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Class 11 Political Science Paper Solutions Annual Exam 2024

राजनीति का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल होने से विद्यार्थियों में हड़कंप मच गया क्योंकि पेपर के वायरल होने की कोई उम्मीद नहीं थी लेकिन विद्यार्थियों ने जब पेपर को वायरल देखा तो उनको लगा कि अब सब कुछ बर्बाद हो गया है । पेपर के वायरल होने पर इस विद्यार्थी को दुख होता है जो पूरी साल मेहनत करता रहा हो और उसे लगता हो कि आगे जाकर अब पेपर दोबारा भी हो सकते हैं जिससे हमारा समय बर्बाद होगा । कक्षा 11वीं का राजनीति का पेपर सोशल मीडिया पर 2 घंटे पहले वायरल कैसे हो गया और पेपर के वायरल होने से विद्यार्थियों पर इसका क्या असर होगा लिए जानते हैं आज के इस आर्टिकल में ।

पेपर वायरल होने पर शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया –

पेपर वायरल होने पर शिक्षा विभाग ने अपनी प्रतिक्रिया अभी नहीं जताई है क्योंकि जब तक पेपर के वायरल होने पर वायरल होने की पुष्टि नहीं हो जाती तब तक कोई भी एक्शन नहीं लिया जा सकता। आगे चलकर अगर पेपर के वायरल होने की पुष्टि हो जाती है तो यह निश्चित है की परीक्षा भी दोबारा कराई जा सकती है और आगे जाकर कोई नया नियम बनाया जा सकता है।

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इसी बात का विद्यार्थियों को भारी डर होता है कि कहीं आखिर में दोबारा से परीक्षा कंडक्ट कराई गई तो हमारा समय बर्बाद हो जाएगा । पेपर के वायरल होने की पुष्टि अभी कहीं से भी नहीं हुई है और पेपर वायरल होने की पुष्टि हमारी वेबसाइट के द्वारा भी नहीं की जाती ।

पेपर डाउनलोड करने का तरीका–

पेपर डाउनलोड करने के लिए आपको नीचे दिए गए लिंक पर आसानी से कलेक्ट करना है और आप जिस भी फॉर्मेट में पेपर को चाहते हैं उसे डाउनलोड कर सकते हैं यहां पर आपको वही पेपर मिलेगा जो इंटरनेट पर वायरल है। इंटरनेट की तमाम प्लेटफार्म जहां पर पेपर वायरल है आपको ऐसा ही पेपर देखने को मिलेगा हालांकि इस पेपर के वायरल होने की पुष्टि हमारी वेबसाइट के द्वारा नहीं की जाति और ना ही हमारी वेबसाइट यह जिम्मेदारी लेती है कि यही पेपर वायरल हुआ है। पेपर वायरल करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। यदि कोई भी पेपर वायरल करने की लालच देता है तो उसके झांसे में बिल्कुल भी ना आएं।

यह रहा वायरल पेपर का असली सच–

पेपर के वायरल होने का असली सच यह है कि कई बार पेपर माफिया विद्यार्थियों से पैसे वसूलने का कार्य करते हैं और पेपर को इस तरह से डिजाइन करते हैं कि पता ही नहीं चलता की ओरिजिनल पेपर है या फिर एमपी बोर्ड का पेपर है ही नहीं। विद्यार्थी परीक्षा में इतने लीन होते हैं तैयारी में इतने लीन होते हैं कि उनको इतनी समझ नहीं होती और ना ही इतना टाइम होता है कि वह पेपर की असलियत को जानने का प्रयास करें। पेपर को देखते ही वह है ऑब्जेक्टिव प्रश्नों को पढ़ने का प्रयास करते हैं और जितना हो सके पेपर को ऑब्जर्व करने की कोशिश करते हैं।

पेपर के वायरल होने पर विद्यार्थियों का भारी नुकसान–

पेपर के वायरल होने पर विद्यार्थियों को फायदा ना के बराबर होता है क्योंकि पेपर वायरल होने पर यह निश्चित नहीं कहा जा सकता कि यह ओरिजिनल पेपर ही है जब तक एमपी बोर्ड अथवा माध्यमिक शिक्षा मंडल की तरफ से यह बयान नहीं जारी कर दिया जाता की ओरिजिनल पेपर वायरल हुआ है। कभी-कभी पेपर के वायरल होने पर सरकार के द्वारा भी इस तरह की प्रतिक्रिया को छुपा दिया जाता है क्योंकि अगर इसे आगे बढ़ाया गया तो निश्चित रूप से इस पर सवाल उठाएंगे और सरकार को दोबारा से परीक्षा करवानी होगी ।

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