आगर मालवा जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल-
हेलो दोस्तों!
आज हम आपको बताने वाले हैं मध्य प्रदेश के आगर मालवा के जिले में कौन-कौन से पर्यटक स्थल हैं ? दोस्तों आगर मालवा जिला मध्य प्रदेश के उज्जैन संभाग के अंतर्गत आता है इस जिले को मध्यप्रदेश का 51 वां जिला भी कहा जाता है | दोस्तों आज हम आगर मालवा के बारे में संपूर्ण विस्तार से चर्चा करेंगे कि कैसे इस जिले का निर्माण किया गया और कौन-कौन से ऐतिहासिक स्थल यहां पर पाए जाते हैं | यहां पर आने वाली सभी नदियों के बारे में चर्चा करेंगे और यहां पर कौन- कौन से विधानसभा क्षेत्र आते हैं ,सभी की विस्तृत जानकारी दी जाएगी |
आगर मालवा जिले के बारे में-
इंदौर -कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग – 27 मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले से ही गुजरता है | आगर मालवा जिले का गठन 15 अगस्त 2013 को मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले से अलग होकर किया गया है | आगर मालवा जिले के अंतर्गत 4 तहसलें प्रमुख रूप से जाती हैं और यहां पर 2 विधानसभा चुनाव आयोजित किए जाते हैं |
जिले का गठन | 15 अगस्त 2013 |
अभ्यारण | गौ अभ्यारण |
क्षेत्रफल | 2785 वर्ग किलोमीटर |
तहसीलों की संख्या | 4 |
विधानसभा क्षेत्र | 2 |
नदी | छोटी काली सिंध |
त्रिवेणी संगम | तीन नदियों का संगम |
बांध | पचेटी बांध, कुंडलिया बांध |
प्रसिद्ध जैन मंदिर | बड़ा जैन मंदिर |
नलखेड़ा | एक छोटा सा गांव जहां पर श्रीनाथ मंदिर स्थित है |
मंदिर | कमल कुंदी मंदिर ,पचेती माता मंदिर, चौसठ योगिनी माता मंदिर, सोमेश्वर महादेव मंदिर,पिपलिया खेड़ा के बालाजी, मंशापूर्ण गणपति मंदिर, |
प्रसिद्ध गुफा | मां तुलजा भवानी गुफा , |
भैरव बाबा मंदिर | 1424 में निर्मित |
बगलामुखी माता मंदिर | जिले का प्रसिद्ध मंदिर |
तालाब | मोती सागर तालाब |
आगर मालवा जिले के कुछ प्रमुख पर्यटक स्थल-
⚫️ मोती सागर तालाब-
आगर मालवा के अंतर्गत आने वाला यह है एक बहुत बड़ा तालाब है पुराने समय से ही यह तालाब अपने अस्तित्व में हैं यहां पर प्राचीन समय में इस तालाब का प्रयोग नहाने के लिए किया जाता था| इस तालाब को अच्छा स्वरूप देने के लिए “अभय राम बंजारा ” के द्वारा गहरी खुदाई करवाई गई थी | दोस्तों कहा जाता है कि मोती सागर तालाब की खुदाई के समय जहां पर अभय राम बंजारा ने अपने बेटे और बहू की बलि दी थी |
बेटी और बहू की बलि के बाद निर्मित किया गया यह तालाब बहुत ही सुंदर और खूबसूरत तालाब है तालाब के बीचो -बीच उनके बेटे और बहू के नाम पर समाधि छाता भी बनाया गया है | प्राचीन समय में यहां पर बंजारा जनजाति भारी मात्रा में निवास किया करती थी जिसमें प्रमुख रुप से अभय राम बंजारा जनजाति के प्रमुख नेता हुआ करते थे | 428 बीघा के आसपास यह तालाब भारी क्षेत्रफल में फैला हुआ है वर्तमान में इस तालाब के पानी का उपयोग खेती के लिए भी प्रयोग में लिया जाता है क्योंकि यह तालाब काफी बड़ा है और इस तालाब की पानी भंडारण क्षमता काफी ज्यादा है | तालाब का निर्माण बहुत ही शानदार तरीके से किया गया है तालाब में अंदर उतरने के लिए सीड़ियों का निर्माण किया गया है और नहाने के लिए उपयुक्त व्यवस्था है| दोस्तों यह तालाब इंदौर से लगभग 126 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है |

⚫️ बैजनाथ महादेव मंदिर-
मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले के अंतर्गत आने वाला बैजनाथ महादेव मंदिर आगर मालवा जिले के निर्माण के पहले शाजापुर जिले के अंतर्गत आता था परंतु जब से शाजापुर जिले से आगर मालवा जिले का निर्माण किया गया तब से यह मंदिर आगर मालवा जिले के अंतर्गत आता है | दोस्तों यह एक धार्मिक मंदिर है प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर यहां पर स्थानीय निवासी के लोगों के द्वारा भगवान शिव के और माता पार्वती की विवाह का आयोजन किया जाता है |
दोस्तों इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसे अंग्रेजों के द्वारा बनवाया गया था इस मंदिर के अलावा कोई भी ऐसा मंदिर नहीं मिलेगा जिसका निर्माण अंग्रेजो के द्वारा किया गया हो | इस मंदिर का निर्माण 1528 से लेकर 1536 तक के समय के बीच में हुआ है | इस मंदिर की चोटी लगभग 50 फीट की आस पास है मंदिर काफी पुराना और ऐतिहासिक होने के कारण इसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग आते हैं |
⚫️ बगलामुखी माता मंदिर-
आगर मालवा जिले के अंतर्गत बहने वाली एक छोटी सी नदी जिसे लखुंदर के नाम से जाना जाता है किसी नदी के किनारे श्री शक्ति माता बगलामुखी का मंदिर स्थित है | दोस्तों इस मंदिर के बारे में कई प्रकार की कहानी सामने आती हैं कई हिंदू ग्रंथों में बताया जाता है कि बगलामुखी माता का यह मंदिर प्राचीन काल से ही द्वापर युग के समय से अपने अस्तित्व में हैं |
यहां पर शिव शक्ति तांत्रिक और अनुष्ठान करने के लिए दूर-दूर से संत माता के दरबार में आते हैं यहां पर तरह-तरह की भूत प्रेत जैसी बीमारियों को चुटकी भर समय में दूर कर दिया जाता है | बगलामुखी माता मंदिर के अंतर्गत हिंदू धर्म के प्रसिद्ध देवी देवताओं को देखा जा सकता है जिनमें माता पार्वती, श्री गणेश, श्री हनुमान जी महाराज और भैरव बाबा को यहां पर प्रमुख रूप से देखा जा सकता है |
बगलामुखी माता मंदिर के निर्माण के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों के प्रिय धर्मराज युधिष्ठिर के द्वारा महाभारत को जीतने के लिए भगवान श्री कृष्ण के निर्देश के अनुसार इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था | दोस्तों कहा जाता है कि सत्य की हमेशा जीत होती है और महाभारत में भी कुछ ऐसा ही हुआ था सत्य परेशान तो बहुत हुआ था परंतु जीत हमेशा सत्य की ही हुई थी |
⚫️ केवड़ा स्वामी भैरवनाथ मंदिर-
आगर मालवा जिले का केवड़ा स्वामी भैरवनाथ मंदिर उज्जैन जिले से लगभग 68 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | केवड़ा स्वामी भैरवनाथ मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां पर भैरवनाथ की प्रतिमा एक पेड़ के तने में समाहित है | केवड़ा स्वामी भैरवनाथ मंदिर आगर मालवा के अंतर्गत आने वाले सबसे प्रसिद्ध तालाब मोती सागर तालाब के पास यह मंदिर स्थित है | इस मंदिर में विराजमान प्रतिमा बहुत ही सुंदर और आकर्षक है |
कई कथाओं के अनुसार पता चलता है की भैरव बाबा प्राचीन समय में लोगों को बालों के रूप में कई प्रकार से परेशान किया करते थे |इस परेशानी को दूर करने के लिए बुद्धिजीवियों ने भैरव बाबा को तंत्र विद्याओं के माध्यम से पेड़ में बांधकर रोका था |
कई इतिहासकारों के अनुसार बताया जाता है कि यहां पर भैरव बाबा की मूर्ति को 1424 में भगवान रघु देव ने स्थापित किया था | यहां पर स्वामी भैरव नाथ के दर्शन करने के लिए लोग बहुत दूर-दूर से आते हैं यहां पर पास में ही एक केवड़ा बगीचा है जो कि बहुत ही सुंदर और आकर्षक है | केवड़ा बगीचे में तरह तरह के पेड़ पौधे और फूलों वाले पौधे मिलते हैं यहां पर आप जाकर अपना अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं |
⚫️ मंशापूर्ण गणपति मंदिर-
आगर मालवा जिले का यही एक धार्मिक मंदिर है किस मंदिर में विराजमान प्रति में काफी पुरानी प्रतिमा है परंतु बहुत ही सुंदर और आकर्षक है | भगवान श्री गणेश का यह मंदिर आगर मालवा जिले से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर बड़ोद रोड पर स्थित है यहां पर जाने के लिए आप अपने पर्सनल व्हीकल से भी जा सकते हैं और अन्य वाहन से भी जा सकते हैं | आगर मालवा जिला मुख्यालय से आपको मंशापूर्ण गणपति मंदिर के लिए जाने के लिए किसी भी ऑटो रिक्शा वाले से संपर्क करेंगे तो वह आपको डायरेक्ट मंदिर पहुंचा देगा | भगवान श्री गणेश के दर्शन करने के लिए यहां पर सबसे ज्यादा लोग गणेश चतुर्थी के समय पर आते हैं क्योंकि वह से समय इस मंदिर में तरह-तरह की आयोजन भी होते हैं |
यह मंदिर पहाड़ी की तलहटी में बना हुआ मंदिर है जिस कारण से मंदिर काफी दूर से दिखाई देता है | पहाड़ी से नीचे का नजारा देखते हुए बहुत ही सुंदर लगता है |
⚫️ पिपल्या खेड़ा के बालाजी-
दोस्तों पिपलिया खेड़ा के बालाजी काफी प्रसिद्ध हैं आसपास के सभी निवासी लोग यहां पर भगवान श्री हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं | भगवान श्री हनुमान जी देश के कई हिस्सों में बालाजी के नाम से प्रसिद्ध है | कहा जाता है कि इस मंदिर में आने वाले ज्यादातर श्रद्धालु ऐसे होते हैं जिनको कोई ना कोई भूत प्रेत की पीड़ा होती है | भगवान श्री हनुमान जी के दरबार में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु की हर मनोकामना पूरी होती है और उनके दरबार में भूत प्रेत वाले लोग दर्शन मात्र से ठीक हो जाते हैं |
दोस्तों यह मंदिर आगर मालवा की एक छोटी सी पहाड़ी पर बना हुआ है जिसे पिपलिया खेड़ी के नाम से जाना जाता है | मंदिर के नीचे देखने का नजारा आपको ऐसा प्रतीत होगा जैसे कि आप बहुत ही सुंदर जगह पर आ चुके हैं | हनुमान जयंती के समय यहां पर आसपास के निवासियों के द्वारा भव्य रैली का आयोजन किया जाता है | इस रैली में हजारों की संख्या में लोग एकत्रित होते हैं और भगवान श्री हनुमान जी की जयंती को बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं |
⚫️ मां तुलजा भवानी गुफा- Agar Malwa
आगर मालवा जिले के अंतर्गत आने वाली यह गुफा बहुत ही प्राचीन और जंगल के अंदर गुफा है | इस गुफा के अंदर आपको मा तुलजा भवानी की मूर्ति देखने को मिलेगी जो बहुत पुरानी मूर्ति है | कहा जाता है कि तुलजा भवानी के दर्शन करने के बाद लोगों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं | तुलजा भवानी के दरबार में आरती लेकर आए हुए व्यक्ति कभी भी खाली नहीं जाते |

⚫️ सोमेश्वर महादेव मंदिर-
भगवान शिव का यह प्रसिद्ध मंदिर आगर मालवा जिले के एक छोटे से गांव तनोदिया के अंतर्गत आता है | यह मंदिर कुंडा कला रोड पर सुनारिया गांव के पास राघोगढ़ पड़ता है और इस राघोगढ़ के समीप आपको एक छोटे लोहार नामक एक छोटा सा गांव मिलेगा वहां पर यह मंदिर स्थित है यहां पर उज्जैन नेशनल हाईवे इसके पास से ही गुजरता है | भगवान शिव का यह प्रसिद्ध मंदिर आगर मालवा से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहां पर जाने के लिए आपको आगर मालवा जिला मुख्यालय से बस, कार ,टैक्सी आदि की व्यवस्था उपलब्ध हो जाती है जिसके माध्यम से आप यहां पर जा सकते हैं |
प्राचीन काल से ही मालवा क्षेत्र के बारे में कहा जाता है कि संपूर्ण मालवा क्षेत्र पर पांडवों के अज्ञातवास के समय यहां पर पांडवों ने काफी बड़े क्षेत्र पर भ्रमण किया था कहां जाता है | पांडवों के द्वारा ही सोमेश्वर भगवान के इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था | यह एक धार्मिक मंदिर है यहां पर लोगों की आस्था जुड़ी हैं भगवान के दर्शन करने के लिए यहां पर आप किसी भी समय आ सकते हैं | भगवान शिव का यह मंदिर लोगों के आकर्षण का केंद्र बन चुका है यहां पर दूर-दूर से भगवान शिव के भक्त उन को बेलपत्र चढ़ाने के लिए आते हैं | भगवान शिव के दरबार में आसपास के निवासी लोग यहां पर भजन कीर्तन आदि गुणगान करते हैं |
⚫️ चौसठ योगिनी माता मंदिर-
शाजापुर जिले के अंतर्गत आने वाला यह मंदिर एक नव दुर्गा मंदिर है जो कि हिंदू धर्म की प्रतिष्ठा और आस्था का प्रतीक है | नवरात्रि के समय पर यहां पर माता के दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में लोग एकत्रित होते हैं | मंदिर में विराजमान माता की प्रतिमा बहुत ही सुंदर और आकर्षक लगती है | इस मंदिर में स्थापित चौसठ योगिनी के नाम से माता शक्ति की एक खंडपीठ है जिसे कई नामों से पहचाना जाता है |
मंदिर में चौसठ योगिनी माता के अलावा आपको यहां पर भगवान श्री गणेश का प्रसिद्ध मंदिर मंदिर मिलता है जिसमें श्री गणेश की बहुत ही सुंदर प्रतिमा स्थापित है | भगवान श्री गणेश को यहां पर लोग अपना आदर्श मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं | भगवान श्री गणेश के मंदिर में आने वाले श्रद्धालु भगवान श्री गणेश को लड्डू का भोग लगाते हैं क्योंकि भगवान श्री गणेश को ऐतिहासिक ग्रंथों में हो और धार्मिक ग्रंथों में लड्डू बहुत पसंद हुआ करते थे |
⚫️ पचेती माता मंदिर-
आगर मालवा जिले के अंतर्गत आने वाला एक छोटा सा गांव जिसे बगरा खेड़ा के नाम से जाना जाता है इसी गांव के अंतर्गत पचेती माता मंदिर स्थित है | प्राचीन काल से ही यह मंदिर अपने अस्तित्व में है शुरुआत में यह मंदिर नहीं बना हुआ था यहां पर केवल लोग आस्था के रूप में दर्शन करने के लिए जाया करते थे | धीरे-धीरे समय बीतता गया और लोगों की समस्याएं माता के दरबार में ठीक होने लगी फिर धीरे-धीरे माता का एक सुंदर मंदिर बनवाया गया | वर्तमान समय में लोगों के यहां पर भारी मात्रा में भीड़ एकत्रित होती है लोगों की आस्था यहां पर जुड़ी हुई है |
प्रत्येक वर्ष की चेत महीने की नवरात्रि के समय यहां पर भारी मात्रा में लोग माता के दर्शन करने के लिए आते हैं | यहां पर लगाई जाने वाली अर्जी माता के द्वारा पूरी होती है जिन लोगों को संतान की प्राप्ति नहीं होती उनके द्वारा यहां पर माता के दरबार में अर्जी बांधने से उनके संतान की प्राप्ति निश्चित होती है |
⚫️ कमल कुंदी मंदिर-
आगर मालवा जिले के अंतर्गत आने वाला मोती सागर तालाब यहां का प्रमुख तालाब है और इसी तालाब के किनारे भगवान शिव के लिए और माता पार्वती के लिए यह मंदिर समर्पित है | इस मंदिर में आपको बहुत ही सुंदर माता पार्वती की और भगवान शिव की प्रतिमा देखने को मिलती है | यहां का दृश्य इतना सुंदर लगता है कि आप यदि यहां पर एक बार आते हैं तो आपके जाने का बिल्कुल भी मन नहीं होगा क्योंकि यहां पर आपको पूरी प्राकृतिक सुंदरता देखने को मिलती है | मंदिर तालाब के किनारे होने के कारण यहां पर सर्दियों के समय में इतना प्यारा लगता है कि आप पूरी तरीके से प्रकृति में विलीन हो जाएंगे, मगन हो जाएंगे |
माता पार्वती और भगवान शिव के दर्शन करने के लिए यहां पर स्थानीय निवासी प्रतिदिन आते हैं और आसपास के निवासियों के अलावा यहां पर दूर-दूर से लोग अमावस्या अथवा पूर्णिमा के समय प्रति महीने जल चढ़ाने के लिए आते हैं | मंदिर परिसर के बाहर एक छोटा सा मेला हमेशा के लिए लगा रहता है इस मेले में तरह-तरह के सामान और खेल खिलौने मिलते हैं | यहां पर आने वाली स्थानीय निवासियों के द्वारा कीर्तन ,भजन किया जाता है |
⚫️ नलखेड़ा का श्रीनाथ मंदिर-
भगवान श्री कृष्ण के लिए समर्पित यह मंदिर आगर मालवा जिले के एक छोटे से गांव नलखेड़ा में स्थित है यहां पर इस मंदिर की नक्काशी आपको कुछ इस तरीके से देखने को मिलेगी कि आप देखते ही रह जाएंगे | कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण के एक बार दर्शन करने के बाद लोगों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं ठीक उसी प्रकार से जिस तरीके से भगवान श्री कृष्ण ने सुदामा के एक मिलन के बाद सारे कष्ट हर लिए थे ठीक उसी तरीके से भगवान श्री कृष्ण के भक्तों की आने के बाद यहां उनके पूरे कष्ट हर लिए जाते हैं | किस मंदिर का इतिहास कहीं ना कहीं महाभारत काल से जुड़ा हुआ है क्योंकि मालवा का क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जो कि पांडवों के अज्ञातवास के समय निवास स्थल के रूप में भी जाना जाता है |
⚫️ कुंडलिया बांध- Agar Malwa
मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले में कुंडलिया बांध स्थित है इस बांध की विशेषता यह है कि यहां पर बहुत सुंदर रोड का निर्माण किया गया है जिसके माध्यम से आप बांध के ऊपर जा सकते हैं बिना रुके ,बिना किसी परेशानी के | त आगर मालवा जिले के निर्माण के पहले यह बांध शाजापुर जिले के अंतर्गत आता था लेकिन आगर मालवा जिले के गठन के बाद यह बांध आगर मालवा जिले के अंतर्गत ही आता है | यह बांध देखने में बहुत सुंदर लगता है इसका निर्माण बड़ी सूझबूझ और तकनीकी से किया गया है | इस बांध में कुल 11 गेट दिखाई देते हैं जो बरसात के समय खोले जाते हैं क्योंकि बरसात के समय बांध भर चुका होता है और इसका पानी निकाल दिया जाता है जितना जरूरी होता है |
किस बांध के पानी का उपयोग आसपास के निवासी लोगों के द्वारा खेती के रूप में किया जाता है | जब से इस बांध का निर्माण किया गया तब से यहां के आसपास निवासियों के लिए यह बांध वरदान साबित हुआ क्योंकि बांध के निर्माण के बाद किसानों की आय में दुगनी वृद्धि हो गई उनकी खेती अच्छे से होने लगी | यहां पर आप पूरे परिवार के साथ पर्यटन का आनंद लेने के लिए आ सकते हैं और अपना कीमती समय बिता सकते हैं |

⚫️ बड़ा जैन मंदिर-
आगर मालवा जिले के अंतर्गत आने वाली एक छोटे से गांव सुसनेर के अंतर्गत जैन धर्म का यह मंदिर स्थापित है | जैन धर्म के हजारों श्रद्धालु इस मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं भगवान पार्श्वनाथ के अलावा यहां पर भगवान आदिनाथ की प्रतिमा को भी प्रमुख रूप से देखा जा सकता है |
⚫️ पचेटी बांध-
आगर मालवा जिले के अंतर्गत आने वाले छोटा सा बांध है इसका विस्तार ज्यादा तो नहीं है परंतु इसका उपयोग भारी मात्रा में किया जाता है | इस बांध के निर्माण के बाद आसपास के निवासियों के द्वारा होने वाली खेती बहुत ही सुचारु रूप से चलने लगी और किसानों की आय में भी वृद्धि होने लगी | दोस्तों इस बांध को आप जलाशय की बोल सकते हैं यहां पर आप नहाने का पूरा आनंद ले सकते हैं | सवारी करने के लिए आप नाव का भी इस्तेमाल कर सकते हैं | बहुत ही सुंदर पहाड़ियों के बीच बनाया हुआ यह बांध लोगों के आकर्षण का केंद्र है अपने परिवार के साथ लोग यहां पर अक्सर समय बिताने के लिए आते हैं |
⚫️ त्रिवेणी संगम-
आगर मालवा जिले के अंतर्गत आने वाला एक प्रमुख क्षेत्र है जिसे ताखला के नाम से जाना जाता है | इसी क्षेत्र में यह त्रिवेणी संगम मौजूद है | यहां पर प्रमुख रूप से तीनों नदियां आपस में आकर मिलती हैं जिसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका लखुंदर नदी की होती है| इस संगम पर आप नदियों को झरने के रूप में भी देख सकते हैं संगम के पास में ही भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर बना हुआ है | प्राकृतिक रूप से यार बहुत सुंदर लगता है आप यहां पर यदि घूमने आते हैं तो आपको बहुत ही शांति महसूस होगी |
जिले के प्रमुख पर्यटन History GK Tourism FAQ’s
↪️ छोटी काली सिंध नदी मध्य प्रदेश में कहां पर है?
छोटी काली सिंध नदी मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले के अंतर्गत आती है आगर मालवा जिले के गठन के पहले यह नदी शाजापुर जिले का हिस्सा हुआ करती थी |
↪️ आगर मालवा जिले में तहसीलों की संख्या कितनी है?
आगर मालवा जिले के अंतर्गत कुल मिलाकर 4 तहसीलें आती हैं और यहां पर 2 विधानसभा क्षेत्र हैं |
↪️ आगर मालवा जिले का क्षेत्रफल कितना है?
आगर मालवा जिले का क्षेत्रफल 2785 वर्ग किलोमीटर है |
↪️ मध्य प्रदेश का पहला गौ अभ्यारण कहां पर है?
मध्य प्रदेश का पहला गौ अभ्यारण आगर मालवा जिले में है इस जिले के पहले यह अभ्यारण शाजापुर जिले में आता था | शाजापुर जिले से जब से आगर मालवा का गठन हुआ तब से यह अभ्यारण आगर मालवा जिले का हिस्सा है |
↪️ आगर मालवा जिले के प्रथम कलेक्टर कौन थे?
आगर मालवा जिले के प्रथम कलेक्टर DTअग्रवाल और प्रथम एसपी आरएफ परिहार बने थे |
↪️ आगर मालवा जिले का गठन कब किया गया?
आगर मालवा जिले का गठन 15 अगस्त 2013 को शाजापुर जिले से अलग करके किया गया यह मध्य प्रदेश का 51 वां जिला है |

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