खरगोन जिले को पश्चिमी निमाड़ के नाम से भी जाना जाता है

देवी अहिल्याबाई होलकर ने महेश्वर को अपनी राजधानी बनाया था ।

महेश्वर नर्मदा नदी के किनारे बसा हुआ नगर है।

मध्य प्रदेश का पहला मोबाइल बैंक खरगोन जिले में स्थापित किया गया है।

मराठा पेशवा बाजीराव की मृत्यु खरगोन जिले में ही नर्मदा नदी के किनारे रावर खेड़ी नामक स्थान पर हुई थी।

महेश्वर से 8 किलोमीटर दूर यह शहर नर्मदा नदी के किनारे बसा है

खजुराहो के अलावा केवल यही परमार कालीन प्राचीन मंदिर है।

महान पेशवा बाजीराव की समाधि रावर खेड़ी में स्थित है। उत्तर भारत में एक अभियान के समय उनकी मृत्यु यही नर्मदा नदी के किनारे हो गई थी।

देजला देवड़ा बांध कुंदा नदी पर बना एक बड़ा बांध है।

रावण ने भगवान शिव को अपने 10 सिर यहीं पर अर्पण किए थे।

यह मंदिर खरगोन से 20 किलोमीटर दूर इंदौर रोड पर स्थित है । यह मंदिर एक छोटी सी पहाड़ी पर बना हुआ है। यह मंदिर बिजासन माता को समर्पित है।

यह प्राचीन मंदिर भगवान गणेश की बेटी देवी संतोषी को समर्पित है। इस जगह पर नदी का छोटा झड़ना भी स्थित है।

खरगोन जिले में दाम खेड़ा नाग मंदिर और आशापुर स्थान भी बहुत ही प्रसिद्ध है

यह स्थल खरगोन की उत्तर में 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह समाधि पूर्णानंद स्वामी महाराज को समर्पित है यहां पर पूर्णिमा के दिन काफी भीड़ होती है।

यह मंदिर खरगोन में स्थित प्राचीन मंदिर है। यह खरगोन में कुंदा नदी के किनारे स्थित है।

खरगोन जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल, इतिहास, जीके Khargone District Gk Tourist Places History

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