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छिंदवाड़ा जिले के पर्यटन Chhindwara GK Tourism And History

☛छिंदवाड़ा जिला
मध्य प्रदेश का छिंदवाड़ा जिला दक्षिण दिशा में स्थित है। इसकी जानकारी आज हम आपको देने वाले हैं।आपको इससे संबंधित सभी जानकारी एकत्रित करके एक ही पोस्ट में बताने वाले हैं।ताकि आपको छिंदवाड़ा जिले की संपूर्ण जानकारी एक ही जगह मिल सके।

छिंदवाड़ा जिला
संभागजबलपुर
दिशादक्षिण
क्षेत्रफलसबसे बड़ा
परियोजनासीतारेवा, पेंच परियोजना
खनिजडोलोमाइट, अभ्रक, फेल्सफार
एग्रो कॉम्प्लेक्सऔद्योगिक 
महाविद्यालयशासकीय चिकित्सा महाविद्यालय
मेलागोटमार मेला
भाषागोंडी
पार्ककेंद्रीय खाद पार्क
पर्यटन स्थलदेवगढ़ किला, पातालकोट, तामिया पहाड़ी
संग्रहालयआदिवासी संग्रहालय
जलप्रपातलिली जलप्रपात
प्रसिद्ध गांवअनहोनी गांव

⬇️छिंदवाड़ा जिले के दर्शनीय स्थल

मध्य प्रदेश का एक जिला है, और छिंदवाड़ा जिले में कई सारे पर्यटन स्थल है। छिंदवाड़ा जिले के मुख्य पर्यटन स्थल

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➜देवगढ़ किला

यह प्रसिद्ध ऐतिहासिक किला मोखोदे ब्लॉक में छिंदवाड़ा के दक्षिण में 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक पहाड़ी पर बनाया गया है, जिसकी ऊंचाई 650 मीटर है। जो घने जंगल के साथ गहरी घाटी से घिरी हुई है। देवगढ़ किला गोंड के राजा द्वारा बनाया गया था। यह 18 वीं शताब्दी तक गोडवाना राजवंशों की राजधानी थी। वास्तुकला कुछ हद तक मुगल के समान है। यहां मोतीलाका नामक टैंक है इस टैंक में पानी कभी खत्म नहीं होता।

देवगढ़ किला Chhindwara

➜ पातालकोट

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के तामिया तहसील में स्थित एक घाटी है। छिंदवाड़ा शहर से लगभग 75 किलोमीटर दूरी पर स्थित विशालकाय घाटी है। इस घाटी में गोड और भारिया जनजाति के आदिवासी रहते हैं। इन आदिवासियों के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं है। किंतु यह आदिवासी आम लोगों से अधिक स्वस्थ हैं। यहां पर किसी भी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं है। मगर फिर भी यहां के लोगों के लिए किसी भी तरह की दिक्कत नहीं है।

➜ तामियां पहाड़ी

छिंदवाड़ा से तामिया पहाड़ी लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर है।खड़ी पहाड़ियां घने जंगल और बड़े घुमावदार घाटों ने तमिया पहाड़ी को एक सुंदर स्थान बना दिया है। यह एक पर्यटक स्थान है। यहां के दृश्य बहुत शानदार होते हैं। यहां पर एक सरकारी डाक बंगला है। जो 3765 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य पर्यटकों के लिए बहुत रोमांचक होता है।

➜ पांडुरंग का गोटमार मेला

गोटमार मेले का आयोजन मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के पांडुरंग कस्बे में हर वर्ष भादो मास के कृष्ण पक्ष में अमावस्या के दूसरे दिन किया जाता है। मराठी भाषा में गोटमर का अर्थ पत्थर मारना होता है। शब्द के अनुरूप मेले के दौरान पांडुरंग और सवारगांव के बीच बहने वाली नदी के दोनों और बड़ी संख्या में लोग एकत्र होते हैं।और सूर्योदय से सूर्यास्त तक पत्थर मारकर एक दूसरे का लहू बहाते हैं।इस घटना में कई लोग घायल हो जाते हैं। इस पथराव में कुछ लोगों की मृत्यु हो जाती है।

➜आदिवासी संग्रहालय

आदिवासी संग्रहालय मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के पातालकोट में स्थित है। यह संग्रहालय 20 अप्रैल 1954 को खोला गया था।और 1975 में इसे राज्य संग्रहालय का दर्जा मिला। 8 सितंबर 1997 को आदिवासी संग्रहालय का नाम बदलकर श्री बादल भोई शासकीय आदिवासी संग्रहालय कर दिया गया। यह मध्य प्रदेश में सबसे पुराना और सबसे बड़ा जनजातीय संग्रहालय हैं। इसमें 14 कक्ष 3 गलियारे और 2 खुले गलियारे हैं।यह पर्यटकों को आकर्षित करता है।और इस संग्रहालय में जनजातीय जीवन से संबंधित वस्तुओं को संग्रहित कर के रखा गया है।

➜ षष्टी माता मंदिर

छिंदवाड़ा से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर कपुरदा गांव में षष्टी माता का मंदिर स्थित है। यह दुर्गा जी का मंदिर है।यहां पर प्रतिदिन भक्तों की भीड़ लगी रहती है। नवरात्रि के समय मेले का आयोजन किया जाता है। इस मंदिर की स्थापना सन् 1940 में श्रीवास्तव परिवार द्वारा की गई थी। वर्तमान में मंदिर में एलएल श्रीवास्तव और एमएस श्रीवास्तव के मंदिर का प्रबंधन किया जाता है। स्थानीय बस स्टैंड से इस मंदिर में बस या टैक्सी से पहुंचा जा सकता है।

➜कुकड़ी खापा

यह जलप्रपात छिंदवाड़ा में स्थित है। जयपुर जाने वाली छोटी रेलगाड़ी में यात्रा करते समय आप देख सकते हैं। यह अमर नाला और रामकोना स्टेशन के बीच सिलवानी पहाड़ी में स्थित है। इसकी ऊंचाई 60फीट हैं। आप यहां बरसात के समय आते हैं,तो नजारा और अधिक शानदार होता है।

➜लिलीही जलप्रपात

नवाड़ा में धनोरा गांव में नारायण घाट के पास स्थित है। यह कान्हा नदी पर बना हुआ है। यह मप्र की दूसरी बड़ी नदी परियोजना है। जुलाई से जनवरी तक का नजारा बहुत ही सुंदर होता है।

लिलीही जलप्रपात Chhindwara

➜ अनहोनी गांव

छिंदवाड़ा जिले के तामिया तहसील में स्थित है। गांव में प्राकृतिक कारणों से वर्ष भर खोलता हुआ गरम पानी मिलता है।स्थानीय लोग इसे देवीय कारण बताते हैं। लेकिन वैज्ञानिकों ने कहा है, कि मंदिर के नीचे प्रचुर मात्रा में गंधक है जिससे यह पानी उबलता है। इस पानी से चर्म रोग ठीक हो जाता है।

➜नीलकंठ मंदिर

यह छिंदवाड़ा शहर से दक्षिण पूर्व में स्थित है। यहां का मुख्य प्रवेश द्वार सातवीं और 10 वीं शताब्दी के बीच बना है।

➜ हिंगलाज माता मंदिर

मंदिर छिंदवाड़ा के दक्षिण में लगभग 10 किलोमीटर की दूरी अवादा में हिंगलाज माता का मंदिर स्थित है। हर दिन यहां पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है।

➜ राम मंदिर

यह मंदिर छिंदवाड़ा शहर के बीचो बीच स्थित है।यह सबसे पुराना मंदिरों में से एक है।

➜ जामा मस्जिद

यह मस्जिद छिंदवाड़ा शहर के गोलगंज क्षेत्र में स्थित है। यह मस्जिद स्वतंत्र सेनानी शौकत अली के द्वारा बनाई गई थी। इसका ऐतिहासिक महत्व है।

➜ हनुमान मंदिर

छिंदवाड़ा में स्थित सबसे बड़े हनुमान प्रतिमा है। यह हनुमान जी 101 फीट के हैं।

➜ छोटे महादेव

छिंदवाड़ा से 50 किलोमीटर की दूरी पर तामिया पहाड़ी पर छोटे महादेव की गुफाएं स्थित है।यहां महाशिवरात्रि के समय काफी भीड़ होती है। यहा की विशेषता यह है कि प्राकृतिक झरनों से पानी शिवलिंग पर चढ़ता है।

➜ पेंच राष्ट्रीय उद्यान

यह राष्ट्रीय उद्यान छिंदवाड़ा में स्थित है। इसकी स्थापना 1975 हुई थी। यहां पर आप जंगली जानवर देख सकते हैं यहां पर पेंच नदी भी बहती है।

पेंच राष्ट्रीय उद्यान Chhindwara

➜ डोगरगढ़

छिंदवाड़ा क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर के समीप पेंच नदी निकलती है। यह एक अच्छा पिकनिक स्पॉट भी है। पर यह नदी काफी गहरी है। यहां कई हादसे हो चुके हैं ।

➜ खेड़ापति माता मंदिर

यह छिंदवाड़ा से 30किलो मीटर की दूरी पर स्थित है।दुर्गा माता जी का मंदिर है।

➜जुनारदेव

छिंदवाड़ा से 48 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जुनारदेव पहली पायरी से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां जल की धारा सुंदर पहाड़ों से होते हुए साल के 365 दिन और 24 घंटे बहती है।जोकि अमृतधारा के नाम से जानी जाती है।इस जल से स्नान करने से शरीर रोग मुक्त हो जाता है।

➜ अर्धनारीश्वर ज्योतिर्लिंग

मोह गांव हवेली छिंदवाड़ा के सांसर तहसील में सांसर नगर से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।नागपुर से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह भगवान शिव जी का मंदिर है। यहां का शिवलिंग दो रंगो से बना हुआ है। इसलिए इसको आधा रंग काला और आधा रंग गेहुआ होता है।इसलिए इसे अर्धनारीश्वर कहा जाता है।

➜ भरतदेव पार्क

यह छिंदवाड़ा मेंस्थित हैं यहां पर बड़ी-बड़ी चट्टानों में बने पेंटिंग बहुत सुंदर है इनका आनंद ले सकते हैं।यहां पर छिंदवाड़ा शहर में पानी का सप्लाई भी किया जाता है।

▶️मध्य प्रदेश का छिंदवाड़ा जिला क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला माना जाता है यहां का क्षेत्रफल सबसे ज्यादा है।

▶️ यहां पर जाने के लिए आपको ट्रेन सुविधा बस सुविधा मिल सकती है।

▶️ पातालकोट का दृश्य बहुत ही लुभावना नजर आता है, वहां पर सूर्य की किरण भी नहीं पहुंच पाती है।

▶️ छिंदवाड़ा जिले में कई प्रकार के खनिज उत्पादन होते हैं।

▶️ छिंदवाड़ा शहर में तामिया तहसील तामिया पहाड़ी पर स्थित है जहां से छिंदवाड़ा का नजारा देखने योग्य बनता है।

छिंदवाड़ा जिले के पर्यटन महत्पूर्ण तथ्य

⚫️ वानकी अनुसंधान एवं मानव संसाधन विकास संस्थान छिंदवाड़ा हैं।

⚫️ भिलावा का कारखाना मप्र के छिंदवाड़ा में स्थित हैं।

⚫️ सिवनी और छिंदवाड़ा की सीमा पर पेंच राष्ट्रीय उद्यान स्थित है।

⚫️ अरहर/तुवर का सर्वाधिक उत्पादन मप्र के छिंदवाड़ा जिले में है।

⚫️ मानव विकास संस्थान और जैन शोध दर्शन संस्थान छिंदवाड़ा जिले में स्थित है।

⚫️ गोटमार मेला में 2 गांव के लोग एक दूसरे पर पत्थर बरसाते हैं।

⚫️ छिंदवाड़ा जिले से पेंच नदी निकलती है।

छिंदवाड़ा जिले के पर्यटन FQA,S

  1. छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश के किस दिशा में स्थित है।
    दक्षिण
  2. छिंदवाड़ा जिले का प्रसिद्ध मेला कौन सा है।
    गोटमार मेला
  3. छिंदवाड़ा जिले में सर्वाधिक जनसंख्या में कौन सी जनजाति पाई जाती।
    गोड
  4. छिंदवाड़ा का सबसे प्रसिद्ध स्थल कौन सा है।
    पातालकोट
  5. छिंदवाड़ा उत्पादन के लिए जाना जाता है।
    अरहर
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