सागर जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल
हेलो दोस्तों आज मैं आपको सागर जिले के कुछ महत्वपूर्ण पर्यटन के बारे में बताने जा रहा हूं । सागर संभाग का विस्तार मध्य प्रदेश के मध्य क्षेत्र में है। सागर संभाग का मुख्यालय सागर है । जो मध्य प्रदेश का मध्यवर्ती जिला भी है इस जिले को भारत का ह्रदय जिला भी कहा जाता है। मध्यप्रदेश में सागर संभाग के अंतर्गत आने वाले जिलों की संख्या 6 हैं। इससे पहले यह संख्या 5 थी । मध्यप्रदेश का 52 वा जिला निवाड़ी टीकमगढ़ जिले से अलग होकर सागर संभाग के अंतर्गत बना है। सागर में सबसे प्राचीन शासक का वर्णन श्रीधर भ्रमण के बारे में होता है । प्रसिद्ध भूगोल विद क्लाउडियस टोलमी ने सागर को अपनी पुस्तक में आगर के नाम से गणित किया। गुप्त काल में सागर जिले का ऐरन था जो स्वभोग नगर के नाम से जाना जाता था। एरण से ही भारत में सबसे प्राचीन सती प्रथा के साक्ष्य मिलते हैं। सागर जिले को उसका वर्तमान स्वरूप राजा उदन शाह ने दिया। उन्होंने यहां सागर के किले और उसके चारों ओर परकोटा नामक गांव का निर्माण करवाया।
झीलों का शहर जिला सागर
सागर जिले में जल की आपूर्ति के लिए राजा उदन शाह ने एक विशाल झील का निर्माण करवाया था। जो एक लाखा बंजारा झील के नाम से जानी जाती है। संभवत इसी सागर रुपी झील के कारण इस नगर का नाम सागर पड़ा । सागर जिले के दक्षिण में स्थित रानगिर तिराहे से होकर कर्क रेखा गुजरती है। मध्य प्रदेश में सबसे पहला विश्वविद्यालय सन 1946 में सागर में खोला गया । एक व्यक्ति के दान से बनने वाला यह विश्वविद्यालय भारत का पहला विश्वविद्यालय है। यह विश्वविद्यालय क्षेत्रफल की दृष्टि से एशिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है। पहले इसका नाम सागर विश्वविद्यालय रखा गया था। सन 1986 में इसका नाम बदलकर डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय रखा गया।

सागर जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल | Sagar District Tourism Places |
क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी तहसील | राज खेड़ी |
माप तौल प्रशिक्षण संस्थान | सागर |
स्टील कांपलेक्स | सागर |
अपराध शास्त्र में डिग्री देने वाला भारत का एकमात्र विश्वविद्यालय | डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर |
राहतगढ़ जलप्रपात | सागर |
नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण | सागर |
डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना | 1946 |
लाखा बंजारा जी झील | सागर |
आब चंद्र की गुफाएं | सागर |
धामोनी उर्स | सागर |
बलजीत शाह की मजार | सागर |
भारतीय सेना की महार रेजीमेंट का मुख्यालय | सागर |
एरण अभिलेख | सागर |
वरुण स्मृति पार्क | सागर |
सागर जिले में शिक्षा
सन 2008 में यह मध्य प्रदेश का पहला केंद्रीय विश्वविद्यालय बन गया है। सागर में अपराध शास्त्र में डिग्री देने वाला यह विश्वविद्यालय भारत का एकमात्र विश्वविद्यालय है । मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा बॉटनिकल गार्डन इसी विश्वविद्यालय के अंतर्गत आता है। मध्य प्रदेश की एकमात्र डीएनए और फॉरेंसिक साइंस लैब सागर जिले में ही स्थित है। सागर के रानगिर में ही महाराजा छत्रसाल और मुगल सरदार खादिर का युद्ध हुआ था। जनसंख्या की दृष्टि से इंदौर और जबलपुर के बाद सागर तीसरा सबसे बड़ा जिला है । लेकिन मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा ग्रामीण जनसंख्या सागर जिले में ही निवास करती है । 1857 की क्रांति के प्रसिद्ध नेता जवाहर सिंह का संबंध सागर जिले से है। भारतीय सेना की महार रेजीमेंट ने अपना मुख्यालय सागर को बनाया । सागर जिले के अंतर्गत आने वाली राज खेड़ी तहसील क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी तहसील है ।

सागर जिले में लगने वाले मेले
सागर जिले में हर वर्ष धामोनी उर्स का आयोजन होता है । यहीं पर हर साल पद्माकर समारोह का आयोजन भी किया जाता है। आब चंद्र की गुफाएं राहतगढ़ जलप्रपात नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण बलजीत शाह की मजार रहली का सूर्य मंदिर आदि प्रमुख सागर जिले के दर्शनीय स्थल हैं। मध्य प्रदेश के वर्तमान नेता गोपाल भार्गव इसी जिले के है । मध्य प्रदेश सरकार ने माप तौल प्रशिक्षण संस्थान सागर जिले में ही स्थापित किया है । सागर जिले में ही स्टील कंपलेक्स की स्थापना की गई है । राहतगढ़ जलप्रपात बीना नदी पर स्थित है । क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा वन्य जीव अभ्यारण नौरादेही सागर में स्थित है। सागर जिले की बीना तहसील के आगासोद गांव में अरब देश कॉमान के सहयोग से तेल अरब रिफाइनरी लगाई गई है । सागर जिले के अंतर्गत कुल 11 तहसीलें और 8 विधानसभाए आती है।

सागर जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल
सागर जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल निम्न है
- ⚫ राहतगढ़ जलप्रपात
- ⚫ नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण
- ⚫ आब चंद्र की गुफाएं
- ⚫ रहली का सूर्य मंदिर
- ⚫ बलजीत शाह की मजार
- ⚫ एरण अभिलेख
- ⚫ गढ़पहरा
- ⚫ धामोनी
- ⚫ रानगिर
- ⚫ लाखा बंजारा झील सागर झील
- ⚫ आब चंद्र रिजर्व वन
- ⚫ भापेल
- ⚫ बिल्हारा
- ⚫ वरुण स्मृति पार्क
- ⚫ मस्तान शाह बली की मजार
राहतगढ़ जलप्रपात
यह जलप्रपात मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित है। सागर भोपाल मार्ग से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर राहतगढ़ जलप्रपात स्थित है
राहतगढ़ जलप्रपात के कारण राहतगढ़ कस्बा एक बेहद पिकनिक स्पॉट बन गया है । प्राचीन काल में कंगूरे दार दुर्ग प्राचीन द्वारो महलो और मंदिर मस्जिदों के लिए राहतगढ़ जलप्रपात प्रसिद्ध था। कालांतर में सब नष्ट होता चला गया और अब यहां दुर्ग के सिर्फ अवशेष बचे हैं ।

एरण ऐतिहासिक स्थल
एरण में वराह विष्णु और नरसिंह मंदिर स्थित हैं। एरण सागर से करीब 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है एरण पहुंचने के लिए सड़क मार्ग के अलावा आप ट्रेन के द्वारा भी पहुंच सकते हैं। बीना रेलवे स्टेशन से एरण अभिलेख 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । एरण रेवता नदी के संगम पर स्थित एरण का नाम यहां पर उगने वाली एरिका नामक घास के कारण रखा गया है ।
गढ़पहरा
गढ़पहरा को पुराना सागर भी कहते हैं । गड़पहरा डोंगी राजाओं की राजधानी थी । गढ़पहरा झांसी मार्ग पर सागर से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गढ़पहरा के अभी कुछ अवशेष बाकी है । गढ़पहरा में मोती लाल के नाम से जाने जाने वाला एक झील भी स्थित है।
धमोनी ऐतिहासिक मेला
धमोनी सागर की उत्तर में झांसी मार्ग पर करीब 44 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। धमोनी अब उजाड़ हो चुका है। लेकिन इसका ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्व है। मंडला वंश के वंशज सूरज शाह ने यहां पर किले को बनवाया था। पुराने खंडहरों के कारण धमोनी पुरातात्विक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। किले के अलावा यहां रानी महल के नाम से यहां पर एक महल स्थित है । यहां मुस्लिम संतों की दो मजारे भी बनाई हुई बनी हुई है। पहली बलजीत शाह की मजार दूसरी मस्तान शाह वली की मजार। सागर जिले में धामोनी उर्स का आयोजन भी किया जाता है।
नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण
नौरादेही वन्य जीव अभ्यारण यहां जंगली जीवो को संरक्षित करके रखा जाता है । सागर दमोह और नरसिंहपुर जिले में फैला नोरादेही वन्य जीव अभ्यारण की स्थापना सन 1975 में की गई थी। नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण लगभग 12 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है । नोरादेही वन्य जीव अभ्यारण मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा वन्य जीव अभ्यारण है।

रहली का सूर्य मंदिर
रहली का सूर्य मंदिर रहली का सूर्य मंदिर सागर जिले के दक्षिण पूर्व में करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर सुनार और देहार नदियों के संगम पर स्थित है। यहां से 2 किलोमीटर दूर पंडाल में 200 साल पुराना मंदिर है। यहां से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर तीखी में टिकीटोरिया मंदिर स्थित है।
रानगीर
यह सागर रहली मार्ग पर रहली से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर तिहार नदी के किनारे पर स्थित है। रानगीर महाराजा छत्रसाल और धामोनी के मुगल फौजदार खालिक के बीच एक युद्ध हुआ था। मराठा सूबेदार गोविंदराव पंडित ने रानगिर को अपना मुख्यालय बनाया था। इसके समीप की पहाड़ी पर हरि सिद्धदेवी का एक मंदिर भी स्थित है।
लाखा बंजारा झील या सागर झील
लाखा बंजारा झील को बुंदेलखंड और खासतौर से सागर की जनता इस नाम से इसे अच्छे से जानती है। स्थानीय परंपरा में विश्वास रखने वालों ने लाखा बंजारा नाम पर सागर झील का नाम लाखा बंजारा झील रखा है। इस झील को लेकर एक दुखद कहानी है कि इस झील के कारण एक नवविवाहित दंपत्ति को अपने प्राण खोना पड़ा था तब इस झील में पानी आया है।

आब चंद की गुफाएं
आब चंद्र की गुफाएं सागर से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। आब चंद की गुफाएं सागर दमोह मार्ग पर स्थित हैं। इन गुफाओं में पाए गए शैल चित्र में रंगीन चित्रकारी की गई है। यहां सबसे बड़ी गुफा करीब 40 फीट लंबी है। गिरवर रेलवे स्टेशन से आब चंद की गुफाओ की दूरी 3 किलोमीटर है।

वरुण स्मृति पार्क
वरुण स्मृति पार्क सागर से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह पार्क देखने में बहुत ही सुंदर लगता है।
सागर जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल, FAQ’S
⚫डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय किस जिले में स्थित है?
उत्तर सागर।
⚫लाखा बंजारा झील किस जिले में स्थित है ?
उत्तर सागर।
⚫रहली का सूर्य मंदिर किस जिले में स्थित है ?
उत्तर सागर।
⚫धामोनी उर्स का आयोजन किस जिले में होता है?
उत्तर सागर।
⚫एरण अभिलेख किस जिले से प्राप्त हुई है?
उत्तर सागर मध्य प्रदेश।
⚫नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण किस जिले में स्थित है?
उत्तर सागर।
⚫सागर जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल कौन-कौन से हैं?
उत्तर रहली का सूर्य मंदिर, धामोनी, एरण अभिलेख, नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण, डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय , आब चंद की गुफाएं , रानगिर , बलजीत शाह की मजार।
Website Home ( वेबसाइट की सभी पोस्ट ) – | Click Here |
——————————————— | ————- |
Telegram Channel Link – | Click Here |