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बालाघाट जिले के पर्यटन स्थल Balaghar History GK Tourism

🔲बालाघाट जिला

मध्य प्रदेश का बहुत ही खूबसूरत जिला है। बालाघाट जिसके बारे में आज हम संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने वाले हैं। लाल मिट्टी यहां पर मुख्य रूप से पाई जाती है। वर्षा की सर्वाधिक मात्रा मध्यप्रदेश में बालाघाट जिले में ही होती है। चावल की खेती के लिए यह जिला बेहद खास है। इसकी संपूर्ण जानकारी इसी पोस्ट में आपको मिलने वाली हैं। तो आप इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें। और अपने अनुभव कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। ताकि हम अगली पोस्ट में इससे अच्छी जानकारी जुटा पाएं।

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☛ मैं आपको बालाघाट जिले के बारे में जानकारी दूंगा। बालाघाट मध्य प्रदेश राज्य का एक जिला है,बालाघाट की प्रमुख नदी वैनगंगा है। बालाघाट जिले में जंगल अधिक पाए जाते हैं। बालाघाट जिले में घूमने के प्रमुख स्थान

बालाघाट जिला
उपनाममेगनीज नगरी, तांबा नगरी
नदीवैनगंगा नदी
लॉजकान्हा जंगल
वाटरफॉलगंगुलपारा
डेमधुटी डेम
स्थलनरसिंह मंदिर, पुराना राम मंदिर, ज्वाला देवी मंदिर,
प्रमुख फसलधान
बांधसंजय सरोवर बांध
खदानमलाजखंड, भरवेली
संभागजबलपुर

▶️ कान्हा राष्ट्रीय उद्यान

यह भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है, यह उद्यान मध्य प्रदेश के 2 जिले मंडला और बालाघाट में फैला हुआ है। यह उद्यान अलग-अलग प्रजातियों के पशुओं का घर है। यह पार्क 940 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र मे फैला हुआ है। कान्हा किसली को 1933 में अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था। 1955 में इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया। यहां पर अनेक पशुओं को संरक्षित किया गया है। यहां पर आप जीप सवारी का मजा ले सकते हैं।

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान

▶️ हट्टा की बावड़ी

हट्टा एक कस्बा है, जो मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हट्टा ग्राम के प्राचीन किले पर एक बावड़ी स्थित है। जो पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।इस बावड़ी का निर्माण 17 से 18 वीं शताब्दी के बीच में हुआ था। इस बावड़ी का निर्माण चट्टानों को काटकर हुआ है।यह दो मंजिल है।

✔️ बावड़ी के प्रवेश द्वार पर दो शिव चतुर्भुजी और अंबिका की प्रतिमाओं की नक्काशी की गई है ।

▶️ लांजी का किला

  • यह बालाघाट में स्थित एक पुराना किला है।
  • जिसे लांजी किले के नाम से जाना जाता है।
  • यह लांजी तहसील में स्थित है।
  • यह किला गोंड राजाओ द्वारा बनाया गया था।
  • यह किला करीब साढे 7 एकड़ में फैला हुआ है।
  • इसकिले के परिसर में बड़े बड़े पीपल एवम बरगद के वृक्ष तैयार हो गए हैं।
  • जानकारों के मुताबिक लांजी स्थित यह किला 10वी शताब्दी में अस्तित्व में आया था।
  • यह अब खंडहर हो चुके इसका कुछ भाग अभी भी देखने लायक है।
  • किला चारों तरफ से बाउंड्री वाल से घिरा हुआ है।
  • और किले में एक जलाशय भी आप देख सकते हैं।
  • इस किले में आप एक प्राचीन मंदिर भी देख सकते हैं। यहां पत्थरों पर स्तंभों पर बनी हुई नक्काशी काबिले तारीफ है।

▶️कोटेश्वर महादेव मंदिर

बालाघाट के लांजी तहसील में बना कोटेश्वर महादेव धाम लोगों की अटूट आस्था का प्रतीक है। यह एक शिव मंदिर है। यह एक प्राचीन मंदिर है यहां पर रात्रि में बहुत भीड़ होती है। दिन के समय यहां पर कम ही लोग आप आते हैं। रात्रि में यहां का नजारा भी बहुत शानदार नजर आता है।

▶️ धनसुआ गोसाईं मंदिर

साईं मंदिर बालाघाट मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह नहर के सामने एक प्राचीन मंदिर है। जिसे गोसाई मंदिर के नाम से जाना जाता है। शिव आराधना के कारण इसे शिव मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर का प्रवेश द्वार पश्चिम की ओर है।

गार्डनबोटनिकल गार्डन
स्पर्श करता हैछत्तीसगढ़ राज्य
परियोजनापेंच, वामनथडी
महाविद्यालयवन राजिक महाविद्यालय

▶️ धूटी बांध

यह बालाघाट के ग्राम धूटी में स्थित है। यह बांध वैनगंगा नदी पर बना हुआ है। यह 100 से अधिक वर्ष पुराना है। यह एक अच्छा पिकनिक स्पॉट भी है। यहां का नजारा बहुत ही अच्छा लगता है। यहां पर आप पिकनिक मनाने के उद्देश्य जा सकते हैं।

धूटी बांध Balaghat

▶️ गांगुलपारा बांध जलप्रपात

बालाघाट भरवेली बंजारी की पहाड़ियों का एकमात्र पर्यटक स्थल है। जहां पर लोग सैर सपाटे के लिए जाते हैं। बालाघाट में यहां पर वोटिंग की व्यवस्था है। गांगुलपरा समुद्र से लगा हुआ, अपनी सुंदरता के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यहां पर भी आप पिकनिक मनाने के लिए आ सकते हैं। यहां पर हमेशा ही लोगों की भीड़ लगी रहती हैं।सेल्फी खींचने के लिए यह बेहद खास जगह हैं।

▶️ पुराना राम मंदिर

यह बालाघाट शहर के मध्य में स्थित है,यह मंदिर श्री राम को समर्पित है। यह बहुत ही प्राचीन मंदिर है। कहा जाता है, कि श्री राम जी के चरण यहां पड़े थे।

▶️ ज्वाला देवी मंदिर

यह बालाघाट की भरवेली नगर से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर सुरमई पहाड़ियों में विराजित ज्वाला देवी की प्रतिमा काफी प्राचीन है। मंदिर के अस्तित्व में आते ही यह धाम समूचे क्षेत्र में मुख्य आकर्षण का केंद्र बन गया। पहाड़ी में धार्मिक स्थल पुरातात्विक महत्व का है।

▶️ किरनाई मंदिर

बालाघाट जिले के किरनपुर तहसील में यह प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। लोग अपनी इच्छा को पूरा करने के लिए दूर-दूर से आते हैं। यह बालाघाट जिले का काफी प्रसिद्ध मंदिर है। यहां पर सभी की मनोकामना पूर्ण होती है।

▶️ नहेलेश्वर बांध

यह बालाघाट तहसील से 48 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।यह एक पुराना बांध है, इसे 1960 से 1965 के दौरान बनाया गया था। यह बांध चंदन नदी पर बना हुआ है।
और यह 2 किलोमीटर लंबा है। और यहां पर अंबा माई का मंदिर स्थित है। जो पिकनिक के लिए एक अच्छा स्थल है।

▶️ नरसिंह मंदिर

जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर यह मंदिर स्थित है। नरसिंगा की पहाड़ी पर यह मंदिर स्थित है। यही मंदिर लगभग 150 मीटर ऊंचाई में दुर्गम पहाड़ी पर नरसिंह मंदिर मौजूद है। जो समूचे क्षेत्र में अटूट आस्था का केंद्र है, क्षेत्र में काफी प्राचीन प्रतिमा है।

▶️ राजीव सागर बांध

राजीव सागर बांध बालाघाट में घूमने की सबसे बढ़िया जगह है। यह कुछ किलोमीटर दूर है। और महाराष्ट्र की सीमा में स्थित है। राजीव सागर परियोजना मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की अंतर्राजीय परियोजना है। इस बांध का निर्माण बालाघाट जिला की तहसील कटंगी के ग्राम पुरवा के पास किया गया है। इस बांध को अन्य कई नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि यह बावड़ी नदी पर बना हुआ है। राजीव सागर बांध यहां एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। आप यहां पर अपने दोस्तों और परिवार के साथ पिकनिक के लिए भी आ सकते हैं।

राजीव सागर बांध Balaghat

▶️ आवागमन

बालाघाट जिला जाने के लिए आपको ट्रेन से जाने में आसानी होगी । क्योंकि बालाघाट जिले में हवाई जहाज सुविधा उपलब्ध नहीं है। मध्यप्रदेश में केवल कुछ ही जगह हवाई अड्डे की व्यवस्था है। यहां का वातावरण बहुत सुंदर नजर आता है। आप यहां पर अपने निजी वाहन और बस सुविधा से जा सकते हैं।

✔️बॉटनिकल गार्डन वनस्पति उद्यान वनस्पति उद्यान बालाघाट जिले में स्थापित है।

✔️मध्य प्रदेश का बालाघाट जिला देश का ऐसा पहला जिला है, जहां सिर्फ बेटियों वाले माता पिता को घरेलू कामकाज से संबंधित सरकारी कार्यालयों में लाइन में लगने की आवश्यकता नहीं है। यहां पर बेटियों को बहुत अधिक सम्मान के साथ रखा जाता है।

बालाघाट जिले के पर्यटन स्थल – महत्पूर्ण तथ्य

🌗बालाघाट जिले की सीमा छत्तीसगढ़ राज्य को स्पर्श करती है।

🌗बालाघाट जिला जबलपुर संभाग के अंतर्गत आता है।

🌗 बालाघाट शहर वैनगंगा नदी के तट पर बसा हुआ है।

🌗 पेंच परियोजना और वामनथड़ी परियोजना बालाघाट में प्रमुख सिंचाई की परियोजना है।

🌗 वन राजिक महाविद्यालय बालाघाट जिले में स्थित है।

🌗 चावल का सर्वाधिक उत्पादन बालाघाट जिले में होता है।

🌗 मध्यप्रदेश में मैग्नीज का सबसे ज्यादा उत्पादन बालाघाट जिले में होता है।

🌗 तांबा उत्पादन में बालाघाट मध्यप्रदेश में प्रथम स्थान रखता है।

🌗 हिंदुस्तान कॉपर प्रोजेक्ट मलाजखंड बालाघाट में स्थित है।

🌗 मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा लिंगानुपात वाला जिला बालाघाट है।

🌗 कृषि महाविद्यालय बालाघाट जिले में स्थित है।

🌗 जनसंपर्क कार्यालय मध्य प्रदेश का प्रथम पेपर लैस कार्यालय जो बालाघाट जिले में स्थित है।

बालाघाट जिले के पर्यटन स्थल FAQ,S

  1. बालाघाट जिले में कौन सी फसल सबसे अधिक उगाई जाती है।
    चावल
  2. बालाघाट जिले में सिंचाई का प्रमुख साधन क्या है।
    तालाब
  3. बालाघाट जिले में कौन सी एक प्रमुख परियोजना हैं।
    संजय सरोवर
  4. बालाघाट जिले में कौन सा वृक्ष सर्वाधिक पाया जाता है।
    बांस
  5. बालाघाट में मैग्नीज की खदान कौन सी है।
    भरवेली खदान
  6. बालाघाट में तांबे की खदान को किस नाम से जाना जाता है।
    मलाजखंड
  7. बालाघाट जिले में मुख्य रूप से कौन सी जनजाति पाई जाती है।
    हल्वा जनजाति
  8. बालाघाट जिले के प्रमुख अखबार कौन सा है।
    विश्व सूर्य, बालाघाट टाइम्स
  9. बालाघाट जिले में सर्वाधिक कौन सी मिट्टी पाई जाती है।
    लाल मिट्टी
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