सोशल मीडिया के जमाने में जितना फायदा विद्यार्थियों को होता है उससे कई गुना ज्यादा विद्यार्थियों को नुकसान भी होता है क्योंकि एक तरफ जहां विद्यार्थी सोशल मीडिया के माध्यम से पूरी दुनिया से ज्ञान हासिल कर सकते हैं और कांटेक्ट बिठार सकते हैं मगर दूसरी तरफ उनकी पूरी साल की मेहनत पानी में जा सकती है।
यदि किसी पेपर के वायरल होने के बाद कोई विद्यार्थी उसमें इंवॉल्व होता है और उसे पर कोई कार्रवाई होती है तो यह निश्चित है कि उसका पूरा जीवन भी बर्बाद हो सकता है। पेपर के वायरल होने की खबरें पिछले दो-तीन सालों से ज्यादा बढ़ रही हैं मगर यह इसमें जरूर है कि कोई कंफर्मेशन नहीं होता है और ना ही सरकार का कोई एक्शन होता है।
8 घंटे पहले पेपर वायरल कैसे हो सकता है ?
मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा जब कोई परीक्षा आयोजित कराई जाती है तो उसके लिए सिक्योरिटी इतनी तगड़ी होती है कि पेपर किसी के पास भी बिना समय के पहुंच ही नहीं सकता । पेपर परीक्षा के अंदर तक पहुंचने से पहले कई स्टेज को पार करके जाते हैं जैसे सबसे पहले माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल से पेपर अगर निकलेंगे तो सभी जिलों में वितरित किए जाएंगे ।
इसके बाद आगे चलकर जब जिले से कलेक्टर जी के द्वारा आगे भेजे जाएंगे तो ही परीक्षा केंद्र तक पहुंचेंगे लेकिन इस बीच परीक्षा के अंदर तक पहुंचने से पहले ही पेपर जिले की तहसील में जाते हैं इसके बाद नजदीकी परीक्षा केंद्र के थाने में जमा होते हैं और बाद में परीक्षा के ठीक 30 मिनट पहले ही परीक्षा केंद्र तक पहुंचते हैं ।
इस प्रकार जब कोई पेपर इतनी स्टेज से पर होकर आता है तो उसमें ना के बराबर संभावना होती है कि वह वायरल हो जाएगा लेकिन अगर पेपर वायरल होगा तो इसके पीछे किसी अधिकारी का ही हाथ हो सकता है क्योंकि सभी सरकारी कर्मचारियों के द्वारा पेपर आगे पीछे होते रहते हैं ।
यूट्यूब के माध्यम से मिलती है जानकारी !
यूट्यूब एक ऐसा सशक्त माध्यम है जिसमें वीडियो के जरिए विद्यार्थियों को यह जानकारी प्रदान की जाती है कि आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है और आपका पेपर वायरल हो गया है यदि आपको चाहिए तो बहुत ही आसानी से प्राप्त हो सकता है । यूट्यूब के माध्यम से इस तरह की वीडियो बिना चेहरा दिखाएं क्रिएट कर जाते हैं ताकि किसी की वैल्यू पर इसका कोई असर ना हो लेकिन उनके अकाउंट इस तरह से डीएक्टिवेट कराए जाते हैं और उनको जेल भी भेजा जा सकता है।
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- Class 9 Science Paper 23 March 2024 Annual Exam MP Board
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परीक्षा की शर्तों को आधार मानकर इस प्रकार की कार्यवाही करने वाले कैंडिडेट को जेल हो सकती है क्योंकि पिछली बार 2023 में एमपी बोर्ड की परीक्षा में सुनने को मिला था कि कर युटयुबर्स को जेल की हवा मिली है। यदि कोई भी व्यक्ति पेपर वायरल करने का दावा करता है तो उस पर कतई विश्वास न करें।
वायरल पेपर का सच !
एमपी बोर्ड के पेपर का वायरल होने का सच जानकारी आप हैरान रह जाएंगे क्योंकि असलियत यह है कि जो पेपर वायरल होता है वह ओरिजिनल बिल्कुल भी नहीं होता क्योंकि अगर ओरिजिनल पेपर की पुष्टि हो जाती है तो निश्चित रूप से सरकार परीक्षा द्वारा कंडक्ट करावेगी लेकिन ऐसा नहीं होता ना ही पेपर ओरिजिनल होता है और ना ही परीक्षा दोबारा होती है ।
एमपी बोर्ड के पेपर वायरल नहीं होंगे, पेपर वायरल करने वालों को होगी जेल, इसीलिए वायरल पेपर के सहारे न बैठें, मेहनत से पढ़ाई करें।
वायरल पेपर का डिजाइन कुछ इस तरीके से होता है कि जिस तरीके से एमपी बोर्ड के पेपर में सेट और नंबर दिए जाते हैं ठीक उसी तरीके से इस पेपर में भी दिए जाते हैं और प्रश्नों को इतना सटीक से डिजाइन किया जाता है कि जो प्रश्न इसमें होते हैं ठीक वैसे ही लगभग लगभग वायरल पेपर में होते हैं।