पहेलियां
- रंग बिरंगी मेरी काया है,बच्चों को मुझसे भाया है,
धरा चला मुझको भाया हैं , मुरली आधार ना लाया है।
फिर भी नाद सुनाया हैं ।
(लट्टू) - शिव जी जटा में गंगा का पानी,
जल का साधु बूझो तो ज्ञानी।
(नारियल) - मंदिर में इसे शीश नवाए,
मगर राह में ठुकराये। (पत्थर) - दूर के दृश्यों को वह घर पर दिखलाता है।
उसका नाम बताओ बच्चों वह सबके मन को भाता है।
( दूरदर्शन) - अधर ऊपर पत्थर पत्थर ऊपर जैसा,
बिन पानी के महल उठाये, वह कारीगर कैसा।
(दीवार ) - घुसा आंखों में मेरा धागा,
दर्जी के घर से में भागा। ( बटन) - खाते नहीं चबाते लोग काठ में कड़वा रस संयोग
दांत जीभ की करे सफाई, बोलो बात समझ में आई।
(दातूंन) - काली हूं मैं काली हूं, काले वन में रहती हूं।
लाल पानी पीती हूं,बताओ मैं कौन हूं।
(जूं) - मुझे छूकर जो आंख मले उसे मैं रुला देती हूं।
मुझे कोई मुह लगाए उसे मैं मजा चखा देती हूं ।
(मिर्च) - कातिल पर दोषी नहीं, उजला उसका रंग।
बत्तीस के दल में रहे सदा रहे एक संग ।
(दांत)
100+ [ मजेदार पहेलियाँ ] – बाल सभा के लिए पहेलियाँ
- देखने में हूं गांठ गठीला।
खाने में हूं खूब रसीला।
(गन्ना) - आदि कटे तो वन बन जाऊं, मध्य कटे तो जीन।
अंत कटे तो जीव बताता, अक्षर केवल तीन।
(जीवन) - आदि कटे तो गीत सुनाऊं, मध्य काटकर संत बनाऊं, अंत कटे साथी बन जाता, संपूर्ण सबके मन भाता।
(संगीत) - ऊपर से गिरा बम, उसमें हड्डी न दम। ( ओला)
- पहले पीट पाट तब ठोकठाक।
तब लेनदेन तब खानपान। ( सुरती) - हरा चोर लाल मकान, उसमे बैठा काला शैतान।
गर्मी में वह दिखता, सर्दी में गायब हो जाता।
(तरबूज) - उस राजा की अनोखी रानी।
दुम के रास्ते पीती पानी। (दीया) - कितने रंगों से तन मेरा रच रच कौन सजाता।
फूल गोद में ले लेकर झूला रोज झूलाता।
(तितली) - लालटेन पंखों में उड़े अंधेरी रात में।
जलती बाती बिना तेल के जाड़े व बरसात में।
( जुगनू) - हरी हरी मछली के हरे हरे अंडे।
जल्दी से बताइए वरना पड़ेंगे डंडे। ( मटर की फली)
Hindi paheli with answers with images | हिंदी पहेलियाँ उत्तर सहित
- बूझो भैया एक पहेली जब काटो तो नई नवेली।
( पेंसिल ) - जान बेयर्ड ने मुझे बनाया दुनिया ने मुझे अपनाया।
गीत,खेल व फिल्म दिखाऊं सबका मैं मन बहलाऊं।
(टेलीविजन) - हरा हूं पर पत्ता नहीं नकलची हूं पर बंदर नहीं।
बूझो तो मेरा नाम सही। (तोता) - कद के छोटे कर्म के हीन, बीन बजाने के शौकीन।
(मच्छर) - रोज शाम को आती हूं मैं रोज सवेरे जाती हूं।
नींद न मुझको कभी समझना यद्धपि तुम्हें सुलाती हूं।
(रात) - पैर नहीं पर चलती हूं कभी ना राय बदलती हूं।
नाप नाप कर चलती हूं तो भी ना घर से चलती हूं।
(घड़ी) - मेरे शरीर में दस खिड़कियां उंगली डाल घुमाओ जी। जिससे चाहो करो तुम बात अपना हाल सुनाओ जी।
(टेलीफोन) - एक कुआँ में पत्थर उतराता ( मटकी में मक्खन)
- पूछ कटे तो सीना सिर कटे तो मित्र।
मध्य कटे खोपड़ी पहेली बड़ी विचित्र। (सियार) - काला हूं कलूटा हूं हलवा पूरी खिलाता हूं । ( कड़ाही)
Best collection of Hindi paheli – In 2024
- बहस जैसा दुबला पतला हूं रस से भरा।
चाहे मुझको छीलकर खाओ या चबाकर रस निकालो।
(गन्ना) - लिखता हूं पर पैर नहीं चलता हूं पर गाड़ी नहीं।
टिक टिक करता हूं पर घड़ी नहीं। ( टाइपराइटर) - चलने को तो चलता हूं गर्मी में सुख पहुंचाता हूं।
पैर भी है मेरे तीन मगर आगे बढ़ नहीं पाता हूं।
(पंखा) - धरती में मैं पैर छुपाता आसमान में शीश उठाता।
हिलता पर कभी ना चल पाता पैरों से हूं भोजन खाता । क्या नाम है मेरे भ्राता। (पेड़) - तीन अक्षर का शहर हूं विश्व में प्रसिद्ध हूं।
अंत कटे तो आग बन जाऊं मध्य कटे तो आरा कहलाऊ।
(आगरा) - घोड़ा दौड़ा पटरी पर उड़ जाएगा ऊपर।
बादल के प्यारे घर में दूर हवा में अंदर में।
(हवाई जहाज) - आई गर्मी आया मैं बच्चों के मन भाया में।
गुठली चूसो या फेंको लाल सुनहरा आया मैं। (आम) - एक खेत में ऐसा हुआ, आधा बगुला आधा सुआ।
(मूली) - एक नारी की चाल है झूठी बे सर कांटे रहे वह रूठी।
जब करे मुंह उसका काला काम करे सबसे आला। (कलम) - एक डिब्बे में 32 दाने बूझने वाले बड़े सयाने। (दांत)
Tricky Paheli With Answers – You Might Be Surprised
- पेट कहलाए जंगल तीन अक्षर की सौगात।
देने वाला दे देता दूसरे के आए न हाथ। (वचन) - दबे पांव घुस जाती चीजें चट कर जाती।
जब पकड़े उसे दौड़कर छूमंतर हो जाती है।
(बिल्ली) - ऊंट की बैठक हिरन की चाल।
वह कौन सा जानवर जिसके दुम न पाल। (मेंढक) - ना काशी ना काबाधाम जिसके हो चक्का जाम।
पानी जैसी चीज है वह झट बताओ उसका नाम।
(पेट्रोल) - आवाज है इंसान नहीं जवान है निशान नहीं।
(ऑडियो कैसेट) - खुशबू है गुलाब नहीं रंगीन है लेकिन शराब नहीं।
सौगंध है कोई प्रेम पत्र नहीं ये जहर है लेकिन गुलाब नहीं। (इत्र) - एक पहेली सदा नवेली जो बुझे जिंदा।
जिंदा में से मुर्दा निकले मुर्दा मै से जिंदा। (अंडा) - एक घोड़ा ऐसा जिसकी 6 टांगे दो सुम।
एक तमाशा ऐसा देखा पीठ के ऊपर दुम।
(तराजू) - एक महल बीस कोठरी सब है फाटकदार।
खोलो तो दरवाजा मिले न राजा ,पहरेदार। (प्याज) - चांद सा मुखड़ा तन चमकीला ।
सभी को भाता फिर भी जल्दी नहीं आता।( रुपया)
Funny Hindi Puzzles In 2024 – मजेदार हिंदी पहेलियाँ
- काली हूं मैं गहरा पेट मेज पर जाती हूं लेट।
लोग मारते मुंह पर भाले लिखते अक्षर काले काले।
(दवात) - हमने देखा अजब एक बंदा सूरज के सामने रहता ठंडा।
धूप में कभी नहीं घबराता सूरज की तरफ मुंह लटक जाता।
(सूरजमुखी) - परत परत पर जमा हुआ है इसे ज्ञान ही जान।
बस्ता खोलोगे तो इसको जाओगे तुम पहचान।
( किताब) - कान मरोड़ो पानी दूंगा नहीं दाम में कुछ भी लूंगा।
(नल) - चार चौकड़ी मेन बाजार सोलह बेटी के एक दामाद।
(पासा) - वह हमको देती आराम यह ऊंची तो ऊंचा नाम।
बड़े-बड़े लोगों को देखा इसके लिए होता संग्राम।( कुर्सी) - जा जोड़ बने जापान बड़े बड़ों के मुंह की शान। ( पान)
- लाल-लाल डिबिया पीले हैं खाने।
डिबियो के भीतर मोतियों के दाने। (अनार ) - गिन नहीं सकता कोई है मुझसे ही रूप।
दिमाग को ढके रखता सर्दी, बरसात व धूप।
( बाल) - सीधी होकर नीर पिलाती उल्टी होकर दीन कहांती।
(नदी)
उत्तर के साथ स्कूल के लिए हिंदी पहलियाँ
- एक नारी के है दो बालक दोनों एक ही रंग।
पहला चले दूसरा सोबे फिर भी दोनों संग । (चक्की) - अंधे मुझको नहीं जानते काना कुछ पहचाने ।
जिनको दिखाई कम देता बे मेरे दीवाने।
( चश्मा ) - एक पैर है काली धोती, जाड़े में हरदम सोती।
गर्मी में हूं छाया देती, वर्षा में हूं हरदम रोती।
( छतरी) - जादू के डंडे का देखो बिन तेल बाती।
नाम दबाते तुरंत रोशनी सभी और फैलाती। ( टॉर्च) - सैर आसमान की करा सकती हूं कर सकती हूं जग का नाश।
जल सकती हूं बड़े से लेकिन जल में मेरा बास।
(हाइड्रोजन गैस) - जंगल में मायका गांव में ससुराल।
गांव आई दुल्हन उठ चला बवाल। ( झाड़ू ) - एक चीज ऐसी कहलाए हर मजहब का आदमी खाए। (कसम)
- ऐसा क्या है जो खराब हो जाए तो हम काम नहीं कर सकते। ( हमारा मूड)
- बोल नहीं पाती हूं मैं , और सुन नहीं पाती।
बिन आंखों के हूं अंधी, पर सबको राह दिखाती।
( पुस्तक ) - मैं हरी मेरे बच्चे काले मुझको छोड़ मेरे बच्चे खाले। (इलायची)
Best Paheli 1000+ अंताक्षरी खेल
- भोजन करने में चली और भोजन हो गई आप।
मछलियों से कहती गई यह भोजन है पाप। ( मछली) - अंदर चिलमन बाहर चिलमन बीच कलेजा धड़के।
नाकु सिन्हा यो कहे दो दो अंगुल सरके। ( कैची) - जन्म स्थान यूएसए में था किया विश्व में अपना रोशन नाम।
जनक टेलीफोन के रटे बतलाओ तुम उनका नाम।
( ग्राहम बेल) - लगती हूं साधारण सी वस्तु जिलेट साहेब की याद आती है।
कौन ऐसी चीज है जो मर्दों की ज्यादा काम आती है।
(सेफ्टी रेजर) - आग भरे गुड़गुड़िया दास पेट में जिनके पानी।
पूछ लगाकर उसकी मुंह में उगले धुआं रमजानी।
(हुक्का) - तीन रंग के सुंदर पक्षी नील गगन में भरी उड़ान।
यह है सबकी आंखों का तारा हम सब करते इसका सम्मान। ( तिरंगा झंडा) - खुशबू हूं पर फूल नहीं जलती हूं पर ईर्ष्या नहीं।
(अगरबत्ती) - काली नदी सुहावनी पीले अंडे दे।
जो आए आदमी सभी समेट ले। (पकौड़ी) - बिना धोए सब खाते हैं खाकर ही पछताते हैं।
बोलो ऐसी चीज है क्या कहते समय शर्माते हैं।
( धोखा) - खड़ा द्वार पर ऐसा घोड़ा जिसने चाहा पेट मरोड़ा।
( ताला)
10 हिंदी जासूसी और मजेदार पहेलियाँ | Hindi Paheliyan
- काला काला गोल तवे सा रोटी नहीं पकाऊं।
सुई के तन में चुभते ही गाना तुम्हें सुनाऊं।
(ग्रामोफोन) - हाथ पैर में जंजीर पड़ी फिर भी दौड़ लगाता।
टेढ़े मेढ़े रास्तों से गांव-गांव घूमता। (साइकिल) - ग्रेफाइट के धुए से बने काजल में देखा गया कार्बन का एक अपरूप।
खोल लिया क्रोटो और समाली ने इस अपर रूप का नाम स्वरूप। ( फ्लोरीन) - यह धनुष है सबको भाता मगर लड़ने के काम ना आता। (इंद्रधनुष)
- ना बीज ना गुठली छिलका उतारो तो हलवे की डाली। (केला)
- कट कट गया हुआ हल सब्जी खाएंगे उसकी हम कल।
(कटहल) - ऐसा कौन सा अनाज है जिसकी टेढ़ी नाक है। ( चना )
- दाने-दाने गिनती जाती दादी अम्मा रोज फिरती। (माला)
- लाल हरे सब मोती से पैदा होते खेती से।
बड़े दूर से आते हैं बड़े चाव से खाते हैं। ( अंगूर) - लकड़ी के घोड़े को लोहे की लगाम। (दरवाजा)
100+ दिमागी पहेलियां – Double Meaning Pehiyan In 2024
- ब्रह्मा का पिता चंदा का साला।
कीचड़ में खिला उसका पाला।
(कमल) - कहीं जाती है रेडियम महिला मिला दो बार नोबेल सम्मान।
नाम बता दो इस महिला का तो दोस्तों समझू मैं तुम्हें बुद्धिमान। ( मैडम क्यूरी ) - वह घर में ही होता है शाला में भी होता है।
रोज बुलाती घर में मां टीचर जी ने सही कहा।
( नाम) - धन दौलत से बड़ी है यह सब चीजों से ऊपर है यह।
जो पाए इसे पंडित बन जाए बिना पाए इसे मूर्ख रह जाए। (विद्या) - रह रह बजती पर घड़ी नहीं पतली दुबली पर छढ़ी नहीं। दो मुंख वाले सांप नहीं सांसे भरती पर आप नहीं।
( बांसुरी) - वह क्या है जो होता छोटा लेकिन कहलाता बड़ा।
( दही बड़ा) - ऐसा क्या है जिसे हम छू नहीं सकते पर देख सकते हैं।
(स्वप्न ) - वह कौन सा अंधेरा है जो रोशनी से बनता है।
(परछाई) - तीन पैर की तितली नहा धोकर निकली। (समोसा)
Website Home ( वेबसाइट की सभी पोस्ट ) – | Click Here |
——————————————— | ————- |
Telegram Channel Link – | Click Here |