नर्मदा और माही नदी के किनारे स्थित धार का प्राचीन नाम धारा नगरी था।
मध्य प्रदेश का पहला सूखा बंदर धार स्थित पीथमपुर कहलाता है
धार से सरदारपुर अभ्यारण में खरमोर पक्षी को संरक्षण प्रदान किया गया है
धार स्थित मांडू में खरबूजा महल, हिंडोला महल जहाज महल , अशर्फी महल , दाई महल स्थित है।
मांडू में ही भगवान पार्श्वनाथ की पद्मासन मुद्रा में विराजमान सफेद मूर्ति बनी हुई है।
मांडू को मध्यप्रदेश में खजुराहो के बाद शिल्पकला का द्वितीय तीर्थ माना जाता है।
जहाज महल मांडू में तालाब के बीचो-बीच जहाज की आकृति में बना है
हिंडोला महल अपनी विचित्र आकृति के लिए प्रसिद्ध है।
अशर्फी महल का निर्माण महमूद शाह खिलजी के उत्तराधिकारी होशंग शाह ने करवाया था।
दिल्ली दरवाजा मांडू का प्रवेश द्वार होने से मांडू शहर की शोभा देखते ही बनती है। दिल्ली दरवाजा बहुत ही खूबसूरत और आलौकिक दरवाजा है।
इस महल से रानी रूपमती मां नर्मदा के दर्शन किया करती थी।
रानी रूपमती महल मांडू में स्थित है यहां रानी रूपमती का निवास स्थान होने के कारण ऐसे रानी रूपमती महल के नाम से जाना जाता है।
होशंग शाह का मकबरा संगमरमर से बना हुआ था। संगमरमर से बनी यह भारत की पहली इमारत थी।
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नीलकंठ मंदिर मुगल काल में बना शिव मंदिर था
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भोजशाला मंदिर धार जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है । इसका निर्माण राजा भोज ने करवाया था ।
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