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19 फरवरी 2024 कक्षा 10 अंग्रेजी का पेपर 12 घंटे पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल एमपी

12 घंटे पहले ही दसवीं का पेपर वायरल हो गया इसके पीछे किसका हाथ हो सकता है और ऐसा एक बार नहीं बल्कि पिछले तीन-चार सालों से लगातार होता रहा है मगर सरकार इस पर कोई एक्शन नहीं लेती। जब कभी पेपर वायरल हो जाता है तो सबसे ज्यादा प्रभाव विद्यार्थियों पर ही पड़ता है क्योंकि किसी का रिजल्ट खराब नहीं आना है रिजल्ट उनका खराब आना है जो परीक्षा में आयोजित होने जा रहे हैं । पेपर के वायरल करने में सबसे बड़ा हाथ किसी एक का ही होता है लेकिन किसी एक के साथ ही किसी अधिकारी का भी हो सकता है क्योंकि बिना किसी अधिकारी की सपोर्ट के कोई पेपर कभी भी पब्लिक नहीं हो सकता ।

एमपी बोर्ड की कड़ी नज़र –

पेपर के वायरल होने से पहले ही एमपी बोर्ड की कड़ी नजर है क्योंकि पेपर वायरल होने से यह दावा किया जाता है कि यह ओरिजिनल पेपर है जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता है। जब भी पेपर वायरल होता है तो यह निश्चित नहीं कहा जा सकता कि पेपर ओरिजिनल है या फिर नकली है क्योंकि पेपर हमेशा ओरिजिनल की तरह ही दिखता है। अगर पेपर नकली है तो उसे इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि किसी को खबर ही नहीं लगेगी कि यह ओरिजिनल पेपर नहीं है। जब तक पेपर के वायरल होने के बाद एमपी बोर्ड को पुष्टि नहीं हो जाती इसके पहले एमपी बोर्ड कोई एक्शन नहीं लेगी।

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पिछली बार हुए थे चार यूट्यूबर गिरफ्तार –

मध्य प्रदेश में 2023 में जब एमपी बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित हुई थी तब उस समय एमपी के चार युटयुबर्स को गिरफ्तार किया गया था क्योंकि उन लोगों ने बिना चेहरा दिखाएं वीडियो बनाई और पेपर के वायरल होने की खबरें फैला दी। पेपर के वायरल होने के बाद यह भी दावा किया कि इस तरह का पेपर हम उपलब्ध करा सकते हैं जिसके बाद इन लोगों पर एक्शन लिया गया और उनको गिरफ्तार कर लिया गया हालांकि इसके बारे में हमारी वेबसाइट कोई भी कंफर्मेशन नहीं करती ।

नोट- The screenshots of this paper have been brought here in this post, after the completion of the paper.

माध्यमिक शिक्षा मंडल ले सकता है बड़ा एक्शन –

पेपर वायरल होने के बाद माध्यमिक शिक्षा मंडल के द्वारा कोई बड़ा एक्शन लिया जा सकता है हो सकता है कि पेपर अगर ओरिजिनल निकला तो दोबारा भी परीक्षा आयोजित हो सकती है लेकिन ऐसा होना बहुत ही संभव होता है क्योंकि परीक्षा को दोबारा से करवाना बहुत बड़ा झमेला हो जाएगा। एक परीक्षा को दोबारा से आयोजित करने में लगभग 3 महीने का वक्त लग जाएगा और सरकार का करोड़ों रुपए फिर से खर्च हो जाएगा ।

वायरल पेपर से बच्चों का हो रहा भविष्य खराब –

जब भी कोई पेपर वायरल होता है तो सबसे ज्यादा परेशान केवल विद्यार्थी ही होते हैं क्योंकि जो विद्यार्थी अच्छे से पढ़ाई करते हैं और परीक्षा की तैयारी करते हैं उनको यह डर होता है कि अगर दोबारा से परीक्षा करवाई गई तो हमारा समय बर्बाद हो जाएगा । जब कभी एमपी में पेपर वायरल होता है तो यह निश्चित तौर पर निकाल कर आता है कि पेपर केवल फेक है ओरिजिनल नहीं है क्योंकि सरकार भी इस पर कड़ी नजर रखती है और परीक्षा कंडक्ट कराती है ।

पेपर वायरल नहीं होते हैं, सोशल मीडिया पर पेपर वायरल करने की अफवाह झूठी है। इन अफवाहों से परेशान न हों मेहनत से पढ़ाई करें। धन्यवाद

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