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मंदसौर जिले के प्रमुख पर्यटन Mandsaur History GK Tourism

मंदसौर जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल-

हेलो दोस्तों! आज हम बात करने वाले हैं मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के बारे में जो कि यह जिला उज्जैन संभाग के अंतर्गत आता है | इस जिले के अंतर्गत जितने भी पर्यटक स्थल पाए जाते हैं आज हम आपको सभी पर्यटक स्थलों की विस्तृत जानकारी देंगे | यहां पर कौन-कौन से धार्मिक मंदिर पाए जाते हैं और उनकी अपनी- अपनी क्या विशेषता है सभी के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे |

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दोस्तों इस जिले के अंतर्गत 955 गांव ,1 नगर पालिका और 9 नगर पंचायत तथा 16 पुलिस स्टेशन | मंदसौर जिले के अंतर्गत अनाज मंडी भी मौजूद है आज हम अनाज मंडी के बारे में विस्तार से आप से चर्चा करेंगे | मंदसौर जिले को” पशुपतिनाथ की नगरी” कहा जाता है | आज भगवान पशुपतिनाथ के बारे में उनका पूरा इतिहास और सभी दर्शनीय स्थलों के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी |

गांव की संख्या955
मंदिरपशुपतिनाथ मंदिर, नालछा माता मंदिर, कोटेश्वर महादेव मंदिर, छोटा महादेव मंदिर, 
बांधगांधी सागर बांध
किलामंदसौर का किला, हिंगलाजगढ़ का किला
संग्रहालययशोवर्मन संग्रहालय
तालाबतेलिया तालाब
धर्मराजेश्वर मंदिर5 वीं शताब्दी में निर्मित
अभिलेखमंदसौर अभिलेख
कारखानास्लेट पेंसिल कारखाना, माइक्रो ऑर्गेनिक इंडिया, हिंदुस्तान सोया एलटीडी, जीवाजी शुगर मिल
पार्कमेगा फूड पार्क
सर्वाधिक उत्पादनअफीम
गांधी सागर बांध का निर्माणचंबल नदी पर
पशुपतिनाथ मंदिर का निर्माणगुप्त शैली

मंदसौर जिले के कुछ प्रमुख पर्यटक स्थल-

🌗 पशुपतिनाथ मंदिर-

दोस्तों पशुपतिनाथ मंदिर के बारे में कौन नहीं जानता? शायद ही ऐसा कोई होगा जो भगवान पशुपतिनाथ के बारे में नहीं जानता होगा | दोस्तों मध्य प्रदेश के अलावा भगवान पशुपतिनाथ की प्रसिद्ध प्रतिमा नेपाल में स्थित है और मंदसौर जिले में स्थित है यह भगवान पशुपतिनाथ का मंदिर बिल्कुल नेपाल के मंदिर की तर्ज पर बना हुआ है | मंदसौर के अलावा आपको देश के कई हिस्सों में भगवान पशुपतिनाथ के कई मंदिर मिल जाएंगे इनमें से बहुत से प्रमुख मंदिर दक्षिण भारत में स्थित है | भगवान शिव का यह मंदिर काफी प्रसिद्ध और चर्चित मंदिर है जिसे देखने के लिए कोई ना कोई हमेशा आता रहता है | दोस्तों भगवान शिव की भक्तों की भी दर्शन करने की अजीब सी लालसा होती है कई बार तो यहां पर एक हजार से अधिक किलोमीटर दूर से कई भक्त भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आए हैं |

पशुपतिनाथ मंदिर-Mandsaur

भगवान पशुपतिनाथ से जुड़े हुए महत्वपूर्ण तथ्य-

☛ दोस्तों पशुपतिनाथ का अर्थ होता है- ” भगवान शिव ” क्योंकि भगवान शिव का पर्यायवाची ही पशुपतिनाथ है |

☛ मंदसौर जिले का प्रमुख आकर्षण का केंद्र कहां पर स्थित भगवान पशुपतिनाथ का मंदिर ही है |

☛ भगवान पशुपतिनाथ की मूर्ति का निर्माण गहरे तांबे की गहरी और चमकदार चट्टानों द्वारा किया गया है |

☛ भगवान पशुपतिनाथ का मंदिर शिवना नदी के तट पर स्थित है | शिवना नदी यहां पर बहने वाली प्रमुख नदी है इस नदी का जल ज्यादा मात्रा में खेती के लिए प्रयोग में लाया जाता है |

☛ भगवान शिव की यह मूर्ति 4600 किलोग्राम की है |

☛ भगवान पशुपतिनाथ के मंदिर को कुछ इस तरीके से निर्मित किया गया है कि इसमें प्रमुख रूप से 4 दरवाजे दिखाई देते हैं परंतु सबसे खास बात यह है कि इसका केवल पश्चिम का द्वार खुला रहता है |

☛ दोस्तों मंदसौर जिले में क्षेत्र पशुपतिनाथ मंदिर प्रमुख रूप से अपने अष्ट मुखी शिवलिंग के लिए जाना जाता है |

☛ नगर के बाहर बहुत सी ऐसी मूर्ति देखने को मिलती हैं दिन में भगवान शिव की छवि दिखाई देती है उन मूर्तियों में भगवान शिव की तीसरी आंख बड़ी सुंदर और आकर्षक दिखाई देती है |

☛ मंदसौर जाने के लिए आप एयरपोर्ट के माध्यम से नहीं जा सकते क्योंकि मंदसौर जिले में कोई भी हवाई मार्ग नहीं है और ना ही यहां पर कोई एयरपोर्ट है | यदि आप एयरपोर्ट के माध्यम से मंदसौर तक जाना चाहते हैं तो आपको नजदीकी हवाई अड्डा इंदौर और इसके अलावा उदयपुर के माध्यम से आप पहुंच सकते हैं |

☛ महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां पर बहुत अधिक मात्रा में भीड़ इकट्ठी होती है भगवान शिव को बेलपत्र और जल चढ़ाने के लिए यहां पर हजारों की संख्या में भीड़ होती है|

दोस्तों हमारा देश कई धर्मों का देश है और यहां पर कई धर्मों के लोग भी रहते हैं भगवान शिव के दर्शन करने के लिए यहां पर हिंदू धर्म के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी भारी मात्रा में आते रहते हैं | भगवान शिव के दरबार में हर एक व्यक्ति बराबर होता है भगवान के सामने कोई भी छोटा या बड़ा नहीं होता | भगवान शिव जी प्रत्येक व्यक्ति की हर अर्जी को स्वीकार करते हैं और उनकी मनोकामना पूरी करते हैं |

🌗 गांधी सागर बांध –

दोस्तों इस बांध का विस्तार काफी दूर दूर तक फैला हुआ है यहां तक कि इस बांध का है कुछ हिस्सा नीमच जिले में भी आता है | मंदसौर जिले से लगभग 168 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह बांध जहां का प्रमुख पर्यटक स्थल है| इस बांध का निर्माण यहां पर बजने वाली चंबल नदी पर किया गया है| गांधी सागर बांध के माध्यम से आसपास के बहुत से ऐसे जिले हैं जिनकी खेती की थी बांध के द्वारा होती है | गांधी सागर बांध के किनारे बसे हुए जितने भी जिले हैं उन सब की जलापूर्ति इसी बांध के द्वारा होती है |

गांधी सागर बांध -Mandsaur

🌗 मंदसौर का किला-

मंदसौर जिले में मंदसौर के किले के नाम से प्रसिद्ध है यहां का बहुत ही प्राचीन और ऐतिहासिक किला है वर्तमान में यह किला खंडहर हो चुका है |

इस किले के अंदर आपको यह सात सहेलियों की बावड़ी देखने को मिलती है जो कि यहां की सबसे प्रसिद्ध और आकर्षक बावड़ी है | बाबरी किले की सुंदरता को आज भी बरकरार बनाए रखे हुए हैं परंतु सबसे दुर्भाग्य की बात यह है कि इसके लिए कि किसी भी प्रकार से देखभाल ना होने के कारण यह खंडहर के रूप में तब्दील हो गया है | आप अकेले को बखूबी देख सकते हैं यहां आकर घूम सकते हैं और ऐतिहासिक धरोहर को देखकर पर्यटन के रूप में आनंद ले सकते हैं |

🌗 नालछा माता मंदिर-

मंदसौर जिले के एक छोटे से गांव नालछा के अंतर्गत माता शक्ति की एक खंडपीठ स्थापित की गई है जिसे नालछा माता मंदिर के नाम से जाना जाता है | यही एक धार्मिक मंदिर है यहां पर श्रद्धालु लोगों की भीड़ हमेशा लगी रहती है | इस मंदिर में विराजमान माता शक्ति की खंडपीठ को नालछा माता के नाम से जाना जाता है |

नालछा माता मंदिर यहां पर स्थित एक छोटी सी पहाड़ी पर बना हुआ है पहाड़ी ज्यादा होती तो नहीं है परंतु इस मंदिर तक जाने के लिए पर्याप्त मात्रा में सीड़ियों की व्यवस्था की गई है | इस मंदिर में नालछा माता की बहुत ही सुंदर प्रतिमा देखने को मिलती है और माता की प्रतिमा के अलावा यहां पर भैरव बाबा के दर्शन करने को भी मिलते हैं | यहां पर भैरव बाबा की प्रतिमा बहुत ही सुंदर और आकर्षक प्रतिमा है आप यहां पर आकर माता के दर्शन कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं |

जो आपने शायद ही सुना होगा कभी ना कभी किसी धार्मिक पुराना और ग्रंथों में बताया जाता है कि माता शक्ति की यात्रा करने के बाद आपको भैरव बाबा के दर्शन जरूर करना चाहिए यदि आप भैरव बाबा के दर्शन नहीं करते हैं तो आपकी यात्रा को सफल नहीं माना जाएगा | दोस्तों ज्यादातर यह कहानी हमें जम्मू कश्मीर में स्थित माता वैष्णवी की कहानियों में सुनने को मिलता है | जम्मू कश्मीर के अंतर्गत भी माता शक्ति की ही एक खंडपीठ स्थित है |

🌗 यशोवर्मन संग्रहालय-

दोस्तों यशोवर्मन संग्रहालय के अंतर्गत आपको ऐतिहासिक मूर्तियां देखने को मिलती हैं जिनमें परमार वंश, होल्कर वंश,
मौर्य वंश और ज्यादातर यहां पर उन्हें शासकों के द्वारा निर्मित की गई मूर्तियां मिलेंगे जिन्होंने मंदसौर जिले में शासन किया है |

रतलाम नेशनल हाईवे पर स्थित है यशोवर्मन संग्रहालय कि घूमने की मात्र ₹10 फीस है आप इतनी कम फीस में संग्रहालय में घूम सकते हैं और ऐतिहासिक चीजों को देख सकते हैं | विश्व भ्रमण संग्रहालय में आपको बहुत ही सुंदर सुंदर पेंटिंग भी देखने को मिलती है | रतलाम नेशनल हाईवे के माध्यम से आप यहां पर अपने पर्सनल वाहन और किसी अन्य वाहन के माध्यम से भी जा सकते हैं |

🌗 तेलिया तालाब मंदसौर-

दोस्तों मंदसौर जिले का यह तालाब मंदसौर जिले में स्थित है वर्तमान में यह तालाब काफी मात्रा में सुंदर और स्वच्छता लाभ है आपको यहां पर पानी एकदम साफ और स्वच्छ मिलेगा | इस मंदिर के बगल में एक सुंदर गार्डन निर्मित किया गया है आप अपने पूरे परिवार के साथ इस तालाब की शैर कर सकते हैं और अपना अच्छा समय यहां पर व्यतीत कर सकते हैं |

प्राकृतिक रूप से यह तालाब बहुत ही सुंदर और आकर्षक लगता है यहां पर डूबता हुआ सूरज बहुत ही सुंदर दिखाई देता | सुबह के समय आप यदि इस तालाब की सैर करने के लिए जाते हैं तो आपको बहुत ही अच्छा महसूस होगा |

🌗 कोटेश्वर महादेव मंदिर-

भगवान शिव को समर्पित यहां का यह एक प्रमुख धार्मिक मंदिर है इस मंदिर में भगवान शिव की शिवलिंग विराजमान है | इस मंदिर के चारों तरफ का वातावरण एकदम सुंदर वातावरण है | इस मंदिर के पास में ही एक झरना देखने को मिलता है परंतु इस धरने की सबसे खास बात यह है कि है यह हमेशा के लिए नहीं बचता केवल बरसात के समय में बहता है | बरसात के समय में यह झरना बहुत ही सुंदर और आकर्षक लगता है | महाशिवरात्रि के समय यहां पर आसपास के सभी दर्शक इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं |

🌗 मंदसौर का धर्मराजेश्वर मंदिर-

मंदसौर जिले के धार्मिक मंदिर है यह मंदिर पूर्ण रूप से पत्थर से बना हुआ है बहुत पुराना मंदिर होने के कारण यहां पर अक्सर इस मंदिर को देखने के लिए लोग आते रहते हैं | इस मंदिर का निर्माण 5 वीं शताब्दी में किया गया था| मंदिर के अलावा आपको यहां पर गुफाएं भी देखने को मिलती हैं जो की बहुत पुरानी गुफाए है |

मंदसौर का धर्मराजेश्वर मंदिर पांडवों को समर्पित है धार्मिक पुराणों और ग्रंथों के अनुसार धर्मराज युधिष्ठिर और उनकी सभी भाइयों की कहानी इसी मंदिर से जुड़ी हुई है | यह मंदिर बहुत बड़ी चट्टान को काटकर बनाया गया है मंदिर का बहुत सा हिस्सा जमीन के अंदर भी बना हुआ है |

इस मंदिर में आपको गर्भ ग्रह जहां पर लोगों के ठहरने की व्यवस्था हुआ करती थी और इसी मंदिर में आपको सभा मंडप और अर्थ मंडप देखने को मिलता है | इस मंदिर का शिखर बहुत ही पुराना और सुंदर शिखर बना हुआ है | यह मंदिर मंदसौर के चंदवासा गांव में स्थित है इसे घूमने के लिए कुछ मात्रा में फीस लगती है इसे टिकट के रूप में देना होता है |

🌗 छोटा महादेव मंदिर –

दोस्तों मंदसौर जिले के किस मंदिर में आपको भगवान शिव के अलावा हनुमान जी और भैरव बाबा के दर्शन भी करने को मिलते हैं| यह मंदिर काफी पुराना और ऐतिहासिक मंदिर है देखने में बहुत सुंदर लगता है | इस मंदिर में भगवान शिव की शिवलिंग विराजमान है कहा जाता है कि यहां पर आने वाले भगवान शिव के प्रत्येक भक्तों की हर मनोकामना को पूरा किया जाता है |

मंदसौर जिले में भगवान शिव का यह मंदिर भानपुरा तहसील के अंतर्गत आता है | यहां पर आपको प्राकृतिक सुंदरता प्रमुख रूप से देखने को मिलती है जैसे कि यहां पर एक बरसात के समय में झरना भी देखने को मिलता है इस झरने में आप स्नान भी कर सकते हैं और नहाने का आनंद भी उठा सकते हैं | यह एक धार्मिक मंदिर है यहां पर हर रोज भगवान शिव के दर्शन करने के लिए सैकड़ों लोग आते हैं | दोस्तों यदि कोई मंदसौर जिले का भ्रमण करना चाहता है या फिर यहां के पर्यटक स्थलों को घूमना चाहता है तो वह है इस मंदिर में एक बार जरूर जाएगा क्योंकि यह मंदिर बहुत ही खूबसूरत और सुंदर लगता है |

🌗 मंदसौर अभिलेख-

दोस्तों मंदसौर अभिलेख यहां के ऐसे अभिलेख है जिनके माध्यम से मंदसौर जिले के इतिहास के बारे में और यहां पर हुई पुरानी घटित घटनाओं की जानकारी मिलती है | यहां पर प्राप्त हुए अभिलेख कुछ ऐसे हैं जिनके माध्यम से बुद्ध की जानकारी मिलती है |

🌗 हिंगलाजगढ़ का किला-

हिंगलाजगढ़ का किला मंदसौर जिले की भानपुरा तहसील के अंतर्गत आता है यह काफी पुराना और ऐतिहासिक किला है | मंदसौर जिले में यह किला मंदसौर के घने जंगलों के बीच स्थित है और किस किले के पास में ही हिंगलाज माता का मंदिर भी स्थित है किले को देखने वाले लोग हिंगलाज मंदिर को भी देखने चले जाते हैं| दोस्तों यह साले इतना सुंदर लगता है कि यदि कोई प्रकृति प्रेमी यह सब जगह पर घूमने के लिए जाता है तो वह वास्तव में यहां पर रुकने का मन बना लेगा |

हिंगलाजगढ़ का किला- Mandsaur

🌗 स्लेट पेंसिल कारखाना-

मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध स्लेट पेंसिल कारखाना मंदसौर जिले का प्रमुख कारखाना है यहां पर निर्मित की जाने वाली स्लेट पेंसिल को प्रदेश के सभी भागों पर एक्सपोर्ट किया जाता है |

🌗 माइक्रो ऑर्गेनिक इंडिया

माइक्रो ऑर्गेनिक इंडिया के नाम पर यहां पर एक कारखाना निर्मित किया गया है जिसके माध्यम से कई लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है परंतु कहीं ना कहीं यहां पर निर्मित किए गए कारखानों के माध्यम से पर्यावरण को नुकसान होता है |

🌗 हिंदुस्तान सोया एलटीडी-

हिंदुस्तान सोए एलटीडी के नाम पर जहां पर सोयाबीन फैक्ट्री को स्थापित किया गया है जिसमें सोयाबीन के द्वारा निर्मित की जाने वाली बहुत सी खाने पीने की चीजें तैयार की जाती है |

🌗 राजाराम स्टार्च फैक्ट्री-

राजाराम स्टार्च फैक्ट्री यहां भी काफी बड़ी फैक्ट्री है इस फैक्टरी के माध्यम से कई लोगों का घर चलता है | फैक्ट्री के द्वारा सबसे ज्यादा नुकसान पर्यावरण को होता है क्योंकि यहां पर भारी मात्रा में ही नैनो का उपयोग होता है वहीं से निकलने वाले धुएं से पर्यावरण को बहुत हानि होती है |

🌗 जीवाजी शुगर मिल-

मंदसौर जिले की जीवाजी शुगर मिल यहां की प्रसिद्ध शुगर मिल है इस शुगर मिल के माध्यम से शक्कर का भारी मात्रा में उत्पादन होता है | यहां पर निर्मित की जाने वाली शक्कर का एक्सपोर्ट प्रदेश के कई भागों में किया जाता है |

🌗 मेगा फूड पार्क-

मेगा फूड पार्क जहां का बहुत ही विशाल और सुंदर पार्क है इसे देखने के लिए और अपना समय बिताने के लिए ज्यादातर लोग अपने परिवार के साथ जाते हैं | मेगा फूड पार्क में बहुत सुंदर जगह देखने को मिलती है पास ही में झरने से गिरता हुआ पानी भी दिखाई देता है जो कि यहां की सुंदरता को कई गुना बढ़ा देता है | यह पार्क यहां का आकर्षण केंद्र बन चुका है लोग इस पार्क में हमेशा आते रहते हैं और प्रतिदिन इस पार्क में कई लोग बैठे ही रहते हैं पार्क का आनंद लेते रहते हैं

मंदसौर जिले के प्रमुख पर्यटन History GK Tourism FAQ’s

↔️ मध्यप्रदेश में पशुपतिनाथ मंदिर किस जिले में है?

मध्यप्रदेश में पशुपतिनाथ मंदिर मंदसौर जिले में बनाया गया है यह मंदिर नेपाल की तर्ज पर बनाया गया है |

↔️ मध्य प्रदेश के किस जिले में रावण की पूजा होती है?

मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में लंकापति रावण की आज की पूजा की जाती है क्योंकि कहा जाता है लंकापति रावण की पत्नी मंदसौर जिले की ही थी जिस कारण से लंकापति रावण मंदसौर जिले के दामाद हुए |

↔️ मंदसौर जिला किस नदी के किनारे बसा हुआ है?

मंदसौर जिला शिवना नदी के किनारे बसा हुआ है और इसी नदी के तट पर पशुपतिनाथ मंदिर स्थित है |

↔️ मध्य प्रदेश के किस जिले को लंकापति रावण की ससुराल माना जाता है?

मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले को लंकापति रावण की ससुराल के रूप में जाना जाता है |

↔️ भारत में सबसे ज्यादा अफीम का उत्पादन किस जिले में होता है?

भारत में सर्वाधिक मात्रा में अफीम का उत्पादन मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में होता है |

↔️ मध्य प्रदेश की “अफीम नगरी “के रूप में किस जिले को जाना जाता है?

मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले को अफीम नगरी के रूप में जाना जाता है यह खेती सरकार के नियंत्रण में होती है |

↔️ मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले की सीमा किस राज्य से लगती है?

मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले की सीमा राजस्थान की कुल 4 जिलों को टच करती है जिसमें प्रमुख रुप से चित्तौड़गढ़ ,भीलवाड़ा, कोटा ,झालावाड़ प्रमुख है| किसी दूसरे राज्य की इतनी ज्यादा मात्रा में सीमा साझा करने वाला मध्य प्रदेश का एकमात्र जिला है |

↔️ गांधी सागर बांध मध्य प्रदेश के किन दो जिलों में स्थित है?

मध्यप्रदेश का गांधी सागर बांध मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले को दो भागों में विभाजित करता है | मंदसौर के अलावा नीमच जिले में भी गांधी सागर का कुछ भाग आता है |

↔️ गांधी सागर बांध किस नदी पर बनाया गया है?

गांधी सागर बांध चंबल नदी पर बनाया गया है |

↔️ गांधी सागर बांध की लंबाई कितनी है?

गांधी सागर बांध 7 मार्च 1954 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु के द्वारा इसकी नींव रखी गई यह बांध लगभग 65 मीटर लंबा है और 56 मीटर चौड़ा है |

↔️ गांधी सागर बांध से कितनी बिजली उत्पादित होती है?

गांधी सागर बांध के 23 मेगावाट क्षमता के अनुसार यहां पर पहुंच टरबाइन कार्य करते हैं जिनमें से मुक्त रूप से 115 मेगावाट की बिजली का उत्पादन होता है |

↔️ मध्य प्रदेश का ऐसा कौन सा बांध है जहां पर सबसे ज्यादा मात्रा में मछलियां पाई जाती हैं ?

गांधी सागर बांध

↔️ मध्यप्रदेश में उद्यानिकी महाविद्यालय कहां पर स्थित है?

मध्य प्रदेश का एकमात्र उद्यानिकी महाविद्यालय मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित है |

↔️ मंदसौर अभिलेख कहां है?

मंदसौर अभिलेख मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में हैं इस अभिलेख के माध्यम से प्रसिद्ध राजा यशोवर्मन की जानकारी का उल्लेख मिलता है |

↔️ हिंगलाजगढ़ का किला कहां पर है?

हिंगलाजगढ़ का किला मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में हैं जो कि यह जिला बहुत ही प्रसिद्ध है |

↔️ मंदसौर जिले में कौन सा कारखाना है?

मध्य प्रदेश का प्लेट व पेंसिल बनाने का कारखाना मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में स्थापित किया गया है|

↔️ पशुपतिनाथ मंदिर किस शैली में है?

मध्य प्रदेश का पशुपतिनाथ मंदिर जो कि मंदसौर जिले में स्थित है यह मंदिर गुप्त शैली में निर्मित किया गया है |

↔️ मध्य प्रदेश की भीड़ जनजाति की आस्था का केंद्र क्या है?

मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित भादवा माता का मंदिर यहां पर भील जनजाति की आस्था का प्रमुख केंद्र है | प्राचीन काल से ही भील जनजाति किसी मंदिर के दर्शन और इस में विराजमान माता की पूजा करती आ रही है |

↔️ मंदसौर जिले में कौन से जैन तीर्थ हैं?

मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में श्री वही तीर्थ जैन स्थल मौजूद है इस साल की सबसे खासियत यह है कि यहां पर भगवान पार्श्वनाथ की काले रंग की प्रतिमा देखने को मिलती है | भगवान पार्श्वनाथ की यह प्रतिमा पद्मासन मुद्रा में विराजमान है | प्रमुख रूप से यह मूर्ति काले पत्थर की मूर्ति है |

↔️ श्री वही तीर्थ जैन तीर्थ स्थल की स्थापना किसने की थी?

दोस्त मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में प्रसिद्ध जैन तीर्थ की स्थापना संपृत्ति नामक शासन ने की थी |

↔️ मध्य प्रदेश का मेगा फूड पार्क कहां पर बनाया जा रहा है?

मध्यप्रदेश में मंदसौर जिले के अंतर्गत मेगा फूड पार्क का निर्माण किया जा रहा है यह पाक 500 करोड़ की लागत से बनेगा |

↔️ मंदसौर जिले में कितनी तहसील है और विधानसभा क्षेत्र हैं?

मंदसौर जिले में 8 तहसीलें हैं और 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं |

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