विद्यार्थी के जीवन में परीक्षा ही सबसे महत्वपूर्ण होती है क्योंकि पूरे साल भर मेहनत करने के बाद एक बार परीक्षा होती है और उसे परीक्षा में यदि कोई गलती हो जाती है तो उसका खामियां जो उसे पूरी साल भरना पड़ता है इसका मतलब यह है की पूरी साल भी बर्बाद हो सकती है ।
सभी विद्यार्थियों के लिए बहुत ही आवश्यक है की पूरी सावधानीपूर्वक परीक्षा की तैयारी करें और सही ढंग से पेपर दे । इसी बीच कोई एक ऐसा डिस्ट्रीब्यूटर जो पेपर बांटने का काम करता है और यह काम पूरी तरीके से चोरी छुपे होता है यह काम ज्यादातर टेलीग्राम के माध्यम से किया जाता है लेकिन यह पेपर कैसे वायरल हो जाते हैं आईए जानते हैं आज के इस आर्टिकल में । पेपर वायरल करने वालों पर कार्यवाही भी सरकार कर रही है इसीलिए पेपर लीक करने का दावा करने वालों पर कभी भी विश्वास न करें चाहे वह कोई भी हो।
विद्यार्थी किसी की बातों में बिल्कुल ना आवे–
विद्यार्थियों के लिए सबसे जरूरी है कि वह किसी की बातों में बिल्कुल ना आए क्योंकि सोशल मीडिया पर विद्यार्थियों को गुमराह करने की कोशिश करी जाती है और इसी के बीच यूट्यूब पर भी कई युटयुबर्स बिना चेहरा दिखाएं वीडियो बनाते हैं और उनमें दावा करते हैं कि हम आपको ठीक वैसा ही पेपर प्रोवाइड करेंगे जिस तरीके से पेपर वायरल हुआ है । वायरल हुए पेपर को प्रदान करने के लिए विद्यार्थियों से कुछ पैसे भी वसूले जाते हैं लेकिन इन सभी के बीच विद्यार्थियों को जरा से भी भनक नहीं लगती की पेपर नकली है या असली ।
पेपर को इस तरीके से डिजाइन किया जाता है कि उसमें ठीक वैसे ही प्रश्न देखने को मिलते हैं और वैसे ही नंबर देखने को मिलते हैं जो बोर्ड परीक्षा में आते हैं । और यही कारण है कि इस तरीके से किसी भी विद्यार्थी को पता नहीं चलता की ओरिजिनल पेपर है या नकली पेपर । ज्यादातर वायरल होने वाला पेपर नकली होता है क्योंकि यदि ओरिजिनल पेपर वायरल हो गया तो निश्चित रूप से दोबारा परीक्षा होगी और यह तो ना के बराबर संभावना है कि कोई पेपर वायरल हो जाएगा क्योंकि सरकार इस पर कड़ी निगरानी होती है ।
विद्यार्थी क्यों बहक जाते हैं?
परीक्षा में अधिक से अधिक अंक हासिल हो जाए यह विद्यार्थी हमेशा से चाहता है और इसी के लिए विद्यार्थी जो चाहे वह कर सकता है चाहे विद्यार्थी को थोड़ी बहुत खर्च भी करना पड़े तो वह कहीं से भी मैनेज करके खर्च कर देता है । वर्तमान समय में बहुत ही कम उम्र में विद्यार्थियों को एंड्रॉयड फोन उपलब्ध हो जाता है और इसी के माध्यम से वह टेलीग्राम का इस्तेमाल करके पेपर पकड़ने की कोशिश करते हैं लेकिन बाद में उनको बहुत ही बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है ।
सोशल मीडिया पर यदि किसी भी यूजर के बारे में सरकार को पता चलता है और वायरल पेपर की खबरें फैलाने वाली चीज पता चलती है तो निश्चित रूप से उसके ऊपर कोई भी कार्रवाई हो सकती है इसीलिए सभी विद्यार्थी सावधान रहें और इस प्रकार के प्रकरण से दूर रहें ।
यूट्यूब से वीडियो में किया जा रहा गुमराह !
यूट्यूब पर कई लोग वीडियो बना कर विद्यार्थियों को बेवकूफ बनाने का प्रयास करते हैं और जो पेपर वायरल हो गया है उसे थोड़ी बहुत दिखाकर यह दावा करते हैं कि यदि आपको पेपर चाहिए तो आपको किसी लिंक पर क्लिक करना होगा और इसी तरीके से आगे संपर्क बनाकर पैसे वसूलते हैं और विद्यार्थियों को नुकसान पहुंचाते हैं । इसीलिए पेपर लीक करने वालों पर कभी विश्वास न करें, मेहनत से पढ़ाई करें, पेपर कभी लीक होते ही नहीं है।