मध्यप्रदेश का नीमच जिला –
हेलो दोस्तों !आज हम आपको बताने वाले हैं मध्यप्रदेश के नीमच जिला के बारे में जो कि उज्जैन संभाग का जिला है | आज हम आपको नीमच जिले के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे जिसमें नीमच जिले के महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों की जानकारी विस्तार से दी जाएगी | नीमच जिले में आने वाले राष्ट्रीय उद्यान, यहां पर सभी प्रकार के धार्मिक मंदिर , तालाब और यहां से जुड़ी हुई सभी ऐतिहासिक धरोहरों को आपके सामने विस्तार से बताया जाएगा |
Table of Contents
☛ जिले के बारे में-
नीमच जिला 30 जून 1998 से पहले मंदसौर जिले का हिस्सा हुआ करता था लेकिन बाद में इसे एक जिला बनाया गया | सन 1857 के समय यहां पर ब्रिटिश शासन के द्वारा एक छावनी को स्थापित किया गया था | यहां पर कार्यरत छावनी को धीरे धीरे स्वतंत्रता संग्राम के बाद भारत के मिलिट्री फोर्स में परिवर्तित कर दिया | वर्तमान समय में इस छावनी को सीआरपीएफ के नाम से पहचाना जाता है जिसका पूर्ण रूप केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के नाम से पूरी दुनिया में जाना जाता है | CRPF की शुरुआत मध्यप्रदेश के नीमच जिले से ही शुरू हुई है जिस कारण से नीमच जिले को सीआरपीएफ की जन्मस्थली के रूप में भी जाना जाता है |
नीमच जिले का आकार | मानव के हृदय के समान |
सीआरपीएफ की जन्मस्थली | Neemuch |
मंदिर | कुकड़ेश्वर, नव तोरण मंदिर, महादेव मंदिर, कोटा का जग मंदिर ,भीमताल टैंक |
उद्योग | एल्केलॉइड, सीमेंट कारखाना |
मध्य प्रदेश का प्रथम ग्राम न्यायालय | नीमच जिले का झान्तला गांव |
देश का पहला पावर प्लांट | सोलर पावर प्लांट |
अखबार | नई विधा अमृत मंथन |
ऑक्टरलोनी इमारत | 1818 में निर्मित |
नेशनल हाईवे | एन एच- 79 |
नीमच जिले की सीमा | राजस्थान राज्य के कोटा जिला से |
तहसीलों की संख्या | 6 |
विधानसभा क्षेत्र | 3 |
बांध | गांधी सागर बांध |
नीलकंठेश्वर मंदिर | भगवान शिव के लिए प्रसिद्ध है |
नीमच जिले के कुछ महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल-
☯ गांधी सागर बांध-
Madhya Pradesh के नीमच जिले में एक प्रसिद्ध बांध बनाया गया है जिसे गांधी सागर बांध के नाम से जाना जाता है | दोस्तों इस बांध को देखने के लिए प्रतिवर्ष सैकड़ों लोग जनवरी के महीने में आते हैं क्योंकि जनवरी के महीने में ज्यादातर लोग पिकनिक मनाने के लिए कोई सुंदर जगह खोजते रहते हैं | यह बांध देखने में बहुत ही सुंदर और आकर्षक लगता है इस बांध के दो तरफ से बड़े बड़े पहाड़ और घने जंगल दिखाई देते हैं |
दोस्तों यह बांध नीमच जिले के पर्यटन का केंद्र है क्योंकि यहां पर इस बांध के कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर जाना प्रतिबंधित होता है यदि आप प्रतिबंधित क्षेत्र पर जाना चाहते हैं तो आपको जाने से पहले बांध में कार्यरत कर्मचारियों से अनुमति लेनी होगी | अक्सर लोग टरबाइन को वीडियो में देखते हैं आप यहां पर टरबाइन को बखूबी सामने जाकर देख सकते हैं परंतु बहुत से क्षेत्र ऐसे होते हैं जहां पर जाना सख्त मना होता है |
इस बांध को देखने का सबसे सुंदर नजारा बरसात के मौसम में होता है क्योंकि इस समय यह बांध काफी हद तक वर्षा के पानी से भर चुका होता है | कभी-कभी बांध में पानी काफी मात्रा में हो जाने के कारण इस बांध के गेट खोल दिए जाते हैं गेट खोलने के बाद पानी का बहाव यहां का बहुत ही सुंदर नजारा बना देता है |

☯ भादवा माता मंदिर-
दोस्तों नीमच जिले का यह एक धार्मिक मंदिर है जोकि माता शक्ति की एक खंडपीठ है जिसे भादवा माता के नाम से जाना जाता है | शहर के आसपास के निवासियों कि यहां पर बहुत मान्यता है लोग माता को जिस तरीके से मांगते हैं उसी तरीके से माता की कृपा भी उन पर बरसती है | भादवा माता का आशीर्वाद कभी भी खाली नहीं जाता परंतु देर है तो उनके दरबार में एक बार माथा टेकने की | भादवा माता के दरबार में जाने वाला प्रत्येक श्रद्धालु कभी भी वहां से खाली हाथ नहीं लौटता |
कई लोगों का मानना है कि यहां पर संतान प्राप्ति के लिए खाली आई झोली हमेशा माता की कृपा से भर जाती है और उनको संतान की प्राप्ति हो जाती है | संतान की प्राप्ति के बाद कई लोग यहां पर माता के लिए श्रद्धा पूर्वक चढ़ावा चढ़ाने के लिए आते हैं जिनमें प्रमुख रूप से पताका ,घंटा ,त्रिशूल आदि सभी को चढ़ाते हैं |
इस मंदिर की यात्रा करने के लिए आपको मात्र नीमच जिले के मुख्यालय से 19 किलोमीटर की यात्रा तय करनी पड़ती है इसके बाद आपको यह मंदिर मिल जाता है |
☯ सुखानंद जी का आश्रम-
दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं सुखानंद का अर्थ होता है सुख और आनंद इसका मतलब है आप इस जगह पर जाने के बाद एकदम आनंद की अनुभूति करेंगे | दोस्तों आपको जानकार हैरानी होगी की जैसा कि इस मंदिर का नाम है इसका परिणाम भी ठीक है इसके उल्टा निकलता है | दोस्तों आपको बता दें कि सुखानंद मंदिर भगवान शिव के लिए प्रसिद्ध है यह एक भगवान शिव का विशाल मंदिर है | यह मंदिर पहाड़ी एरिया का मंदिर है घने पहाड़ों में और ऊंचे स्थान पर यह मंदिर स्थित है | मंदिर तक जाते जाते तो कई प्रकार की घटिया में लेंगे परंतु जहां मंदिर है वहां पर आसपास काफी मैदान है | यह मंदिर लगभग नीमच जिले से 20 किलोमीटर की दूरी के पास पड़ता है |
दोस्तों इस मंदिर को नीलकंठ महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है जोकि भगवान शिव को ही नीलकंठ कहा जाता है | कई धार्मिक पुराणों और ग्रंथों में भगवान शिव को नीलकंठ इसीलिए कहा जाता है क्योंकि उनका कंठ नीले कलर का है | भगवान शिव के नीले गले के पीछे धार्मिक पुराणों और ग्रंथों में बताया जाता है कि भगवान शिव ने दुनिया को संकट से बचाने के लिए जहर को पी लिया था जिस कारण से उनका गला एकदम नीला पड़ गया | उनके गले से नीचे जहर ना जाने के कारण यही उनका गला आज भी नीला दिखाई देता है| कहा जाता है कि माता गंगा ने उनके गले में जाकर शीतलता प्रदान कर दी थी और जहर को रोक दिया था |
Sukhanand ji’s ashram- Neemuch
दोस्तों भगवान शिव से संबंधित कई प्रकार की ऐसी धार्मिक और ऐतिहासिक कहानियां सुनने को मिलती हैं | भगवान शिव से जुड़ी हुई कोई ना कोई कहानी प्रत्येक मंदिर से जुड़ी होती है | सनातन धर्म के अनुसार भगवान शिव को हजारों लाखों बरसों पहले से ही पूजा जा रहा है | धर्म पुराणों और ग्रंथों के अनुसार बताया जाता है कि कोई भी महान तपस्वी सर्वप्रथम भगवान शिव की तपस्या कर खुद को शक्तिशाली बनाता था |
भगवान शिव का यह मंदिर राजस्थान की जयपुर से लगभग 118 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | राजस्थान के महाराणा प्रताप हवाई अड्डा के माध्यम से भी आप इस मंदिर तक पहुंचा सकते हैं|
सुखानंद जी आश्रम से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर जावद नाम से एक रेलवे स्टेशन मौजूद है इस रेलवे स्टेशन के माध्यम से भी किस प्रसिद्ध मंदिर तक पहुंच कर पर्यटन का आनंद ले सकते हैं|
इस मंदिर के चारों तरफ हरे-भरे घने जंगल और सुंदर पहाड़ियां देखने को मिलती हैं यहां पर एक छोटा सा झरना भी देखने को मिलता है जो कि ऊपर से गिरता हुआ पानी यहां की सुंदरता को बढ़ा देता है |
☯ भादवा माता का स्नान कुआं-
यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि भादवा माता के क्षेत्र में आने वाला स्नान कुआं यहां का प्रसिद्ध और एक धार्मिक कुआं है | कहा जाता है कि इस कुएं में स्नान करने के बाद लकवा और पोलियो जैसी कई बीमारी पल भर में ठीक हो जाती हैं | स्थानीय लोगों के द्वारा बताया जाता है कि इस कुएं में स्नान करने के लिए हजारों किलोमीटर दूर से लोग आते हैं और इसमें में स्नान करते हैं और माता की कृपा से वह अपने रोग से छुटकारा पाते हैं |
दोस्तों आज तक आपने ऐसा कुआं नहीं देखा होगा जैसा आपको नीमच जिले के किस क्षेत्र में मिल जाता है | कई बार आपने सुना होगा कि गंगा का पानी कभी खराब नहीं होता यह है मां गंगा की कृपा भी है और वैज्ञानिकों के अनुसार गंगा के जल में पाए जाने वाले बैक्टीरिया के कारण गंगा का जल सुरक्षित रहता है | दोस्तों जिस तरीके से कहा जाता है कि गंगा में स्नान करने के बाद लोगों के पाप धुल जाते हैं उसी तरीके से स्थानीय लोगों का मानना है कि इस कुएं में एक बार स्नान करने के बाद पोलियो और लकवा जैसी घातक बीमारियां से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाता है |
इस मंदिर में आप को सबसे ज्यादा भीड़ नवरात्रि के समय देखने को मिलती है और यहां बताया जाता है कि छुट्टियों के समय में भी आपको भीड़ का सामना करना पड़ सकता है | यदि आप नीमच जिले के इस मंदिर का भ्रमण करना चाहते हैं और माता के दर्शन करना चाहते हैं तो आपको निश्चित रूप से प्लानिंग के साथ ही जाना चाहिए और पूरी जानकारी के साथ घूमना चाहिए |
☯ नव तोरण मंदिर-
यह मंदिर काफी पुराना और खंडहर हो चुका मंदिर है परंतु प्राचीन होने के कारण यहां पर पर्यटक अक्सर इसे देखने के लिए आते हैं क्योंकि इतिहास के बारे में सब कुछ जानने की जिज्ञासा होती है |
☯ समर कुंड महादेव मंदिर-
समर कुंड महादेव मंदिर भगवान शिव की प्रसिद्ध शिवलिंग के ठीक बगल में एक सुंदर कुंड स्थित है जिसे समर कुंड महादेव के नाम से जाना जाता है | यह कुंड बहुत ही सुंदर और इसकी आकृति बहुत अच्छी लगती है | भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आए हुए लोग किसी कुंड से जल लेकर भगवान शिव को अर्पित करते हैं |
महाशिवरात्रि के समय यहां पर इतनी ज्यादा मात्रा में भीड़ होती है कि इस कुंड का पानी भगवान शिव को चढ़ाने के लिए मिल ही नहीं पाता | इस कुंड में पानी भगवान भोलेनाथ की कृपा से अपने आप निकल आता है और कहा जाता है कि इस कुंड का पानी कभी भी खत्म नहीं होता है |
☯ श्री किलेश्वर महादेव मंदिर-
दोस्तों यह मंदिर भी भगवान शिव के लिए समर्पित है इस मंदिर के चारों तरफ हरे भरे पेड़ पौधे और पर्वत मौजूद है | यह मंदिर जंगल के बीचो बीच बना हुआ है जैसा कि दोस्तों आज तक आपको भगवान शिव का ऐसा कोई भी मंदिर नहीं मिला होगा जो कि जंगल में ना हो| धार्मिक ग्रंथों में बताया जाता है कि भगवान शिव हजारों साल तक तपस्या में अथवा समाधि में लीन रहा करते थे जिस कारण से उनको एक शांत जगह ढूंढनी पड़ती थी जहां पर उनको तपस्या में किसी भी प्रकार का बाधा ना हो इसीलिए भगवान शिव जंगल को अपना समाधि स्थल बनाया करते थे |
दोस्तों कहा जाता है कि भगवान शिव अपने भक्तों से कभी नाराज नहीं होते और भगवान शिव के दर्शन मात्र से उनके कष्ट हमेशा के लिए हर लिए जाते हैं | महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर यहां पर हजारों की संख्या में लोग भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं और बेल पत्र तथा जल चढ़ाते हैं |
☯ बालाजी धाम-
नीमच जिले में दोस्तों आपको भगवान शिव से जुड़े हुए सर्वाधिक मंदिर देखने को मिलते हैं परंतु यहां पर भगवान श्री हनुमान जी से जुड़ा हुआ एक प्रसिद्ध मंदिर भी देखने को मिलता है | इस मंदिर में भगवान श्री हनुमान जी की सुंदर मूर्ति स्थापित है | यह मंदिर देखने में काफी सुंदर लगता है इसे देखने के लिए पर्यटक अक्सर आते रहते हैं| दोस्तों यही एक धार्मिक मंदिर यहां पर प्रतिवर्ष हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर भगवान श्री हनुमान जयंती को बड़े ही धूमधाम से और हर्ष के साथ मनाया जाता है |
☯ सांवरिया सेठ मंदिर-
दोस्तों जैसा कि आपने कई धार्मिक पुराणों और ग्रंथों में सुना होगा भगवान श्री कृष्ण के कई नाम चलते हैं जिनमें प्रमुख रूप से उनको कृष्ण, सांवरिया, रणछोड़, श्याम ,कान्हा, आदि कई नाम हमने सुने हैं | सांवरिया सेठ के नाम से भगवान श्री कृष्ण का यहां पर प्रसिद्ध मंदिर स्थापित है जोकि बहुत सुंदर और खूबसूरत मंदिर | दोस्तों यदि आप नीमच जिले के पर्यटन स्थल घूमने के लिए जाते हैं तो आपको यह मंदिर एक बार जरूर देखना चाहिए |
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के समय यहां पर भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी को मनाने के लिए नगर के सभी लोग जन्माष्टमी का आयोजन करते हैं और भव्य कार्यक्रम को सफल पूर्वक मनाते हैं | भगवान श्री कृष्ण की इस कार्यक्रम में भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं को चरित्र चित्रण किया जाता है |
☯ पिपलिया किला –
दोस्तों नीमच जिले का यह एक बहुत ही प्राचीन किला है सन 1857 के समय हुई क्रांति में यह किला पूरी तरीके से हमला किया हुआ किला है | वर्तमान समय में पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के द्वारा इसकी कोई भी मरम्मत और संरक्षण नहीं किए जाने के कारण यह किला पूरी तरीके से खंडहर हो चुका है | इसके लिए मैं समय-समय पर कई राजाओं ने शासन किया है और कई बार इसके लिए को जीता गया है | यह किला प्राचीन और ऐतिहासिक होने के कारण पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाता है और यहां पर लोग अक्सर इसे देखने के लिए आते रहते हैं | प्राचीन समय में निर्मित की गई मूर्तियों को तो आप यहां पर बखूबी आज भी देख सकते हैं क्योंकि यह मूर्तियां प्रमुख रूप से पत्थरों पर अंकित की गई थी |
☯ श्री भोर माता मंदिर-
यह मंदिर बहुत ही प्राचीन और सुंदर मंदिर है इसे देखने के लिए आप पर्सनल वाहन के माध्यम से भी जा सकते हैं और किसी अन्य वाहन के द्वारा भी जा सकते हैं | यह मंदिर जहां का धार्मिक मंदिर है किसी देखने के लिए स्थानीय निवासी के लोग अक्सर आते रहते हैं और स्थानीय निवासियों के अलावा यहां पर बाहर से भी लोग इस मंदिर को देखने के लिए आते हैं |
☯ जीरन झील-
जीरन झील जहां की प्रसिद्ध झील है इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और ऐसे झील का आनंद उठाते हैं | इस झील में जाने के बाद आप प्रमुख रूप से प्रकृति का आनंद उठा सकते हैं और यहां पर नहा भी सकते हैं | जेल के बाहर काफी मैदान है जहां पर आप तैराकी को भी बड़ी आसानी के साथ कर सकते हैं | इस झील को देखने के लिए आप अपनी पूरी फैमिली के साथ भी जा सकते हैं और पर्यटन का आनंद ले सकते हैं |

☯ जाजू सागर बांध-
गांधी सागर बांध के अलावा यहां पर यह एक दूसरा प्रमुख बांध है इस बांध से एकत्रित किए गए जल का उपयोग नीमच जिले की प्रमुख कृषि और यहां की आवश्यक जलापूर्ति को पूरा किया जाता है| यह बांध ज्यादा बड़ा नहीं है परंतु देखने में बहुत ही सुंदर और आकर्षक लगता है | इस बांध से कई नेहरे निकलती है जो कि नीमच जिले की सिंचाई व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में सहायक हैं | नीमच जिले के गांधी सागर बांध और जाजू सागर बांध के द्वारा यहां की कृषि प्रमुख रूप से की जाती है और खेती के उत्पादन में लगातार वृद्धि की जा रही है |
☯ गांधी सागर अभ्यारण-
नीमच जिले के अंतर्गत आने वाला गांधी सागर अभ्यारण यहां का प्रमुख पर्यटक स्थल है किस अभ्यारण में आपको तरह तरह के जानवर और पशु पक्षी देखने को मिलते हैं | यहां पर जाने के लिए आपको पूरी सावधानी बरतनी होती है क्योंकि जंगल में जाने के बाद खतरा किसी भी समय आपके सर पर हो सकता है | गांधी सागर अभ्यारण के कई क्षेत्र ऐसे होते हैं जहां पर जाना पूरी तरीके से प्रतिबंधित होता है इन क्षेत्रों में जाने से पहले आपको अभ्यारण के कर्मचारियों से जरूर सलाह लेना चाहिए | अभ्यारण का कोई भी क्षेत्र यदि आप घूमना चाहते हैं तो बिना इजाजत के आपको किसी भी क्षेत्र में नहीं जाना चाहिए क्योंकि ऐसा अभ्यारण में खतरनाक जानवर आप का शिकार भी कर सकते हैं |
दोस्तों कैसा अभ्यारण में शेर ,भालू, चीता ,हिरण आदि कई प्रकार के जानवर देखने को मिलते हैं और यहां पर सबसे अच्छा मौसम सर्दियों के समय का होता है क्योंकि यहां पर आपको झरना भी देखने को मिलते हैं |

नीमच जिले के पर्यटन History GK Tourism FAQ’s
☑️ वाणक्कर कौन थे?
वाणक्कर एक इतिहासकार और प्रसिद्ध बाल कवि थे जिनका जन्म मध्यप्रदेश के नीमच जिले में ही हुआ था |
☑️ भीमबेटका गुफाओं की खोज किसने की थी?
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में ऐतिहासिक धरोहर की भीमबेटका गुफाओं की खोज प्रसिद्ध इतिहासकार और बालकवि बैरागी जिन को वाणक्कर भी कहा जाता है उनके द्वारा की गई थी |
☑️ नीमच जिले में विधानसभा क्षेत्र कितने हैं?
नीमच जिले के अंतर्गत केवल 3 विधानसभा क्षेत्र आते हैं परंतु यहां पर है 6 तहसीलें हैं |
☑️ मध्यप्रदेश के नीमच जिले की सीमा किस राज्य से लगती है?
मध्यप्रदेश के नीमच जिले की सीमा राजस्थान राज्य से लगती है?
☑️ नीमच जिले के प्रमुख मंदिर कौन-कौन से हैं?
नीमच जिले के अंतर्गत आने वाले प्रमुख मंदिरों में महादेव मंदिर ,कोटा का जग मंदिर ,भीमताल टैंक आदि यहां के प्रमुख प्रसिद्ध मंदिर हैं |
☑️ नीमच जिले से कौन सा राष्ट्रीय राजमार्ग जाता है?
मध्यप्रदेश के नीमच जिले से राष्ट्रीय राजमार्ग 79 गुजरता है जोकि यहां के नया गांव से होकर जाता है |
☑️ नीमच जिले का नया गांव किस लिए प्रसिद्ध है?
नीमच जिले का नया गांव सीमेंट कारखाना के लिए प्रसिद्ध है और यहां से राष्ट्रीय राजमार्ग 79 भी जाता है |
☑️ अठाना प्रिंट कहां पर है?
मध्यप्रदेश के नीमच जिले में अठानाप्रिंट स्थित है | अठाना नीमच जिले का एक छोटा सा गांव है जो यहां पर चटकीले रंगों से भरी चित्रकारी के लिए प्रसिद्ध है | यहां पर चटकीले रंगों से भरी चित्रकारी इसी लिए प्रसिद्ध है क्योंकि यह बिल्कुल राजस्थान की सीमा से लगा हुआ है इसीलिए यहां पर राजस्थान कल्चर दिखाई देता है |
☑️ अकाल तांडव रचना किसकी है?
मध्यप्रदेश के नीमच जिले के प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जिनको बाबा डी के के नाम से भी जाना जाता था उन्हीं के द्वारा अकाल पांडव एक प्रसिद्ध रचना की गई | बाबा डी के एक प्रसिद्ध नाटककार थे |
☑️ शहाबुद्दीन औलिया उर्स का आयोजन कहां पर होता है?
शहाबुद्दीन औलिया उर्स का आयोजन मध्यप्रदेश के नीमच जिले में होता है |
☑️ भारत का पहला सोलर पावर प्लांट कहां पर स्थापित किया गया है?
मध्यप्रदेश के नीमच जिले में भारत का पहला सोलर पावर प्लांट स्थापित किया गया है जो कि यहां की ऊर्जा की पूर्ति को करेगा |
☑️ भारत का पहला गरीब बैंक कहां पर खोला गया ?
भारत का पहला गरीब बैंक मध्यप्रदेश के नीमच जिले में खोला गया|
☑️ एम पी का पहला ग्राम न्यायालय मध्यप्रदेश में कहां पर स्थापित किया गया था?
मध्य प्रदेश का पहला ग्राम न्यायालय नीमच जिले में खोला गया था यह ग्राम न्यायालय 10 ग्राम पंचायतों को मिलाकर बनाया गया था|
इस ग्राम न्यायालय को ज झान्तला ग्राम न्यायालय के रूप में जाना जाता है |
☑️ सन 1857 की क्रांति मध्य प्रदेश के किस जिले से शुरू हुई थी?
सन 1857 में शुरू हुई क्रांति मध्य प्रदेश की नीमच जिले से 30 जून को शुरू हुई थी |
☑️ मध्य प्रदेश के किस जिले का आकार मानव के हृदय के जैसा है?
मध्यप्रदेश के नीमच जिले का आकार मानव के हृदय के बिल्कुल समान हैं |
☑️ नीमच जिले को कब बनाया गया?
30 जून 1998 को नीमच जिला घोषित किया गया | जिला से पहले नीमच मंदसौर का हिस्सा हुआ करता था | बाद में मंदसौर से अलग करके एक स्वतंत्र जिला के रूप में घोषित किया गया |

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