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2024 Big News एमपी बोर्ड की यह योजना हो रही है बंद

एमपी बोर्ड की यह योजना हो रही बंद लाखों विद्यार्थियों को नुकसान – BigNews 2022

नमस्कार दोस्तों!

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दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं मध्य प्रदेश की एक ऐसी योजना जिससे विद्यार्थियों को आज तक लाभ हो रहा था परंतु अब यह योजना बंद हो रही है जिस कारण से लाखों विद्यार्थियों को को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है | आज हम आपको बताने वाले हैं बेस्ट ऑफ फाइव योजना क्या है? कैसे यह काम करती है? विद्यार्थियों को इस योजना के बंद होने से क्या नुकसान हैं? इस योजना के तहत विद्यार्थियों को क्या लाभ होता था? बेस्ट ऑफ फाइव योजना की शुरुआत कब हुई? बेस्ट ऑफ फाइव योजना को क्यों शुरू किया गया? बेस्ट ऑफ फाइव योजना से जुड़े हुए सभी महत्वपूर्ण तथ्यों को आज आपके सामने उजागर किया जाएगा |

दोस्तों इस योजना का नाम है बेस्ट ऑफ फाइव योजना-

इस योजना के तहत मध्य प्रदेश के सभी विद्यार्थियों को जो कक्षा 10th के छात्र हैं जिनके 6 विषय हुआ करते थे यदि वह पांच विषयों में पास हो जाते हैं तो अन्य एक विषय में उनको पास मान लिया जाता था | वर्तमान में यही योजना बंद हो रही है जिस कारण से लाखों विद्यार्थियों का नुकसान हो रहा है |

योजना का नामबेस्ट ऑफ फाइव योजना मध्य प्रदेश
विद्यार्थीकक्षा- 10th
शुरुआत2017
नवीन शिक्षा सत्र की शुरुआत13 जून 2022
विद्यार्थियों का नुकसानकिसी भी एक विषय को पूर्ण तरीके से छोड़ देना,
राज्यमंत्री का फैसलाबेस्ट ऑफ फाइव योजना को बंद करने के निर्देश जारी करने के उपलक्ष में
विद्यार्थियों को संपूर्ण विषय में नॉलेज ना होने सेशिक्षकों को जिम्मेदार ठहराना
केवल 5 विषयों की तैयारीबेस्ट ऑफ फाइव योजना का सबसे बड़ा नुकसान
आईटीआई में प्रवेश लेने में समस्यासभी विषयों का संपूर्ण नॉलेज ना होने के कारण
अक्टूबर 2020बेस्ट ऑफ फाइव योजना को पहली बार बंद करने के बारे में पहली बैठक
क्वेश्चन पेपर80 अंक
परीक्षा का समय3 घंटा
परीक्षा बोर्डMPBSE

⚫️ बेस्ट ऑफ फाइव योजना की शुरुआत-

मध्य प्रदेश के सभी विद्यार्थियों को प्रमुख रूप से जो कक्षा दसवीं के छात्र हैं उनके लिए यह योजना उपयुक्त थी जिसकी शुरुआत सन 2017 में हुई थी | इस योजना को सन 2017 में ही लागू कर दिया गया था और 2017 से लेकर 2022 तक यही योजना चल रही है हालांकि वर्तमान समय में यह योजना बंद हो रही है |

⚫️ बेस्ट ऑफ फाइव योजना का लक्ष्य-

बेस्ट ऑफ फाइव योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का सबसे बड़ा लक्ष्य था कि मध्य प्रदेश के दसवीं के छात्रों का रिजल्ट प्रतिशत बढ़ाया जा सके | दोस्तों पांच विषय में पास होने के बाद एक विषय में स्वतः पास मान लेना यह विद्यार्थियों के हित में तो था परंतु कहीं ना कहीं विद्यार्थियों को बहुत बड़ा नुकसान भी हो रहा था |

⚫️ शिक्षा समिति का प्रस्ताव-

वर्तमान समय में बेस्ट ऑफ फाइव योजना को बंद करने के लिए शिक्षा समिति मैं मध्य प्रदेश सरकार के पास प्रस्ताव भेज दिया गया है | आगे चलकर यही योजना बहुत ही कम समय में बंद हो सकती है | जैसे ही मध्य प्रदेश शासन के द्वारा इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है ठीक है उसके बाद ही यह योजना बंद हो जाएगी |

मई 2022 में इस योजना को बंद करने के लिए शिक्षा समिति ने कई बैठक बुलाईं और इस योजना को बंद करने के बारे में विचार किया गया |

⚫️ बेस्ट ऑफ फाइव योजना बंद होने के बाद विद्यार्थियों का भविष्य –

दोस्तों बेस्ट ऑफ फाइव योजना के तहत कहीं ना कहीं कई विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में जा रहा था | विद्यार्थियों के मन में पढ़ाई के प्रति रुझान गिरता चला जा रहा था | विद्यार्थी एक विषय में अपने आप पास हो जाने के कारण कहीं ना कहीं शिक्षा को उतना महत्व नहीं देते थे | बेस्ट ऑफ फाइव योजना बंद हो जाने के बाद विद्यार्थियों को सभी विषयों में पास होना जरूरी हो जाएगा | 2017 से पहले जिस प्रकार सभी विद्यार्थियों को संपूर्ण 6 विषय में पास होना अनिवार्य था ठीक उसी प्रकार इस योजना के बंद होने के बाद सभी विद्यार्थियों को 6 विषय में पास होना अनिवार्य हो जाएगा | यही योजना केवल दसवीं के विद्यार्थियों के लिए लागू होती है |

⚫️ शिक्षा सत्र 2022-

माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल की तरफ से जैसे ही इस योजना को बंद कर दिया जाएगा ठीक उसके बाद कक्षा दसवीं के सभी विद्यार्थियों को संपूर्ण 6 विषय में उत्तीर्ण अंक प्राप्त करने होंगे | मध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल की तरफ से जैसे ही इस योजना को बंद करने का ऐलान किया जाता है उसके बाद तुरंत ही सभी विद्यार्थियों को संपूर्ण 6 विषयों में जबरदस्त मेहनत करने के लिए अनिवार्य हो जाएगा |

नवीन सत्र 2022 की शुरुआत 13 जून 2022 से शुरू हो चुकी है यह सत्र को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों का प्रवेश भी कक्षाओं में शुरू हो चुका है | नस्ती मंत्रालय के पास बेस्ट ऑफ फाइव की कमियां गिनाते हुए इसे पूर्ण तरह समाप्त करने के लिए कोशिश लगातार जारी है |

⚫️ बेस्ट ऑफ फाइव योजना के नियम-

2017 में बेस्ट ऑफ फाइव योजना को शुरू करने के साथ-साथ इसके कुछ नियम कक्षा दसवीं के सभी विद्यार्थियों पर लागू होते हैं| बेस्ट ऑफ फाइव योजना के तहत कक्षा दसवीं की सभी छात्रों का रिजल्ट प्रतिशत बढ़ाया गया | बेस्ट ऑफ फाइव योजना के तहत कक्षा दसवीं की सभी छात्रों को केवल पांच विषय में पास हो जाना अनिवार्य हुआ था | यदि किसी भी छात्र के अन्य पांच विषयों के अलावा एक विषय में फेल हो जाता है तो उस विषय के अंक लिए बिना उसे पास मान लिया जाता था |

⚫️ बेस्ट ऑफ फाइव योजना लागू होने के बाद विद्यार्थियों का नुकसान-

दोस्तों हम बात करने वाले हैं बेस्ट ऑफ फाइव योजना कि लागू होने के बाद विद्यार्थियों के भविष्य पर क्या प्रभाव रहा और उनका क्या नुकसान होगा |

☛ बेस्ट ऑफ फाइव योजना के द्वारा विद्यार्थियों का किसी एक विषय से पूरी तरीके से ध्यान हट जाना |

☛ विद्यार्थियों ने अंग्रेजी अथवा गणित जैसे विषय को पढ़ना ही बंद कर दिया था जिस कारण से विद्यार्थियों के भविष्य पर इसका बहुत बड़ा दुष्प्रभाव पड़ रहा था |

☛ विद्यार्थियों को पढ़ाई के प्रति जागरूकता को कम होना और रुचि में कमी आना |

☛ यदि विद्यार्थी किसी एक विषय को पढ़ना ही छोड़ देते हैं तो अगली कक्षा में वह प्रमुख रूप से कमजोर हो जाएंगे | अगली कक्षा में भी अपने दिमाग का सही इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे |

☛ वर्तमान समय को देखते हुए अंग्रेजी जैसे विषय को छोड़ देना से विद्यार्थियों का भविष्य कहीं ना कहीं बहुत है अंधेरे में जा रहा है | वर्तमान समय में अंग्रेजी भाषा का दैनिक जीवन में बहुत उपयोग हो रहा है जिस कारण से अंग्रेजी विषय को पढ़ना भी अनिवार्य हो गया है |

☛ यदि विद्यार्थी गणित जैसे विषय को छोड़ देते हैं तो उनके दिमाग पर विकास नाम की कोई भी चीज है नहीं रहेगी उनका दिमाग विकसित नहीं हो पाएगा | गणित जैसे विषय को छोड़ देने के बाद उनके सोचने और समझने की शक्ति पूरी तरीके से बर्बाद हो जाएगी|

☛ पढ़ाई के प्रति विद्यार्थियों की सोच कम होना |

☛ किसी एक विषय में आसानी से पास हो जाने के कारण विद्यार्थियों का पढ़ाई के प्रति कम समय देना |

⚫️ बेस्ट ऑफ फाइव योजना को बंद करने का पहला प्रयास-

माध्यमिक शिक्षा मंडल ने मध्य प्रदेश के सभी विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए बेस्ट ऑफ फाइव योजना को बंद करने के बारे में अक्टूबर 2020 के समय इस योजना पर महत्वपूर्ण चर्चा की थी | अक्टूबर 2020 के बाद इस योजना को बंद करने के बारे में विशेष रुप से ध्यान नहीं दिया गया और कोरोना काल के चलते इस योजना को बंद करना उचित नहीं समझा गया | वर्तमान समय में कोरोना महामारी का दुष्प्रभाव ना के बराबर दिखाई देता है जिस कारण से इस योजना को बंद करने के बारे में मध्य प्रदेश सरकार ने एक बार फिर योजना बनाई है |

⚫️ बेस्ट ऑफ फाइव योजना की कमियां-

बेस्ट ऑफ फाइव योजना की कमियां कुछ इस प्रकार हैं-

☛ आर्मी जीडी का फार्म भरने में अक्षम-

बेस्ट ऑफ फाइव योजना के तहत विद्यार्थी पांच विषय में पास होने के बाद किसी एक विषय में फेल होने के बावजूद भी उसे उस विषय में पास मान लिया जाता था | इस योजना के तहत पास होने वाला विद्यार्थी आने वाले समय में इंडियन आर्मी जीडी का फॉर्म नहीं भर सकता था जिस कारण से कहीं ना कहीं विद्यार्थियों के भविष्य पर ताला लग रहा है | विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस योजना को बंद करने का निर्णय लिया जा रहा है |

आर्मी की जनरल ड्यूटी के लिए गणित ,हिंदी और अंग्रेजी जैसे विषयों का प्रमुख रूप से ज्ञान होना बहुत अनिवार्य होता है और इन्हीं विषयों को विद्यार्थी इग्नोर कर रही थे जिस कारण से विद्यार्थियों के भविष्य पर भी इसका बहुत बड़ा दुष्प्रभाव हो रहा था| जन्म विद्यार्थियों को गणित, हिंदी और अंग्रेजी जैसे विषयों का नॉलेज नहीं है उन विद्यार्थियों को जनरल ड्यूटी में सेलेक्ट नहीं किया जाता है |

☛ आईटीआई में प्रवेश वर्जित-

बेस्ट ऑफ फाइव योजना के तहत कई विद्यार्थी ऐसे होते हैं जिनको गणित और अंग्रेजी जैसे विषयों का बहुत कम नॉलेज होता है जिस कारण से आईटीआई की बहुत सी ट्रेड ऐसी होती है जहां पर प्रवेश मिलना बहुत मुश्किल होता है | आईटीआई में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है |

☛ छात्र जिस विषय में कमजोर होता है कुछ विषय को पढ़ना ही नहीं चाहता जिस कारण से आगे जाकर बहुत ही समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है यह सबसे बड़ी कमी है |

☛ पांच विषयों की तैयारी-

दोस्तों जैसा कि हम जानते हैं कक्षा दसवीं में कुल मिलाकर 6 विषय होते हैं जबकि इस योजना का गलत फायदा उठाकर विद्यार्थी केवल पांच विषयों की तैयारी करते हैं | विद्यार्थियों को पता है कि बेस्ट ऑफ फाइव योजना के तहत है एक विषय में हम स्वत: पास हो जाएंगे तो हम कुल 6 विषय की तैयारी क्यों करें | बेस्ट ऑफ फाइव योजना का गलत लाभ उठाकर विद्यार्थी सरकार को नहीं बल्कि स्वयं को धोखा दे रहे हैं | विद्यार्थियों की उम्र और समझदारी दोनों ही कम होती है जिस कारण से वे सभी विषयों को मान्यता नहीं देते उनको केवल पास होने से मतलब होता है |

वह तो विद्यार्थी तो बेस्ट ऑफ फाइव योजना को ध्यान में रखते हुए केवल चार व्यक्तियों की तैयारी करते हैं बाकी एक विषय को पूरक परीक्षा के लिए छोड़ देते हैं | एक प्रकार एक विषय को पूरक परीक्षा के लिए छोड़ देने के बाद विद्यार्थी बहुत बड़े नुकसान के जिम्मेदार स्वयम होते हैं |

☛ प्रथम और द्वितीय स्थान आने पर दुष्प्रभाव-

दोस्तों बेस्ट ऑफ फाइव योजना के तहत विद्यार्थी पांच विषयों की तैयारी तो करते हैं और अंत में गणित जैसे विषय को छोड़ देते हैं| गणित जैसे विषय को छोड़ देने के बाद भी वह अन्य पांच विषयों में अच्छे अंको से उत्तीर्ण हो जाता है और गणित में न्यूनतम अंक आने के बाद भी वह प्रथम स्थान पर आ जाता है | दूसरे स्थान पर आने वाला विद्यार्थी कुल मिलाकर 6 विषयों को बराबर महत्व देता है और सभी विषयों में अच्छे अंको से पास भी होता है परंतु वह दूसरे स्थान पर आता है | बेस्ट ऑफ फाइव योजना का यह सबसे बड़ा नुकसान हैं जो विद्यार्थी सभी विषयों को महत्व देता है वह दूसरे स्थान पर आता है और जो विद्यार्थी केवल पांच व्यक्तियों को महत्व देता है वह प्रथम स्थान पर आ जाता है |

⚫️ शिक्षकों को जिम्मेवार ठहराना-

बेस्ट ऑफ फाइव योजना के तहत विद्यार्थियों के रिजल्ट में तो तेजी आ गई परंतु उनके मानसिक विकास में कमी आ गई जिसका जिम्मेदार शिक्षकों को ठहराया जा रहा है | परीक्षा परिणाम में तो वृद्धि हो गई परंतु योजना के कारण विद्यार्थियों का स्वयं नुकसान हो रहा है और कहीं ना कहीं शिक्षकों को दोषी ठहराया जा रहा है | पहले जैसी पढ़ाई को दोहराने के लिए और सभी व्यक्तियों को अर्थात कुल मिलाकर 6 विषय में सभी को समान दर्जा देने के लिए यही योजना बंद हो रही है | योजना बंद हो जाने के बाद सभी विषयों को समान रूप से सीखना अनिवार्य हो जाएगा | जो भी विद्यार्थी किसी भी विषय से उत्तीर्ण प्रतिशत होने से कम अंक लाता है तो उसे अनुत्तीर्ण मान लिया जाएगा |

⚫️ प्रतियोगी परीक्षा में नुकसान-

दोस्तों वर्तमान समय में आप किसी भी परीक्षा की तैयारी कर ले नौकरी प्राप्त करना बहुत ही मुश्किल हो गया है | वर्तमान समय में जहां हम कक्षा दसवीं में छह विषयों को पढ़ते हैं वही हम नौकरी के लिए कम से कम 10 विषयों को बराबर महत्व देते हैं तब कहीं जाकर हम किसी प्रतियोगी परीक्षा में सफल हो पाते हैं | दोस्तों प्रतियोगी परीक्षा में गणित और विज्ञान जैसे विषय सबसे महत्वपूर्ण होते हैं और विद्यार्थी इन्हीं विषयों को ज्यादा महत्व नहीं देता | गणित और विज्ञान जैसे विषय को छोड़ देने के बाद और इतना लंबा जैसा हो जाने के कारण विद्यार्थी गणित जैसे विषय को कभी पढ़ ही नहीं पाता और प्रतियोगी परीक्षा जैसे महत्वपूर्ण पेपर से वंचित रह जाता है |

राज्यमंत्री का फैसला-

राज्य मंत्री के द्वारा सभी शिक्षा विभागों के अधिकारियों की एक बैठक बुलाई गई है यह बैठक इस योजना को बंद करने के उपलक्ष में निर्देश जारी करेगी |

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