मनोविज्ञान एक ऐसा विषय है जो विद्यार्थियों के लिए काफी संवेदनशील होता है क्योंकि यह विषय बड़ी आसानी से समझ में नहीं आता लेकिन इस विषय को जब विद्यार्थी बहुत ही छोटे लेवल से पढ़ना शुरू कर देता है तो बड़ी-बड़ी परीक्षाओं में आने वाले सवाल बड़ी आसानी से सॉल्व हो जाते हैं।
बहुत ही लाभदायक है कि यह विषय विद्यार्थियों को अब कक्षा 12वीं में ही पढ़ने को मिलने लगा है अन्यथा यह विषय केवल यूपीएससी परीक्षा में ही सीधा पढ़ने को मिलने या फिर कॉलेज के दौरान इस विषय से आप स्नातक कर सकते हैं। मनोविज्ञान के पेपर में विद्यार्थियों को कौन सी सावधानियां रखना चाहिए और किस तरीके से पेपर को हल करना चाहिए आज के आर्टिकल में विस्तार से चर्चा करेंगे।
परीक्षा हॉल में आगे पीछे चेक करके बैठें –
परीक्षा हॉल में विद्यार्थियों को बहुत ही सोच समझकर बैठना चाहिए क्योंकि मुख्यमंत्री मोहन यादव जी के द्वारा कड़े निर्देश जारी कर दिए गए हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि किसी भी प्रकार से ऐसा बर्ताव नहीं होना चाहिए जिससे विद्यार्थियों के भविष्य पर प्रभाव पड़े । एमपी बोर्ड की परीक्षाओं में बहुत ही कड़ी कार्यवाही होने की आशा है किसी भी तरीके से कोई लापरवाही नहीं हो सकती।
एमपी बोर्ड की परीक्षाओं में आसपास बैठने वाले विद्यार्थियों के पास किसी भी प्रकार की कोई नकल हो सकती है और इस नकल को किसी भी तरीके से विद्यार्थी इधर-उधर फेंक सकते हैं जिससे कोई अन्य विद्यार्थी भी इसमें दोषी पाया जा सकता है और उसे पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। इसीलिए सभी विद्यार्थियों को सतर्क रहने की जरूरत है और आसपास चेक करके ही अपनी जगह बैठे ।
परीक्षा कॉपी मिलते ही उसे चेक कर लें –
कई बार परीक्षार्थी को कॉपी बड़ी आसानी से मिल जाती है मगर कई तरह से उसमें गलतियां प्रिंट होकर आ जाते हैं जो बाद में विद्यार्थी को पेपर हल करने में परेशानी पैदा करते हैं। कॉपी में लेने के बाद विद्यार्थी को तुरंत कॉपी को पलटा कर देख लेना चाहिए उसमें पूरे पेज हैं या नहीं। यदि उसमें किसी भी प्रकार की गलती होगी तो समय रहते कॉपी को बदल लिया जाएगा और पेपर हल करने के बाद कॉपी को नहीं बदला जा सकता।
परीक्षा के तनाव को कैसे कम करें ?
कई बार बहुत से विद्यार्थी परीक्षा के तनाव को ले लेते हैं जिस वजह से उनकी परीक्षा कई बार खराब हो जाती है जैसे दो-चार पेपर सही होने के बाद उनका कोई ना कोई पेपर खराब हो जाता है। सभी विद्यार्थियों के लिए बहुत आवश्यक है कि परीक्षा के तनाव को बिल्कुल भी ना लें और बड़ी आसानी से पेपर को हल करें। पेपर हल करने के लिए परीक्षार्थी को केवल शांत मन से मेहनत करना है और बेहतर तरीके से पेपर हल करना है।
एक पेपर खत्म होने के बाद दूसरे पेपर की तैयारी कैसे करें ?
जैसे ही विद्यार्थी का एक-एक करके पेपर खत्म होता जाता है वैसे ही विद्यार्थी का मन हल्का होता जाता है और उसके सर से बोझ भी हल्का होता जाता है। सभी विद्यार्थियों के लिए बहुत आवश्यक है कि एक पेपर खत्म होने के बाद दूसरे पेपर की बेहतर ढंग से तैयारी करें और पेपर होने के बाद उसका एनालिसिस जरूर करें ताकि अगले पेपर में होने वाली गलती को बचाया जा सके ।