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9 फरवरी 2024 कक्षा 10 संस्कृत का पेपर 1 घंटे पहले ही सोशल मीडिया पर हुआ वायरल खबर की सच्चाई

पूरे मध्य प्रदेश में एमपी बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित हो रही हैं जिसमें 9 फरवरी 2024 को होने वाले पेपर संस्कृत के विषय में 1 घंटे पहले ही पेपर वायरल हुआ जिसकी समस्त जानकारी सोशल मीडिया पर फैल रही है । पेपर के वायरल होने की सबसे पहले खबर टेलीग्राम और व्हाट्सएप के माध्यम से पता चलती है इसकी अलावा भी सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म जहां से विद्यार्थियों को सूचना मिलती है और उनको यह आश्वासन दिया जाता है कि आपको परीक्षा से 1 घंटे पहले पेपर उपलब्ध करा दिया जाएगा । क्या है पेपर वायरल होने की पूरी खबर जानिए आज के इस आर्टिकल में साथ ही जानेंगे पेपर वायरल कैसे होते हैं ।

पेपर वायरल होना में सोशल मीडिया सबसे आगे –

संस्कृत नहीं इसके अलावा अन्य जितने पेपर वायरल होते हैं उनमें सोशल मीडिया के कई सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किए जाते हैं जिनमें सबसे आगे टेलीग्राम को जरिया बनाया जाता है क्योंकि टेलीग्राम पर चैनल बनाकर विद्यार्थियों को एकत्रित किया जाता है और केवल चैटिंग के माध्यम से पेपर प्रदान करने का दावा किया जाता है। पेपर वायरल करने वाला एक ही शख्स होता है और वह उन्हें विद्यार्थियों से पैसा कमाने का एक सशक्त माध्यम भी बनाता है ।

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आखिर कैसे होते हैं पेपर वायरल ?

पेपर के वायरल होने में कई बार उन अधिकारियों का भी हाथ होता है जो माध्यमिक शिक्षा मंडल से जुड़े हुए होते हैं क्योंकि बिना किसी अधिकारी के किसी को भी पेपर हाथ नहीं लग सकता। पेपर के वायरल होने में विद्यार्थियों को केवल 1 घंटे या फिर 2 घंटे का समय दिया जाता है जो की बहुत ही कम है इतने समय में कोई भी विद्यार्थी कभी भी पूरा पेपर याद नहीं कर सकता।

माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्य प्रदेश भोपाल की तरफ से एमपी बोर्ड के पेपर पूरी तरीके से पैक होकर आते हैं और उनको केवल परीक्षा हॉल में ही खोला जाता है इसके पहले पेपर किसी को देखने को नहीं मिलता । पेपर अगर वायरल होता तो निश्चित तौर पर यह नजदीकी थाने से होता है जो परीक्षा केंद्र के बिल्कुल नजदीक होता है इसके अलावा पेपर वायरल कहीं से नहीं हो सकता ।

पेपर वायरल होने पर ठीक वैसा ही मिलेगा –

किसी भी विषय का वायरल पेपर देखने के बाद और ओरिजिनल पेपर से उसकी कंपेयर करने के बाद ऐसा एहसास होता है कि बिल्कुल वैसा ही पेपर आया है जबकि ऐसा नहीं होता है थोड़ी बहुत प्रश्न वहीं मिलते हैं जो वायरल पेपर में होते हैं। वायरल पेपर को कुछ इस तरीके से क्रिएट किया जाता है कि उसमें दिए गए प्रश्न बिल्कुल ओरिजिनल पेपर के जैसे ही हूं और कई बार तो कई प्रश्न एक जैसे ही मिलते हैं ।

यह पेपर के स्क्रीनशॉट , पेपर खत्म होने के बाद ही इस पोस्ट में लाए गए हैं। धन्यवाद

पेपर के वायरल होने से विद्यार्थियों को बड़ा झटका –

मध्य प्रदेश में जब एमपी बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित होती हैं तब उसमें लाखों लोग अथवा लाखों विद्यार्थी परीक्षा में एक साथ बैठते हैं और कई बार सुनने में मिलता है की परीक्षा से 2 घंटे पहले ही पेपर वायरल हो गया है। इसकी सारी जानकारी सोशल मीडिया से ही पता चलती है लेकिन कई बार ओरिजिनल पेपर की पुष्टि नहीं करी जाती क्योंकि ओरिजिनल पेपर की पुष्टि होने पर तो माध्यमिक शिक्षा मंडल भी खतरे में आ जाएगा अर्थात माध्यमिक शिक्षा मंडल को दोबारा पेपर करवाने पड़ेंगे। पेपर के वायरल होने से विद्यार्थियों को नुकसान होता है क्योंकि जो विद्यार्थी बहुत अच्छी तैयारी करते हैं उनको कई विद्यार्थी पीछे कर देते हैं।

कुछ शरारती तत्वों द्वारा कक्षा 10 संस्कृत के पेपर को लेकर अफवाह फैलाई जाती है कि सोशल मीडिया पर पेपर वायरल हो गया है। लेकिन ऐसा नहीं है संस्कृत का पेपर सोशल मीडिया पर बिल्कुल भी वायरल नहीं हुआ है। ऐसी किसी भी बात पर विद्यार्थियों को विश्वास नहीं करना चाहिए।

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