मध्यप्रदेश में झाबुआ को भील जनजाति का घर कहा जाता है।
सन 1935 में अंग्रेजों के खिलाफ कर वृद्धि आंदोलन की शुरुआत झाबुआ में ही हुई थी।
अमरकोट झाबुआ रियासत का एक ठिकाना हुआ करता था
झाबुआ राज्य की स्थापना सन 1584 में केशव दास जी ने की थी उन्हे बंगाल में एक संपत अभियान के लिए दिल्ली के मुगल सम्राट जहांगीर ने राजा की उपाधि प्रदान की थी
झाबुआ राज्य के पहले राजा केशव दास जी सन 1584 से 1607 के मध्य यहां के राजा बने रहे
झाबुआ नगर की कला संस्कृति और इस नगर के गौरवशाली इतिहास पर मालवा क्षेत्र के लोगों को गर्व है।
भील जनजाति का प्रसिद्ध भगोरिया मेला झाबुआ जिले में आयोजित होता है
मध्य प्रदेश का पहला मोर अभ्यारण झाबुआ में स्थापित किया गया है
यह जगह शिवाजी के प्राचीन मंदिर और एक झील यानी जल स्रोत के लिए प्रसिद्ध है।
श्री राम शरणम् एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है। श्री राम शरणम् में भगवान श्री राम की प्रतिमा स्थापित है
झाबुआ में एक टेकरी पर हनुमान मंदिर स्थित है
मोहनकोट झाबुआ जिले का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है मोहनकोट में श्रद्धालु बहुत दूर-दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं यह मंदिर बहुत ही आकर्षक एवं दर्शनीय स्थल हैं।
झाबुआ जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल MP Jhabua District GK History & Tourism in Hindi