहन के माध्यम से भी जा सकते हैं और किसी अन्य वाहन से भी जा सकते हैं| आज से कई साल पहले यहां पर आने जाने का रास्ता ठीक नहीं था इसलिए यहां पर इसे देखने के लिए बहुत कम लोग ही आया करते थे| परंतु वर्तमान में यहां पर एक ऐतिहासिक इमारत के पर्यटन को बनाए रखने के लिए सड़क का निर्माण किया गया है | दोस्तों यहां पहुंचने के लिए आप यदि ज्यादा दूर पर है तो ट्रेन के माध्यम से भी जा सकते हैं | यदि आप प्रदेश के किसी ज्यादा दूर से हैं तो एरोप्लेन के माध्यम से भी आ सकते हैं जिसके लिए आप इंदौर एयरपोर्ट के माध्यम से आ सकते हैं |

Khandwa tourist places in hindi खंडवा में घूमने की जगह FAQ’s

↪️ मध्य प्रदेश के किस जिले को ‘पूर्वी निमाड़ ‘कहा जाता है?

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले को “पूर्वी निमाड़” के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह निमाड़ क्षेत्र के पूर्व में स्थित है|

↪️ मध्य प्रदेश का कौन सा जिला “पश्चिमी निमाड़” कहलाता है?

मध्य प्रदेश का खरगोन जिला “पश्चिमी निमाड़” के नाम से जाना जाता है क्योंकि यह निमाड़ क्षेत्र के पश्चिम दिशा में स्थित है |

↪️ खंडवा जिला किन दो नदियों के बीच बसा हुआ है?

दोस्तों खंडवा एकमात्र ऐसा जिला है जो कि मध्य प्रदेश में बहने वाली नर्मदा और ताप्ती जैसे दो नदियों के बीच बसा हुआ है|

↪️ मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में भगवान शिव का कौन सा ज्योतिर्लिंग है?

भगवान शिव के प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से 1 ज्योतिर्लिंग खंडवा जिले के “ओमकारेश्वर” नामक स्थान पर मौजूद है |

↪️ ओमकारेश्वर नाम कैसे पड़ा?

मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थल और धार्मिक तीर्थ स्थल ओमकारेश्वर का नाम यहां पर स्थित पहाड़ियों की आकृतियों के कारण पड़ा | जिन पहाड़ियों में भगवान भोलेनाथ की ज्योतिर्लिंग विराजमान हैं उन पहाड़ियों की आकृति बिल्कुल ओम के समान है |

↪️ किशोर कुमार अभिनेता मध्य प्रदेश के किस जिले से संबंध है|

प्रसिद्ध अभिनेता और गीतकार किशोर कुमार का संबंध मध्य प्रदेश के खंडवा जिले से हैं |

↪️ मध्य प्रदेश में गौरी कुंज ऑडिटोरियम कहां पर है?

मध्यप्रदेश में गौरी कुंज नाम से ऑडिटोरियम खंडवा जिले के अंतर्गत आता है जिसका निर्माण किशोर कुमार की स्मृति में किया गया |

↪️ माखनलाल चतुर्वेदी की कर्मभूमि कौन सी है?

दोस्तों प्रसिद्ध कवि माखनलाल चतुर्वेदी और प्रसिद्ध कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की कर्मभूमि खंडवा जिला है |

↪️ मध्य प्रदेश के किस जिले को सुनहरा जिला कहा जाता है ?

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले को ‘सुनहरा जिला’ कहा जाता है|

↪️ निमाड़ क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से जिले आते हैं?

मध्य प्रदेश के निर्माण क्षेत्र के अंतर्गत 3 जिले आते हैं जिनमें खंडवा खरगोन और बुरहानपुर प्रमुख हैं |

↪️ इंदिरा सागर बांध कहां पर है?

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के अंतर्गत आने वाला इंदिरा सागर बांध जहां पर बना हुआ है वहां छनेरा गांव बसता था बांध बनने के बाद यह गांव पूरी तरीके से डूब गया किस गांव का नया नाम” हरसूद “है|

↪️ मध्यप्रदेश में कृषि उपकरण कहां पर बनाए जाते हैं?

मध्यप्रदेश में कृषि उपकरण खंडवा जिले में बनाए जाते हैं यहां पर कृषि उपकरण बनाने का कारखाना स्थापित है |

↪️ मध्यप्रदेश में काजल रानी की गुफा किस जिले में स्थित है?

मध्यप्रदेश में काजल रानी की गुफा खंडवा जिले के अंतर्गत आती है जो कि प्रमुख पर्यटक स्थल है |

↪️ खंडवा जिले के कौन -कौन से प्रमुख पर्यटक स्थल है?
प्रसिद्ध नागचुन बांध भगवान मांधाता हिल वीर झाला का शिव मंदिर यहां के प्रमुख पर्यटक स्थल हैं |

↪️ मध्यप्रदेश में शंकराचार्य जी की गुफाएं कहां पर स्थित है?

मध्यप्रदेश में शंकराचार्य जी की गुफाए खंडवा जिले में स्थित है जो कि आदि गुरु के रूप में जाने जाते हैं |

↪️ संत सिंहाजी समाधि कहां पर स्थित है?

संत सिंहाजी समाधि मध्य प्रदेश की खंडवा जिले के अंतर्गत आती है|

↪️ मध्यप्रदेश में पुनासा बांध कहां पर मौजूद है?

मध्यप्रदेश में पुनासा बांध खंडवा जिले के अंतर्गत आता है जो कि इंदिरा सागर परियोजना पर बना हुआ है |

↪️ मध्यप्रदेश में ओमकारेश्वर परियोजना कहां पर है?

मध्यप्रदेश में ओमकारेश्वर परियोजना खंडवा जिले में है |

↪️ मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा प्याज का उत्पादन कहां पर होता है?

मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा प्याज का उत्पादन खंडवा जिले में होता है |

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