हेलो दोस्तों आज हम आपको खरगोन जिला के प्रमुख पर्यटक स्थलों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। खरगोन जिले को पश्चिमी निमाड़ के नाम से भी जाना जाता है । पश्चमी निमाड़ मध्य प्रदेश की सबसे उपजाऊ मिट्टी से भरा हुआ है। खंडवा की तरह खरगोन को सुनहरे जिले का दर्जा दिया गया है। मध्यप्रदेश में महेश्वर खरगोन जिले के अंतर्गत ही आता है । देवी अहिल्याबाई होलकर ने महेश्वर को अपनी राजधानी बनाया था ।
खरगोन जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल | |
देश | भारत |
राज्य | मध्यप्रदेश |
संभाग | इंदौर |
जिला मुख्यालय | खरगोन |
जिला | खरगोन |
प्रसिद्ध नवग्रह मेला | खरगोन |
महेश्वर तीर्थ स्थल | महेश्वर खरगोन |
महेश्वर का पुराना नाम | माहिष्मती |
सी आई एस एफ का प्रशिक्षण केंद्र | बड़वाह खरगोन |
मध्य प्रदेश का पहला मोबाइल बैंक | खरगोन |
पेशवा बाजीराव की समाधि | खरगोन |
देजला देवड़ा बांध | खरगोन |
तहसीलें | 9 |
विधानसभा | 4 |
Table of Contents
➡️ महेश्वर खरगोन Maheshwar Khargone
महेश्वर नर्मदा नदी के किनारे बसा हुआ नगर है। जिसका पुराना नाम महिष्मति था। यहां पर स्थित महेश्वर घाट नर्मदा नदी का सबसे बड़ा घाट है । इसी घाट पर लक्ष्मीबाई का नाम मणिकर्णिका रखा गया था। सीआईएसएफ ने अपना प्रशिक्षण केंद्र खरगोन जिले के बड़वाह में स्थापित किया है । मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध नवग्रह मेला और संत सिंगाजी का मेला के दोनों इसी जिले में लगते हैं । खरगोन मध्य प्रदेश का पहला जिला था जिसे आदिवासी जिला घोषित किया गया है। मध्य प्रदेश का पहला मोबाइल बैंक खरगोन जिले में स्थापित किया गया है। इसका नाम लक्ष्मी वाहिनी है । खरगोन जिले के अंतर्गत शेखर महादेव का मंदिर स्थित है। मान्यताओं के अनुसार रावण ने यहीं पर महादेव को अपने सिर अर्पित कर दिए थे।

☑️ खरगोन जिले की प्रमुख नदियां Major rivers of Khargone district
मराठा पेशवा बाजीराव की मृत्यु खरगोन जिले में ही नर्मदा नदी के किनारे रावर खेड़ी नामक स्थान पर हुई थी। यहीं पर बाजीराव की समाधि बनी हुई है। ऐतिहासिक कसरावद का स्तूप यहीं पर खोजा गया है। मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा मूंगफली का उत्पादन खरगोन जिले में होता है। मध्य प्रदेश का कपास अनुसंधान केंद्र खरगोन जिले में स्थित है । खरगोन जिले में बहने वाली कुंडा नदी पर प्रसिद्ध देवड़ा बांध का निर्माण किया गया है। मान्यताओं के अनुसार आदि गुरु शंकराचार्य और विद्वान मंडन मिश्र का सहस्त्र तीर्थ यहीं पर नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। खरगोन जिले के अंतर्गत आने वाले बड़वाह और सतावद नर्मदा नदी के आमने-सामने बसे हुए हैं। इन्हें जुड़वा नगर की संज्ञा भी दी जाती है । विश्व की लाल मिर्च की सबसे बड़ी मंडी बैड़िया इसी जिले के अंतर्गत आती है ।
👉 खरगोन जिले के अंतर्गत कुल 9 तहसीलें और 4 विधानसभा आते हैं।
👉 सफेद कपास उत्पादन में खरगोन अपना प्रथम स्थान रखता है।
👉 महेश्वर मध्य प्रदेश में महेश्वरी साड़ियो के लिए अत्यधिक प्रसिद्ध है । खरगोन में इंदिरा गांधी सागर बांध नर्मदा नदी पर बनाया गया है।

खरगोन जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल Major tourist places in Khargone district
खरगोन जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल निम्न है
- 🟣 मंडलेश्वर
- 🟣 ऊन
- 🟣 पेशवा बाजीराव की समाधि
- 🟣 देजला देवड़ा बांध
- 🟣 करही
- 🟣 सिरवेल महादेव मंदिर
- 🟣 पावागिरी तीर्थ या 29
- 🟣 श्री नवग्रह मंदिर
- 🟣 संतोषी माता का मंदिर
- 🟣 चिड़िया बदक झरना
- 🟣 बिजासन माता का मंदिर
- 🟣 नंहेश्वर शिव मंदिर
- 🟣 नागलवाडी शिखर धाम या भिलट देव धाम
- 🟣 लूला बाबा समाधि
✔️मंडलेश्वर खरगोन
महेश्वर से 8 किलोमीटर दूर यह शहर नर्मदा नदी के किनारे बसा है । नर्मदा पर जल विद्युत परियोजना व बांध का निर्माण हुआ है । इस नगर में दंत मंदिर , राम मंदिर, गुप्तेश्वर मंदिर, शीतला माता का मंदिर , काली विश्वेश्वर मंदिर एवं छप्पन देव मंदिर अत्यंत प्राचीन एवं दर्शनीय माना जाता है। मंडलेश्वर से 8 किलोमीटर दूर ग्राम चोली बड़ा ही ऐतिहासिक ग्राम है। यहां पांडवों युगीन महादेव का मंदिर, बड़ा गणपति एवं चौसठ योगिनी मंदिर स्थित है । चोली नामक स्थान पर अत्यंत प्राचीन शिव मंदिर है । जहां पर भव्य शिवलिंग स्थित है।
*️⃣ ऊन
यह स्थान खरगोन से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित परमार कालीन शिव मंदिर तथा जैन मंदिरों के लिए यह स्थान प्रसिद्ध है। एक बहुत प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर यहां पर स्थित है। खजुराहो के अलावा केवल यही परमार कालीन प्राचीन मंदिर है।
➡️ पेशवा बाजीराव की समाधि खरगोन Peshwa Bajirao’s Samadhi Khargone
महान पेशवा बाजीराव की समाधि रावर खेड़ी में स्थित है। उत्तर भारत में एक अभियान के समय उनकी मृत्यु यही नर्मदा नदी के किनारे हो गई थी।

☑️ देजला देवड़ा बांध खरगोन
यह बाध खरगोन जिले में स्थित है । देजला देवड़ा बांध कुंदा नदी पर बना एक बड़ा बांध है। जिससे लगभग 8000 हेक्टेयर में सिंचाई होती है। यह बाध बहुत ही बड़ा है।
🔲 करही
महेश्वर से 31 किलोमीटर दूर तथा खरगोन से 69 किलोमीटर दूर स्थित यह शहर कपड़ा मार्केट तथा एजुकेशन के लिए प्रसिद्ध है। यहा गुप्तेश्वर महादेव मंदिर है। जो मां अहिल्याबाई होलकर के द्वारा उनके शासन काल के समय बनवाया गया था । यहां दुर्गा मंदिर, राम मंदिर, जैन मंदिर तथा नाग मंदिर प्रमुख दर्शनीय मंदिर हैं। यह मालन नदी के किनारे बसा हुआ है।
♦️ सिरवेल महादेव मंदिर
सिरवेल महादेव मंदिर खरगोन से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । इस स्थान के बारे में मान्यता है कि रावण ने भगवान शिव को अपने 10 सिर यहीं पर अर्पण किए थे। इसलिए इस स्थान का यह नाम पड़ा। यह स्थान महाराष्ट्र की सीमा से बहुत ही पास में है। शिवरात्रि पर मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र से अनेक श्रद्धालु यहां दर्शन करने के लिए आते हैं। सिरवेल महादेव मंदिर एक प्राचीन मंदिर है। जो भगवान शिव को समर्पित है। समुद्र तल से 7 किलोमीटर की दूरी पर सतपुड़ा पर्वत के दक्षिण में स्थित है । यह धाम नदी पर बने झरने के लिए भी प्रसिद्ध है।

🔵 पावागिरी तीर्थ या उनो तीर्थ खरगोन
यह खरगोन से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पश्चिम में बड़ौदा मार्ग पर उनो में स्थित है। इस मंदिर को 12 वीं शताब्दी में परमारो के समय बनवाया गया था । यह स्थान लगभग 1000 वर्ष पुराना है। यहां पर 12 मंदिरों का एक समूह है यह समूह खजुराहो के मंदिरों के समकालीन हैं । इन्हें परमार राजा उदय दत्त द्वारा बनवाया गया था । यहां पर कई सारे जैन मंदिर और कई सारे हिंदू मंदिर बने हुए हैं।
⚫ श्री नवग्रह मंदिर
यह मंदिर खरगोन में स्थित प्राचीन मंदिर है। यह खरगोन में कुंदा नदी के किनारे स्थित है। यह खरगोन में नवग्रह और देवता सूर्य को समर्पित है। यहां पर जनवरी एवं फरवरी के महीने में एक वार्षिक मेले का आयोजन होता है । यह मेला 20 से 25 दिन चलता है
🟪 नंहेश्वर शिव मंदिर
यह खरगोन से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह स्थान प्राचीन शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है । यहां पर शिवरात्रि के दौरान काफी भीड़ रहती है। यहां पर दूर-दूर से भक्त भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं।
🔶 नागलवाडी शिखर धाम या भीलट देव धाम खरगोन
यह धाम लगभग खरगोन से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । यह एक पहाड़ी पर स्थित है । यहां तक पहुंचने के लिए आपको पैदल यात्रा करनी होगी । यह स्थल सुरमई हरियाली युक्त सतपुड़ा की वादिया पर्यटको के मन को मोह लेती हैं। यहां पर आपको बाबा भिलट देव के दर्शन होते हैं। यहां पर कई लोग पिकनिक मनाने आते हैं।

🕳️ बिजासन माता का मंदिर
यह मंदिर खरगोन से 20 किलोमीटर दूर इंदौर रोड पर स्थित है । यह मंदिर एक छोटी सी पहाड़ी पर बना हुआ है। यह मंदिर बिजासन माता को समर्पित है।
🌐 लूला बाबा समाधि खरगोन
यह स्थल खरगोन की उत्तर में 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह समाधि पूर्णानंद स्वामी महाराज को समर्पित है यहां पर पूर्णिमा के दिन काफी भीड़ होती है।
*️⃣ श्री संतोषी माता का मंदिर
यह मंदिर खरगोन शहर से 7 किलोमीटर दूरी पर दक्षिण पश्चिम में कुंदा नदी के तट पर स्थित है । यह प्राचीन मंदिर भगवान गणेश की बेटी देवी संतोषी को समर्पित है। इस जगह पर नदी का छोटा झड़ना भी स्थित है।

*️⃣ चिड़िया बदक झरना खरगोन
यह स्थान खरगोन जिले का एक प्रसिद्ध स्थान है खरगोन जिले से कुछ दूरी पर यह स्थान स्थित है खरगोन जिले में दाम खेड़ा नाग मंदिर और आशापुर स्थान भी बहुत ही प्रसिद्ध है । यहां पर जो भी श्रद्धालु आते हैं उनकी पूरी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
खरगोन जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल, इतिहास, जनरल नॉलेज संबंधी FAQ’S [ Major Tourist Places in Khargone District, History, General Knowledge FAQ’S ]
▶️देजला देवड़ा बांध मध्य प्रदेश के किस जिले में स्थित है?
उत्तर खरगोन।

▶️चिड़िया बदक झरना मध्य प्रदेश के किस जिले में स्थित है?
उत्तर खरगोन।
▶️संतोषी माता का मंदिर मध्य प्रदेश के किस जिले में है?
उत्तर खरगोन।
▶️नवग्रह मंदिर मध्य प्रदेश किस जिले में स्थित है?
उत्तर खरगोन
▶️ पेशवा बाजीराव की समाधि मध्य प्रदेश के किस जिले में स्थित है ?
उत्तर खरगोन।
▶️ पाव गिरी तीर्थ मध्य प्रदेश के किस जिले में स्थित है?
उत्तर खरगोन।
▶️ खरगोन जिले में कितनी तहसीलें हैं?
उत्तर 9
▶️ खरगोन जिले में कितनी विधानसभा है?
उत्तर 4
▶️ खरगोन जिले की प्रमुख नदियां कौन-कौन सी हैं?
उत्तम कुंदा नदी , नर्मदा नदी।
▶️ महेश्वर का पुराना नाम क्या था?
उत्तर महिष्मति।
▶️ सीआईएसएफ ने अपना प्रशिक्षण केंद्र किस जिले में खोला है ?
उत्तर खरगोन।
▶️ देवी अहिल्याबाई होल्कर ने अपनी राजधानी कहां बनाई थी?
उत्तर महेश्वर खरगोन।
▶️ महेश्वर किसके लिए प्रसिद्ध है?
उत्तर साड़ियों के लिए।

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