रीवा संभाग का उद्योग दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण नगर सतना सतना नदी के किनारे बसा होने के कारण इस नगर का नाम सतना पड़ा। सतना वर्तमान में मध्य प्रदेश का प्रमुख चूना पत्थर उत्पादन करने वाला जिला है। मध्यप्रदेश के दो प्रमुख धार्मिक स्थल चित्रकूट और मेहर दोनों ही सतना जिले के अंतर्गत आते हैं। भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे जेएस वर्मा का जन्म सतना जिले में ही हुआ था।
सतना जिले की प्रमुख पर्यटक स्थल | Major tourist places of Satna district |
देश | भारत |
राज्य | मध्य प्रदेश |
संभाग | रीवा |
जिला | सतना |
जिला मुख्यालय | सतना |
तहसील | 10 |
विधानसभा | 6 |
सतना जिले से भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे | जे एस वर्मा |
मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा नेत्र चिकित्सालय | चित्रकूट सतना |
चूना पत्थर उत्पादक जिला | सतना |
चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय | चित्रकूट सतना |
शारदा माता का मंदिर | मैहर सतना |
मैहर घराने की स्थापना | उस्ताद अलाउद्दीन खान |
भरहुत स्तंभ | सतना |
Table of Contents
सतना जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल
सतना जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल निम्न है
- 🟪 भरहुत स्तूप
- 🟪 चित्रकूट धाम
- 🟪 मैहर की शारदा माता
- 🟪 धारकुंडी
- 🟪 मां वैष्णो देवी मंदिर
- 🟪 रामवन
- 🟪 परसानिया पर्वत
- 🟪 नागौद का किला
- 🟪 माधवगढ़ फोर्ट
- 🟪 पुष्करनी पार्क
- 🟪 मैत्री पार्क
- 🟪 धारकुंडी आश्रम
- 🟪 पशुपतिनाथ मंदिर
- 🟪 बसामन मामा
- 🟪 जगतदेव तालाब
- 🟪 वर्जुना माता का मंदिर
- 🟪 व्हाईट टाइगर सफारी मुकुंदपुर
➡️ सतना जिले के चित्रकूट में राज्य का सबसे बड़ा नेत्र चिकित्सालय
प्रसिद्ध समाजसेवी और भारत रत्न नानाजी देशमुख ने सतना के चित्रकूट में ही दीनदयाल शोध संस्थान और चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय की स्थापना की है। राज्य का सबसे बड़ा नेत्र चिकित्सालय चित्रकूट के जानकी कुंड में स्थापित किया गया है। इस अस्पताल की स्थापना स्वामी रामभद्राचार्य की थी। मैहर मां शारदा की शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध है । संगीत से जुड़ा हुआ मेहर घराना पूरे भारत में द्रुपद और ख्याल गायकी के लिए प्रसिद्ध है। इस घराने की स्थापना का श्रेय उस्ताद अलाउद्दीन खां को जाता है।
✔️सतना के अंतर्गत ही सम्राट अशोक से जुड़ा हुआ भरहुत स्तंभ अंग्रेजी अधिकारी अलेक्जेंडर कनिंघम ने खोजा था।
✔️भारतीय पुरातत्व विज्ञान का जनक या पितामह अलेक्जेंडर कनिंघम को कहा जाता है। सतना जिले के अंतर्गत उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा हुआ एक धार्मिक स्थल चित्रकूट जो मंदाकिनी नदी के किनारे बसा हुआ है।
✔️चित्रकूट में हर साल गधों के मेले का आयोजन होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्री राम ने अपने वनवास का समय यही काटा था।
➡️ प्रसिद्ध चित्रकूट धाम सतना
चित्रकूट के अंतर्गत कामदगिरि पर्वत, सती अनुसूया मंदिर , रामघाट , हनुमान धारा जानकीकुंड जैसे प्रमुख दर्शनीय स्थल स्थित है चित्रकूट का गुप्त गोदावरी प्रमुख दर्शनीय स्थल है। मध्य प्रदेश सरकार ने तुलसी संग्रहालय की स्थापना चित्रकूट में ही की है। चित्रकूट में ही रामायण काल से जुड़ी हुई वस्तुओं का संग्रहालय बनाया गया है । जिसे रामवन नाम दिया गया है ।
✔️सतना जिले के अंतर्गत आने वाले नागौद मे गुप्त काल में बना हुआ नचना कोटरा का मंदिर स्थित है।चित्रकूट सतना जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है । यह स्थल धार्मिक सांस्कृतिक इतिहास एवं पुरातात्विक महत्व रखता है। चित्रकूट एक ऐसा शहर है जो मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है ।
✔️यह हिंदू पौराणिक कथाओं में वर्णित कई मंदिरों एवं स्थलों के लिए भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि राम लक्ष्मण सीता अपने वनवास के 14 वर्षों में से अधिकांश समय यही चित्रकूट के जंगलों में बताया था। ब्रह्मा विष्णु और महेश ने यही अवतार लिया था।
✔️चित्रकूट में कामदगिरि पर्वत रामघाट मंदाकिनी घाट हनुमान धारा सती अनुसुइया गुप्त गोदावरी गुफा जैसे महत्वपूर्ण स्थान है जो बहुत ही दर्शनीय है चित्रकूट में राम नवमी एवं दीपावली के समय मेला लगता है। इस मेले में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते है।

➡️ सतना को सीमेंट कारखानों की नगरी
वर्तमान में सतना जिले के अंतर्गत सबसे ज्यादा सीमेंट कारखाने आते हैं। वर्तमान में सीमेंट उद्योग में प्रयुक्त होने वाले कच्चे माल का सबसे प्रमुख उत्पादक जिला है। सतना जिले के अंतर्गत कुल 10 तहसीलें और 6 विधानसभा आती हैं। सतना मध्य प्रदेश में सीमेंट उद्योग के लिए तथा यहीं पर जबलपुर व सागर के पश्चात बीड़ी उद्योग का आधार बनाया गया है। सतना स्थित मैहर को संगीत नगरी के नाम से जाना जाता है और यहीं पर प्रसिद्ध शारदा भवानी का मंदिर सुशोभित होता है।
✔️सतना स्थित मझगुवा प्रसिद्ध हीरे की खान है और सतना स्थित चित्रकूट मंदाकिनी नदी के किनारे स्थित है मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा सन् 2009 में चित्रकूट को पवित्र नगर घोषित किया गया है ।
✔️चित्रकूट में ही मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने 14 वर्ष में से 11 दिन बिताए थे।
➡️ भरहुत स्तूप Satna
सतना से लगभग 23 किलोमीटर दूर भरहुत इतिहास का एकमात्र का एक प्राचीन शहर एवं बौद्ध संस्कृति का केंद्र है । यह एक बौद्ध साहित्य है। यहां आप एक प्राचीन बौद्ध स्तूप देख सकते हैं तथा पत्थरों पर नक्काशी भी देखने को मिलती है । यहां मिली पुरातत्व महत्व की चीजों को देश के विभिन्न संग्रहालय में रखा गया है ऐसा कहा जाता है कि भरहुत स्तूप सम्राट अशोक द्वारा बनवाया गया था । 1873 में कनिंघम ने इस बौद्ध स्तूप का पता लगाया था ।

➡️ मैहर की शारदा माता
मैहर सतना जिले का एक महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ स्थल है जो शारदा माता के मंदिर के नाम पर पूरे भारत भर में प्रसिद्ध है। सतना शहर से कुछ दूरी पर त्रिकूट पर्वत पर शारदा देवी का मंदिर बना हुआ है। यह स्थान प्रमुख देवी शक्तिपीठों में से एक है। मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको हजारों सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं । यहां पर अब श्रद्धालुओं के लिए रोप वे की व्यवस्था भी की गई है
जिससे मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। नवरात्रि के समय मैहर में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ रहती है।

➡️ धारकुंडी Satna
सतना से तकरीबन 55 किलोमीटर की दूरी पर धारकुंडी स्थित है। धारकुंडी एक प्राकृतिक एवं खूबसूरत जगह है। धारकुंडी को देखने में बहुत ही अच्छा लगता है यह एक प्राकृतिक स्थल है।

➡️ वैष्णो देवी का मंदिर
वैष्णो देवी मंदिर सतना की सेंट्रल जेल के पास स्थित है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण कैदियों के द्वारा किया गया था । यह सतना रेलवे स्टेशन से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
➡️ नागौद का किला
नागौद किले में परिहार राजपूतों का शासन था
और यह सतना शहर से लगभग 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। किले का दरवाजा बहुत ही भव्य और दीवारें बहुत ही मजबूती से बनाई गई हैं । सन 1720 में रियासत को अपनी नई राजधानी के रूप में नागौद नाम दिया गया।

➡️ रामबन Satna
रामवन सतना शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । 1929 में रामबन चर्चित हुआ जब यहां लगातार 12 वर्षों तक अखंड मानस का पाठ हुआ। रामबन आस्था के साथ साथ एक पिकनिक स्पॉट भी है। यहां की मूर्तिकला भी पर्यटकों को आकर्षित करती है।

➡️ परसनिया पर्वत
परसनिया पर्वत सतना मुख्यालय से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां का प्राकृतिक दृश्य बहुत ही मनमोहक है । पर्वत पर जगह-जगह पर झरने और नदियां हैं। जहां पर पर्यटक पिकनिक मनाने जाते है।
➡️ वर्जुना माता का मंदिर
यह सतना जिला के अंतर्गत वर्जुना गांव में स्थित है। यहां 18 भुजाओं वाली मां आदि शक्ति विराजमान हैं।
➡️ माधवगढ़ फोर्ट
यह किला सतना मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह किला रीवा रियासत का प्रमुख केंद्र हुआ करता था। आसपास की भौगोलिक आकृति इसे विशेष बनाती है। इस किले को रीवा रियासत के महाराज विश्वनाथ सिंह जूदेव ने बनवाया था। यह किला तमस नदी के किनारे बना है।

➡️ पुष्करनी पार्क
यह पार्क सतना रेलवे स्टेशन से लगभग 400 मीटर की दूरी पर स्थित है। जहां पर आप स्टेशन से पैदल ही जा सकते हैं।
➡️ मैत्री पार्क सतना
मैत्री पार्क सतना रेलवे स्टेशन से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । यहां पर कई प्रकार के झूले लगाए गए हैं। यहां पर एलईडी लाइट लगाई गई हैं । और यहां पर फव्वारे भी लगाए गए और यह फव्वारे यहां की शोभा को बढ़ाते हैं।

➡️ बसामन मामा
सतना मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बसामन मामा सतना जिले का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है।
➡️ व्हाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर
यह सतना मुख्यालय से लगभग 53 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दुनिया के पहले सफेद बाघ को रीवा के राजा मार्तंड सिंह ने 1991 मुकुंदपुर में ही देखा था। अब यहां दुनिया की पहली वाइट सफारी खुल चुकी है। यहां बंगाल टाईगर, लॉयन पैंथर्स और सबसे कीमती सफेद टाइगर है।
➡️ जगतदेव तालाब मंदिर
यह सतना रेलवे स्टेशन से लगभग 600 मीटर की दूरी पर स्थित शिव मंदिर है । यह शहर के शांति प्रिय जगहों में से एक है।
➡️ आर्ट इचोल
सतना मुख्यालय से लगभग 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित आर्ट इचोल रचनात्मक कलाओं को बनाने , साझा करने और बढ़ावा देने के लिए एक मंच है । आर्ट इचोल का नाम इचोल के पड़ोसी गांव से प्रेरित है। यह केंद्र कौशल विकास और सामुदायिक भवन की सुविधा भी प्रदान करता है।

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➡️ धारकुंडी आश्रम
यह सतना मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। धार कुड़ी में प्राकृतिक और आध्यात्मिकता का अनुपम मिलन देखने को मिलता है । सतपुड़ा के पठार की विंध्याचल पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित धार कुड़ी में प्रकृति की अनुपम की छटा देखने को मिलती है। ऐसा माना जाता है कि महाभारत काल में धृष्ठ और दक्ष का प्रसिद्ध संवाद यही कि एक कुंड में हुआ था। धारकुंडी मूलतः 2 शब्दों से मिलकर बना है धार तथा कुड़ी यानी जल की धारा और जल कुंड।
➡️ पशुपतिनाथ मंदिर सतना
यह मंदिर सतना मुख्यालय से लगभग 4.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह सतना के प्राचीनतम मंदिरो में से एक है। यहां शिवलिंग और नंदी भगवान की विशाल मूर्ति स्थापित है । यहां शिवरात्रि पर मेला लगता है। यहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी ही रहती है।

सतना जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल संबंधित FAQ’S [ FAQ’S about major tourist places in Satna district ]
1️⃣ प्रसिद्ध शारदा माता का मंदिर कहां पर स्थित है?
उत्तर- मैहर सतना
2️⃣ जगतदेव तालाब मंदिर किस जिले में स्थित है ?
उत्तर- सतना
3️⃣ धारकुंडी धाम मध्य प्रदेश के किस जिले में स्थित है?
उत्तर- सतना
4️⃣ माधवगढ़ फोर्ट मध्य प्रदेश के किस जिले में स्थित है?
उत्तर- सतना
5️⃣ पशुपतिनाथ मंदिर किस जिले में स्थित है ?
उत्तर- सतना
6️⃣मैत्री पार्क किस जिले में स्थित है?
उत्तर- सतना
7️⃣चित्रकूट धाम किस जिले में स्थित है?
उत्तर- सतना
8️⃣ चित्रकूट धाम में भगवान राम कितने वर्ष तक रुके थे?
उत्तर- 11 वर्ष
9️⃣सतना जिले में कितनी तहसीलें हैं?
उत्तर- 10
🔟 सतना जिले में कितनी विधानसभा हैं?
उत्तर- 6

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