एमपी बोर्ड एग्जाम पैटर्न 2022-23 Blueprint Reduced Syllabus Viral Papers

एमपी बोर्ड एग्जाम पैटर्न 2022- 23 –

नमस्कार दोस्तों!

आज हम बात करने वाले हैं एमपी बोर्ड परीक्षा 2022 -23 के बारे में जिसमें आज हम आपको बताएंगे आने वाली बोर्ड परीक्षा 2022-23 के अंतर्गत विद्यार्थियों को किन – किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है | एमपी बोर्ड परीक्षा 2023 में उस तरीके से नहीं होगी जिस तरीके से 2022 तक होती आ रही थी| 2023 के अंतर्गत MPBSE की तरफ से विद्यार्थियों के सिलेबस में भी कुछ कटौती की गई है जिसकी समस्त जानकारी आपके सामने पेश की जाएगी |

2023 में ब्लू प्रिंट में भी कुछ बदलाव किया गया है जिसके बारे में आज आपके सामने विस्तृत रूप से बताया जाएगा | नए ब्लू प्रिंट के अनुसार विद्यार्थियों को 2023 की परीक्षा की तैयारी किस तरीके से करना चाहिए इसके बारे में भी आपसे चर्चा की जाएगी | प्रमुख रूप से एमपी बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा को ध्यान में रखते हुए ब्लू प्रिंट का बदलाव किया गया है | नए ब्लू प्रिंट के अनुसार कुछ विद्यार्थियों को यह ब्लूप्रिंट समझ में नहीं आएगा परंतु इसी ब्लूप्रिंट के अनुसार ही हुए परीक्षा की बेहतर तैयारी कर सकते हैं | ब्लू प्रिंट में क्या बदलाव किया गया है ?कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को किस तरीके से पढ़ना चाहिए ?नए ब्लूप्रिंट के अनुसार पढ़ने से क्या होगा ?सभी के बारे में विस्तृत रूप से बताया जाएगा |

कक्षा10वीं और 12वीं
विज्ञान लिखित परीक्षा75 अंक
विज्ञान प्रैक्टिकल अंक25 अंक
कक्षा बारहवीं के विद्यार्थियों का परीक्षा
विषयलिखित परीक्षाप्रोजेक्ट परीक्षाकुल पूर्णांक
हिंदी8020100
समाजशास्त्र8020100
राजनीति विज्ञान8020100
अर्थशास्त्र8020100
लेखाशास्त्र8020100
संस्कृत8020100
उर्दू8020100
गणित8020100
अंग्रेजी8020100
भारतीय कला का इतिहास8020100
व्यवसाय अध्ययन8020100
इतिहास8020100

Table of Contents

❂ ब्लूप्रिंट क्या होता है?

दोस्तों कई बार क्या होता है कि विद्यार्थियों को ब्लूप्रिंट के बारे में पता ही नहीं होता है कि यह होता क्या है? दोस्तों आपको बता दें कि ब्लूप्रिंट को हिंदी में “अंक योजना ” कहा जाता है | जिसे मध्य प्रदेश सरकार की कार्यपालिका बैठक के तहत शिक्षा व्यवस्था को बनाने हेतु परिवर्तित किया जाता है | ब्लू प्रिंट का बदलाव मुख्य रूप से कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को ध्यान में रखकर किया जाता है | कक्षा दसवीं और बारहवीं के एमपी बोर्ड की परीक्षा में आने वाले सभी प्रश्न ब्लूप्रिंट के अनुसार ही आते हैं |

❂ ब्लू प्रिंट में क्या होता है?

दोस्तों कई विद्यार्थियों को पता नहीं होता है कि ब्लूप्रिंट में क्या बदल जाता है और इसे किस तरीके से समझा जाए | ब्लू प्रिंट में प्रत्येक विषय से किस चैप्टर से कितने अंकों के प्रश्न आएंगे और किस तरीके से किस चैप्टर से परीक्षा में पूछा जाएगा इसकी संपूर्ण जानकारी बहुत ही संक्षिप्त शब्दों में होती है | ब्लूप्रिंट को समझना बहुत ही आसान होता है परंतु इसे कोई पहली बार में नहीं समझ सकता | जिस विद्यार्थी को ब्लूप्रिंट समझ में आ जाता है और ब्लूप्रिंट के अनुसार तैयारी करता है वह कहीं ना कहीं परीक्षा में टॉप कर जाता है |

❂ अर्धवार्षिक परीक्षा ,त्रैमासिक परीक्षा देना कभी ना भूलें-

कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के लिए बहुत जरूरी है कि वे त्रैमासिक परीक्षा देना कभी ना भूलें और अर्धवार्षिक परीक्षा को देना भी बिल्कुल ना भूलें क्योंकि इन परीक्षाओं के 5-5 अंक वर्षिक परीक्षा में जोड़ दिए जाएंगे | कई विद्यार्थी यह सोचते हैं कि हमारी परीक्षा इस बार एमपी बोर्ड की परीक्षा है जिस कारण से हमको केवल बोर्ड परीक्षा देना है ऐसे विद्यार्थी कहीं ना कहीं इस बार बहुत बड़ा नुकसान उठा सकते हैं | कई बार टॉप करने वाले विद्यार्थी के लिए एक अंक भी बहुत होता है| त्रैमासिक परीक्षा और अर्धवार्षिक परीक्षा का तो आपको यहां पर पता ही है कितने अंक जोड़ दिए जाएंगे इसीलिए बहुत जरूरी है कि आपको प्रत्येक परीक्षा को बहुत ही सीरियस तरीके से देना है |

2022 तक आयोजित होने वाली एमपी बोर्ड की परीक्षाओं में तिमाही परीक्षा के अंक और अर्ध वार्षिक परीक्षा के अंक किसी भी तरीके से नहीं जोड़े जाते थे | वर्तमान समय में 2023 के बदलते ब्लूप्रिंट के अनुसार विद्यार्थियों के अर्धवार्षिक और त्रैमासिक परीक्षा के अंक भी वार्षिक परीक्षा में जोड़ दिए जाएंगे |

ब्लूप्रिंट के अनुसार यह बदलाव किया गया है कि कक्षा दसवीं के विद्यार्थी त्रैमासिक और अर्धवार्षिक लिखित परीक्षा के जितने भी अंक आएंगे उन अंको के 5% अंक विद्यार्थी को वार्षिक परीक्षा के लिए दिए जाएंगे |

❂ त्रैमासिक परीक्षा और अर्धवार्षिक परीक्षा देने से विद्यार्थियों को लाभ –

2023 के समय विद्यार्थियों को त्रैमासिक परीक्षा अर्धवार्षिक परीक्षा देने से महत्वपूर्ण लाभ यह होगा कि इन परीक्षाओं के 5% अंक विद्यार्थी को वार्षिक परीक्षा के लिए तो दिए ही जाएंगे साथ ही विद्यार्थी अपनी तैयारी को बेहतर और मजबूत कर पाएगा | जब कोई विद्यार्थी बार-बार परीक्षा देता है तो वह है अपनी तैयारी को बेहतर रूप से कर लेता है क्योंकि परीक्षा में होने वाली गलती हमें नजर आ जाती है और हम उस गलती को सुधार सकते हैं | एमपी बोर्ड परीक्षा से पहले हमें तीन परीक्षाएं प्रमुख रूप से देने को मिलती हैं जिनमें हम अपनी तैयारी का आकलन कर सकते हैं | तिमाही परीक्षा में होने वाली गलती को हम आगे जाकर सुधार सकते हैं और अर्ध वार्षिक परीक्षा की तैयारी अच्छी तरीके से कर सकते हैं |

हमारे पास अगला मौका एक बार फिर होता है कि हम यदि अर्धवार्षिक की परीक्षा में बड़ी बारीकी- बारीकी गलती करते हैं तो वार्षिक परीक्षा के लिए कहीं ना कहीं हम अभी पूर्ण रुप से तैयार नहीं हुए हैं | अर्धवार्षिक परीक्षा में गलती कर देने के बाद हमें एक बार फिर मौका मिलता है कि हम वार्षिक परीक्षा में बिल्कुल भी गलती ना करें और हमारा परीक्षा परिणाम बेहतर से बेहतर हो सके | बार-बार परीक्षा देने के बाद हमें कहीं ना कहीं बहुत ही उपयुक्त रूप से परीक्षा का अनुभव प्राप्त होता है यह सबसे बड़ी उपलब्धि होती है|

❂ प्रैक्टिकल के नंबर कैसे मिलते हैं?

दोस्तो प्रैक्टिकल के नंबर सभी विद्यार्थियों को एमपी बोर्ड की तरफ से नहीं दिए जाते इसके लिए एमपी बोर्ड कोई परीक्षा नहीं करवाता| प्रैक्टिकल के नंबर सभी विद्यार्थियों के विद्यालय में उपस्थिति के साथ अर्धवार्षिक से को त्रैमासिक परीक्षा देने के बाद ही निर्धारित किए जाते हैं | विद्यालय में त्रैमासिक परीक्षा और अर्धवार्षिक परीक्षा विद्यार्थी के द्वारा दिए जाने के बाद विद्यालय के द्वारा प्रैक्टिकल की एक सूची तैयार की जाती है इसी सूची के आधार पर एमपी बोर्ड के द्वारा प्रत्येक विद्यार्थी को प्रैक्टिकल के अंक दिए जाते हैं |

❂ 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के ब्लूप्रिंट में बदलाव-

12वीं के विद्यार्थियों के लिए ब्लूप्रिंट में ज्यादा कुछ बदलाव नहीं किया गया है 12वीं के विद्यार्थियों की परीक्षा के अंक उसी तरीके से दिए जाएंगे जिस तरीके से 2021-22 में दिए गए हैं | कक्षा बारहवीं के विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल की केवल 20 अंक निर्धारित किए गए हैं और उनकी परीक्षा का पूर्णांक 80 अंकों का रहेगा |

12वीं के विद्यार्थी जो प्राइवेट एडमिशन लेते हैं जिनकी बारहवीं प्राइवेट तरीके से होती है उनके लिए प्रायोगिक मूल्यांकन नहीं किया गया है उनके लिए 80 अंकों का पेपर 100 अंक मान कर दिया जाएगा | अर्थात कहने का मतलब पेपर का पूर्णांक 80 अंकों का रहेगा परंतु इन 80 अंकों को 100 का आधार मानकर ही विद्यार्थी को अंक दिए जाएंगे |

❂ कक्षा 12वीं में प्रायोगिक अंक कैसे दिए जाएंगे-

कक्षा बारहवीं के सभी विद्यार्थियों के लिए प्रायोगिक अंको के लिए कुल 30 अंकों का पूर्णांक रखा जाएगा | प्राइवेट विद्यार्थियों का पेपर पूर्णांक 70 अंकों का रहेगा जिसका कुल मिलाकर प्रायोगिक और पूर्णांक 100 अंकों का हो जाएगा | प्राइवेट विद्यार्थियों के लिए परीक्षा में 70 अंकों का पूछा जाएगा बाकी के 30 अंक प्रायोगिक रहेंगे |

❂ परीक्षा का स्तर-

सरल प्रश्न-

दोस्तों पेपर कब पूर्णांक चाहे 100 अंक का हो या फिर 70 अंक का प्रश्नों का उत्तर अलग-अलग रहता है | कक्षा 10वीं अथवा 12वीं में सरल प्रश्नों का उत्तर लगभग 40% है रहता है जिसमें लगभग बहुविकल्पीय प्रश्नों को भी शामिल किया जाता है | सरल प्रश्नों में छोटे अंकों के प्रश्न रहते हैं जिनके अंक 1 अथवा 2 होते हैं | परीक्षा में प्रश्नों का उत्तर सरल और कठिन इसीलिए रखा जाता है ताकि विद्यार्थी को पेपल हल करने में किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो |

सामान्य प्रश्न-

सामान्य प्रश्नों की संख्या ज्यादा होती है क्योंकि यह लगभग 45% के आसपास पूछे जाते हैं | इन प्रश्नों को 2 अंक अथवा तीन अंग के रूप में पूछा जाता है जिनका उत्तर विद्यार्थियों को लिखना होता है | सामान्य प्रश्न ऐसे प्रश्न होते हैं जिनका उत्तर लगभग औसतन विद्यार्थियों को आ रहा होता है | सामान्य प्रश्न ही ऐसे प्रश्न होते हैं जिनकी सहायता से विद्यार्थियों की मार्कशीट प्रतिशतता बढ़ जाती है|

कठिन प्रश्न-

सरल प्रश्न और सामान्य प्रश्नों को छोड़कर कठिन प्रश्नों को परीक्षा में बहुत कम मात्रा में पूछा जाता है क्योंकि यह वो प्रश्न होते हैं जिनको जबरदस्त तैयारी करने वाले विद्यार्थी ही हल कर पाते हैं | पूरी परीक्षा में विद्यार्थियों के लिए केवल 15% ही कठिन प्रश्न रखे जाते हैं ताकि एवरेज विद्यार्थी भी इन प्रश्नों को हल कर पाए | इन प्रश्नों को लिखने का तरीका थोड़ा डिफरेंट होता है क्योंकि इन प्रश्नों को ज्यादा से ज्यादा शब्दों में लिखना होता है | कठिन प्रश्नों को हल करने के लिए विद्यार्थियों को सबसे आवश्यक है कि वे सटीक और स्पष्ट शब्दों का प्रयोग करें | 15% प्रश्नों वाले किसी भी प्रश्न में विद्यार्थी यदि गलती करता है तो उसकी अंक बड़ी बारीकी से काट लिए जाते हैं | विद्यार्थियों को बहुत जरूरी है कि एक प्रकार के प्रश्नों में किसी भी प्रकार की गलती ना करें और लिखने का तरीका बहुत ही शानदार बनाएं |

❂ वस्तुनिष्ठ प्रश्न अथवा बहुविकल्पीय प्रश्न-

2022-23के ब्लूप्रिंट के अनुसार विद्यार्थियों के लिए वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या 40% रहेगी | इस प्रकार के प्रश्नों को केवल एक शब्द में दिया जाता है | परीक्षा की दृष्टि से यह वे प्रश्न होते हैं जिनको विद्यार्थी बड़ी आसानी के साथ हल कर सकता है क्योंकि इन प्रश्नों में उत्तर भी आपको उसी प्रश्न से छांटकर लिखना होता है |

❂विषयात्मक प्रश्न-

2023के ब्लूप्रिंट के अनुसार 40% प्रश्न ऐसे आएंगे जिनको विद्यार्थी विषय अनुसार लिख सकता है | इन प्रश्नों को विद्यार्थी शब्द सीमा के अनुसार ही यदि परीक्षा में हल करता है तो विद्यार्थी को उचित अंक मिल जाते हैं |

❂ लंबे प्रश्न –

इन प्रश्नों को लगभग 20% के रूप में परीक्षा में पूछा जाता है यह ऐसे प्रश्न होते हैं जिनके बारे में विश्लेषण करना होता है | दोस्तों यहां पर विश्लेषण से तात्पर्य प्रश्न में जो पूछा जाता है उसकी व्याख्या करनी होती है | किस प्रकार के प्रश्नों की शब्द सीमा अन्य प्रश्नों की तुलना में सबसे अधिक होती है | इन प्रश्नों में डायग्राम को बनाना बहुत ही उपयुक्त होता है डायग्राम बनाकर मात्र कुछ ही मिनटों में विद्यार्थी अच्छे अंको को हासिल कर सकता है |

❂ कक्षा बारहवीं के विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल और सैद्धांतिक परीक्षा में पास होना हुआ जरूरी –

हायर सेकेंडरी के विद्यार्थियों के लिए सबसे जरूरी है कि वे अब सैद्धांतिक परीक्षा के साथ-साथ प्रैक्टिकल परीक्षा अथवा प्रायोगिक परीक्षा में अलग-अलग पास होने चाहिए | 2022 तक ब्लूप्रिंट बदला नहीं गया था जिस कारण से विद्यार्थी यदि प्रैक्टिकल परीक्षा में भाग नहीं लेते हैं तब भी उनको अंक मिल जाती थी परंतु अब ऐसा नहीं होगा | 2023 के ब्लूप्रिंट के अनुसार विद्यार्थियों को प्रायोगिक परीक्षा के साथ-साथ लिखित परीक्षा में भी पास होना अनिवार्य हो गया है |

❂ बिना ब्लूप्रिंट की तैयारी करने से नुकसान-एमपी बोर्ड न्यू ब्लूप्रिंट 2022 | MP Board New Blueprint 2021-22 In Hindi

दोस्तों जो विद्यार्थी उधना ब्लूप्रिंट के अनुसार परीक्षा की तैयारी करते हैं कई बार वह विद्यार्थी परीक्षा में कहीं ना कहीं बहुत ही ज्यादा हानी उठाते हैं और जो विद्यार्थी टॉप करना चाहते हैं वह कभी टॉप नहीं कर पाते | ब्लूप्रिंट के अनुसार पढ़ाई ना करने से विद्यार्थियों को बहुत से नुकसान होते हैं जो इस प्रकार हैं-

✔️ इतना ब्लूप्रिंट की तैयारी करने से विद्यार्थी प्रत्येक के विषय में अच्छे अंको से उत्तीर्ण नहीं हो पाता है |

✔️ विद्यार्थी की अपेक्षा के अनुसार उसे परीक्षा परिणाम में अंक नहीं मिल पाते |

✔️ बिना ब्लूप्रिंट के अनुसार पढ़ाई न करने से विद्यार्थी किसी विषय को ज्यादा पढ़ लेता है और किसी विषय को बहुत कम पढ़ लेता है जिस कारण से हुआ है परीक्षा में कभी-कभी फैल भी हो जाता है |

✔️ ब्लूप्रिंट के अनुसार विद्यार्थी यदि परीक्षा की तैयारी नहीं करता है तो वह प्रमुख रूप से प्रत्येक विषय में अलग-अलग अंक प्राप्त कर सकता है | किसी भी तरह में बिल्कुल कम तो किसी भी विषय में पर्याप्त मात्रा में अंक प्राप्त हो सकते हैं |

❂ ब्लूप्रिंट के अनुसार तैयारी करने से होने वाले लाभ –

दोस्तों !

जैसा कि आप जानते हैं शिक्षा सत्र 2022- 23 ,13 जून 2022 से शुरु हो चुका है | शिक्षा सत्र शुरू होते ही मध्यमिक शिक्षा मंडल ने अपने ब्लूप्रिंट में बदलाव किया है | ब्लूप्रिंट के अनुसार तैयारी करने से विद्यार्थियों को बहुत दे लाभ प्राप्त होते हैं जो कुछ इस प्रकार हैं –

✔️ ब्लूप्रिंट के अनुसार तैयारी करने वाला विद्यार्थी अपनी अपेक्षा के अनुसार प्रत्येक विषय में पर्याप्त मात्रा में अंक हासिल कर लेता है |

✔️ परीक्षा की तैयारी के लिए विद्यार्थी के पास है समय की कमी नहीं पड़ती |

✔️ ब्लूप्रिंट के अनुसार विद्यार्थी प्रत्येक विषय को सही ढंग से और सही तरीके से तैयार कर पाएगा |

✔️ ब्लूप्रिंट से विद्यार्थी के लिए यह सहयोग हो जाता है कि किस विषय के लिए और किस चैप्टर के लिए कितना समय देना है |

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