विदिशा जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल
हेलो दोस्तों आज हम आपको विदिशा जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। विदिशा जिला भोपाल संभाग के अंतर्गत आता है। बेतवा नदी के किनारे स्थित एक ऐसा जिला विदिशा जिसे पुराणों में इसे भद्रावती कहा गया है। विदिशा में मुगल बादशाह औरंगजेब ने विदिशा को आलमगीर कह कर संबोधित किया है । विदिशा का प्राचीन नाम भेलसा या भिलसा या वेशनगर था।
विदिशा प्रदेश में प्रथम
वेशनगर से विदिशा जिला नामकरण परिवर्तन करने वाले भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 1952 में किया था। विदिशा मध्यप्रदेश में चना के उत्पादन में अपना प्रथम स्थान रखता है । हलाली नहर का संबंध बेतवा नदी से है। जो मध्य प्रदेश के विदिशा में स्थित है। राजस्थान से प्राप्त सिरोंज तहसील को विदिशा में शामिल किया गया है । उदयगिरि की गुफाएं विदिशा में स्थित है और यहीं पर हेलिओडोरस का गरुड़ स्तंभ स्थापित किया गया है। सम्राट अशोक और पुष्य मित्र शुंग का संबंध विदिशा जिले से है। विदिशा में ही जैन विद्वान शीतल नाथ का जन्म हुआ था।

विदिशा जिले की प्रमुख पर्यटक स्थल | Major tourist places of Vidisha district |
देश | भारत |
राज्य | मध्य प्रदेश |
जिला | विदिशा |
विदिशा जिले का प्राचीन नाम | बेसनगर या भेलसा |
उदयगिरि की गुफाएं | विदिशा |
सबसे गर्म स्थान | गंज बासौदा विदिशा |
जी आई तार बनाने का कारखाना | गंज बासौदा विदिशा |
शीतल नाथ का मंदिर | विदिशा |
माला देवी का मंदिर | विदिशा |
सीता माता का मंदिर | विदिशा |
चरण तीर्थ स्थल | विदिशा |
खंबा बाबा | विदिशा |
विधानसभा | 5 |
तहसील | 11 |
ऐतिहासिक रूप में विदिशा
विदिशा में सम्राट अशोक जलाशय से स्थापित किया गया है। 2 जुलाई 2015 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा श्रमिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए 2016 को गरीब किसान कल्याण वर्ष के रूप में मनाई जाने की घोषणा की गई है। मध्य प्रदेश का केंद्र विदिशा को कहते है। और विदिशा में ही मध्य प्रदेश का सबसे गर्म स्थान गंजबासौदा स्थित है। मध्यप्रदेश में उज्जैन और महेश्वर के बाद विदिशा सबसे प्राचीन नगर है। जैन ग्रंथों में विदिशा को भडडपुर कहा गया है। बौद्ध ग्रंथों में इसे वेश्यनगर कहा गया है तथा अन्य ग्रंथों में इसे भेलसा और वेशनगर भी बोला गया है।
विदिशा – शिलालेख, विदिशा नामकरण, मुगलकालीन इतिहास
यह नगर सम्राट अशोक की ससुराल के रूप में भी प्रचलित है। सम्राट अशोक ने विदिशा के ही नगर सेठ की पुत्री श्री देवी या महादेवी से विवाह किया था। बाद में अशोक ने यहीं पर वैश्य टेकरी का निर्माण करवाया। अंतिम मौर्य राजा बृहद्रथ की हत्या करने वाले पुष्यमित्र शुंग ने शुंग वंश की स्थापना की और विदिशा को अपनी राजधानी बनाया। ये मूलतः उज्जैन के थे । शुंग वंश के अन्य राजा भागभद्र के दरबार में यूनानी राजदूत हेलिओडोरस आया और उसने उस दरबार में भागवत धर्म अपनाया।

इस घटना की स्मृति में विदिशा के निकट वेशनगर नामक स्थान पर गरुड़ स्तंभ की स्थापना की गई। विदिशा एक छोटी नदी वेश नदी के किनारे बसा हुआ है। मुगल शासक औरंगजेब ने इस नगर का नाम बदलकर आलमगीरपुर रखा । मध्य प्रदेश की सिंध नदी का उद्गम सिरोंज तहसील से होता है। मध्यप्रदेश की उदयगिरि की गुफाएं इसी जिले की सीमाओं में आती हैं। उदयगिरि की गुफाएं गुप्तकालीन गुफाएं हैं। गुफा नंबर 1 और 20 का संबंध जैन धर्म से है वही गुफा नंबर 5 में विष्णु के वराह अवतार की विशाल मूर्ति बनी हुई है। नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी का जन्म विदिशा में हुआ था ।
क्षेत्रीय रूप में विदिशा
विदिशा मध्य प्रदेश में वनस्पति घी बनाने का सबसे बड़ा केंद्र है । मध्य प्रदेश में आज तक का सर्वाधिक तापमान गंजबासौदा में रिकॉर्ड किया गया। गंजबासौदा में लगभग 49 पॉइंट 9 तापमान रिकॉर्ड किया गया था । मध्य प्रदेश का पहला कृषि महाविद्यालय भी गंजबासौदा में ही खोला गया । मध्यप्रदेश में GI तार बनाने के सर्वाधिक कारखाने गंजबासौदा में है। मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध शीतल नाथ मंदिर, माला देवी मंदिर, सीता माता का मंदिर विदिशा जिले में ही स्थित हैं। विदिशा जिले के अंतर्गत 11 तहसीलें और 5 विधानसभा आती हैं।

विदिशा जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल
विदिशा जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल निम्न है
- 🔵 बाजर माट का मंदिर
- 🔵 हिंडोला तोरण
- 🔵 खंबा बाबा
- 🔵 माला देवी का मंदिर
- 🔵 बीजा मंडल
- 🔵 सोला खंबा मंदिर
- 🔵 सालभंजिका
- 🔵 चरण तीर्थ स्थल
- 🔵 विजय मंदिर
- 🔵 विदिशा का किला
- 🔵 बरखेड़ा
- 🔵 उदयगिरि की गुफा –
बाजर माट मंदिर
बाजार मार्ट मंदिर विदिशा जिले की ग्यारसपुर तहसील में स्थित है। यह मंदिर दुर्लभ प्रकार का है। इस मंदिर के द्वार की नक्काशी बहुत ही अद्भुत है। यहां पर 3 मंदिर है। केंद्रीय मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है। दक्षिणी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। और उत्तरी मंदिर भगवान शिव को समर्पित है । यह विदिशा जिले से 37 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

हिंडोला तोरणा
हिंडोला तोरणा विदिशा जिले से 35 किलोमीटर दूर ग्यारसपुर तहसील में स्थित है । हिंडोला तोरणा माला देवी मंदिर के रास्ते पर स्थित है । हिंडोला तोरणा पर आप 4 खंबे देख सकते हैं। जो एक प्राचीन मंदिर के प्रवेश द्वार को चिन्हित करते हैं। इसका अब कोई भी अवशेष नहीं है। हिंडोला तोरणा के चारों खंभों पर भगवान विष्णु के 10 अवतारों को दर्शाया गया है। इन खंभों पर सुंदर नक्काशी की गई है।

खंबा बाबा
खंबा बाबा विदिशा से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। खंबा बाबा को हेलिओडोरस पिलर भी कहा जाता है। यह एक पत्थर का स्तंभ है। यह 110 ईसा पूर्व में बनाया गया था। यह स्तंभ यूनानी राजदूत द्वारा बनाया गया था। यह मंदिर भगवान वासुदेव को समर्पित है।
माला देवी का मंदिर
माला देवी मंदिर विदिशा जिले के ग्यारसपुर तहसील में स्थित हैं। यह एक हिंदू तीर्थ पवित्र स्थल है। यह मंदिर एक पहाड़ी की ढलान पर स्थित है । मंदिर की दीवारों पर खूबसूरत नक्काशी देख सकते हैं यह मंदिर विदिशा से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

बीजा मंडल
बीज मंडल को विजय मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। बीज मंडल विदिशा जिले के मुख्यालय विदिशा में स्थित है। विदिशा जिले में यह मंदिर 1682 में नष्ट हो गया था । इसके नष्ट होने के बाद मुगल सम्राट औरंगजेब ने एक मस्जिद का निर्माण कराया था । मंदिर के एक स्तंभ में राजा नर वर्मन का भक्ति शिलालेख है । जो बताता है कि मूल मंदिर देवी चर्चिका को समर्पित था।

16 खंबा मंदिर
16 खंबा मंदिर विदिशा जिले की कुरवाई तहसील के बड़ोद शहर में स्थित है । 16 खंबे मंदिर एक हिंदू मंदिर है । जो गुप्त काल से संबंधित है । इस मंदिर के छत का पार्ट खुला हुआ है। इस मंदिर में 16 खंभे हैं । इसलिए इस मंदिर को 16 खंबा मंदिर कहा जाता है । यह मंदिर 7 दशमलव 62 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह मंदिर 1.524 मीटर ऊंचा है।

सालभंजिका
सालभंजिका विदिशा जिले के ग्यारसपुर तहसील में पाया गया है। यह पत्थर की बनी एक दुर्लभ आकृति का है । जो एक औरत की है । अब इस पत्थर की आकृति को ग्वालियर के संग्रहालय में संगृहित करके रखा गया है। यह मूर्ति आठवीं और नौवीं शताब्दी के बीच की है।
लोहंगी पीर
यह विदिशा जिले की रेलवे स्टेशन के पास स्थित है। इसका निर्माण चट्टानों से हुआ है । यहां पर चट्टान 7 मीटर ऊंची है। यहां घने वृक्ष लगे हुए हैं । यहां पर देखने में बहुत सुंदर लगता है । इसकी चोटी चपटी है जिसका व्यास करीब 10 मीटर है । यहां लोहंगी पीर के नाम पर एक कब्र भी है। यह छोटा गुम्ब्दनुमा मकबरा है। जिसमें दो फारसी शिलालेख पाए गए थे । एक शिलालेख 1460 ईसा पूर्व में पाया गया था तथा दूसरा शिलालेख 1583 ईसापूर्व में पाया गया था।
चरण तीर्थ स्थल
यह विदिशा में सिद्ध महात्माओं की तपोस्थली है। यह स्थल पर्यटन की दृष्टि से बहुत सुंदर स्थान है। यहा ऐसी मान्यता है कि भगवान राम के चरण पड़ने के कारण इस तीर्थ का नाम चरण तीर्थ पड़ा। कुछ विद्वानों के अनुसार यह योग केंद्र स्थल था । इस स्थान में चमन ऋषि ने तपस्या की थी पहले इसका नाम चमन तीर्थ था जो वर्तमान में चरण तीर्थ के नाम से जाना जाने लगा है।
विदिशा का किला
विदिशा का किला पत्थरों के बड़े-बड़े खंडो से बना हुआ है । इसके चारों तरफ बड़े बड़े दरवाजे बने हुए हैं । इस क़िले का निर्माण काल निश्चित नहीं है । इसे औरंगजेब द्वारा बनाया गया था। लेकिन कुछ विद्वानों का यह मानना है कि यह किला ही बहुत प्राचीन है।
विजय मंदिर
इस मंदिर के नाम पर विदिशा का नाम भेलसा पड़ा। लटेरी, विदिशा जिला संग्रहालय , गाडरमल मंदिर, उदयपुर मंदिर, दशावतार मंदिर , सिरोंज नगर ,जैन मंदिर , उदयगिरि की गुफा , बासौद नगर ,बरखेड़ा आदि पर्यटक स्थल विदिशा जिले में स्थित है।
विदिशा जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल History And Competitive GK FAQ’S
⚫ लोहंगी पीर किस जिले में स्थित है?
उत्तर – विदिशा।
⚫ दशावतार मंदिर मध्य प्रदेश के किस जिले में स्थित है?
उत्तर – विदिशा।
⚫ विदिशा का पुराना नाम क्या था?
उत्तर – वेसनगर या भेलसा।
⚫ प्रसिद्ध चरण तीर्थ स्थल किस जिले में स्थित है?
उत्तर – विदिशा।
⚫ माला देवी का मंदिर किस जिले में स्थित है?
उत्तर- विदिशा ।
⚫ सर्वाधिक तापमान मध्य प्रदेश की किस जिले में रिकॉर्ड किया गया था?
उत्तर- विदिशा के गंजबासौदा मे
⚫ विदिशा जिले में कितनी तहसील है?
उत्तर – 11 तहसीलें
⚫ विदिशा जिले में कितनी विधानसभा है?
उत्तर – 5 विधानसभा।
⚫ उदयगिरी की गुफा किस जिले में स्थित है?
उत्तर – विदिशा।

⚫ गाडरमल मंदिर किस जिले में स्थित है?
उत्तर – विदिशा।
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