WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

5 फरवरी 2024 कक्षा 10 हिंदी का पेपर 2 घंटे पहले ही सोशल मीडिया पर हुआ वायरल एमपी बोर्ड 2024 वार्षिक पेपर

वर्तमान समय में विद्यार्थियों के लिए सोशल मीडिया जितना वरदान है उससे कहीं ज्यादा घातक भी है क्योंकि सोशल मीडिया से एक तरफ विद्यार्थी शिक्षकों से सहायता लेकर ऑनलाइन भी पढ़ाई करते हैं और कई तरह की जानकारी को प्राप्त करते हैं । एक तरफ सोशल मीडिया पर कई तरह के एजेंट चलाए जाते हैं और वायरल पेपर की खबरों को सच मानकर दिखाया जाता है जिस वजह से विद्यार्थी बहुत परेशान हो जाते हैं और उनकी तैयारी पर भी इसका प्रभाव पड़ता है । वायरल पेपर की खबर किस तरीके से सच मानकर दिखाई जाती है आज के आर्टिकल में इन सभी बातों पर चर्चा करेंगे।

आखिर 2 घंटे पहले कैसे हो सकता है पेपर वायरल–

पेपर वायरल करने वाले कैंडिडेट ज्यादातर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर मिलते हैं इसे कभी किसी की बात नहीं हो पाती यह केवल चैटिंग के दौरान विद्यार्थियों से संपर्क बनाते हैं । इनका प्रमुख उद्देश्य होता है की परीक्षा से पहले विद्यार्थियों को पेपर प्रदान किया जाए और उसके बदले कुछ सहायता राशि ली जाए । इनकी कमाई का जरिया केवल एमपी बोर्ड की परीक्षाएं होती हैं जिनके माध्यम से विद्यार्थियों को बेवकूफ बनाया जाता है ।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

पेपर के वायरल होने से पहले ही विद्यार्थियों को रहता है भरोसा–

पेपर के वायरल होने से पहले ही विद्यार्थियों को लगने लगता है कि पढ़ने की क्या जरूरत है जब परीक्षा से 2 घंटे पहले ही पेपर प्राप्त हो जाएगा हाला की 2 घंटे पहले कोई भी विद्यार्थी पेपर को पूरा सॉल्व नहीं कर सकता और न हीं याद कर सकता है । सोशल मीडिया पर परीक्षा आरंभ होने से पहले ही यह खबर फैला दी जाती है कि हर पेपर के 2 घंटे पहले हर विषय का पेपर प्रदान किया जाएगा इस वजह से विद्यार्थियों का पढ़ाई में मन भी नहीं लगता ।

पेपर वायरल होने पर प्रशासन भी मौन –

सरकार के अनुसार ओरिजिनल पेपर के वायरल होने की कोई पुष्टि नहीं होती लेकिन यह जरूर होता है कि जिस तरह से ओरिजिनल पेपर आता है ठीक वैसा ही पैटर्न वायरल पेपर में देखने को मिलता है । पैटर्न कुछ इस तरीके का निर्मित किया जाता है कि विद्यार्थियों को यह पता ही नहीं लगता कि यह बोर्ड परीक्षा का पेपर है और कितने इंपोर्टेंट प्रश्न उसमें आ जाते हैं कि वही प्रश्न बोर्ड परीक्षा में भी देखने को मिल जाते हैं । पेपर के वायरल होने पर सरकार मौन रहती है क्योंकि ओरिजिनल पेपर वायरल होने की कोई पुष्टि नहीं होती केवल खबरें फैला दी जाती हैं ।

टेलीग्राम से वायरस होता है पेपर–

किसी भी पेपर के वायरल होने में टेलीग्राम सॉफ्टवेयर का सबसे पहले इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि टेलीग्राम पर चैनल के माध्यम से कई लोगों को एकत्रित किया जाता है और आगे चलकर सभी लोगों को एक-एक करके पेपर प्रदान किया जाता है। टेलीग्राम पर पेपर के वायरल होने पर पिछली बार 2023 की वार्षिक परीक्षा में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था हालांकि हमारी वेबसाइट है पुष्टि नहीं करती कि किन लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

सोशल मीडिया पर कोई भी कक्षा का पेपर वायरल नहीं हुआ है जो लोग सोशल मीडिया पर पेपर वायरल करते हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही होगी।

Join telegram

Leave a Comment