▶️नरसिंहपुर जिला
मध्य प्रदेश के दक्षिण पूर्व में स्थित नरसिंहपुर जिला बेहद ही खास है। नरसिंहपुर जिले की संपूर्ण जानकारी इस पोस्ट के माध्यम से आप तक पहुंचाने वाले हैं।
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नरसिंहपुर जिला | |
संभाग | जबलपुर |
नाम पड़ा | नरसिंह मंदिर के कारण |
पर्यटन स्थल | सतपुड़ा टाइगर ,बरमान घाट, डमरू घाटी,चौरागढ़ फोर्ट |
किनारे बसा शहर | नर्मदा नदी |
उद्गम | शक्कर नदी |
घाट | बरमान घाट |
स्थल | बचई, बिलथरी |
दरगाह | चिचली |
स्थापना | 1956 |
उत्पादन | सर्वाधिक गन्ना |
छात्रावास | हॉकी छात्रावास |
संस्कृत भाषा | मोहद गांव |
भाषा | बुंदेलखंडी |
Table of Contents
⬇️ नरसिंहपुर जिले के दर्शनीय स्थल
➤सतपुड़ा टाइगर
➤बरमान घाट
➤डमरू घाटी
➤चौरागढ़ फोर्ट
➤झोटेश्वर मंदिर
➤शक्कर नदी
➤हाथीनाला जलप्रपात
➤नरसिंह मंदिर
✔️नरसिंहपुर मध्य प्रदेश के मध्य भाग में स्थित है।नरसिंहपुर सतपुड़ा एवं विध्यांचल पहाड़ियों से घिरा हुआ है। एवं यहां पर नर्मदा नदी बहती है। यहां का प्राकृतिक वातावरण लोगों के आकर्षण का केंद्र है। इसके अलावा और भी आकर्षण यहां मौजूद है, आज हम नरसिंहपुर के मुख्य पर्यटन स्थल के बारे में बात करेंगे ।
नरसिंहपुर के प्रमुख पर्यटन स्थल
↪️ गाडरवारा
गाडरवारा नरसिंहपुर में स्थित एक नगर है।गाडरवारा से 15 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम मोहपानी स्थित है। इसके पास एक खूबसूरत जगह है, जिसे छोटे जबलपुर के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजों के समय बनाया और गुफा देखी जा सकती है। यहां एक नदी भी है यहां पर आप जंगल का नजारा देख सकते हैं। यहां पर मंदिर भी है यहां पर रानी दाहार नाम की एक जगह है।जहां पर राजा जानी निवास करते थे।
↪️चौरागढ़ का किला
यह किला नरसिंहपुर में गाडरवारा से 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक प्राचीन किला है।अब यह खंडहर बन चुका है। गोड शासक संग्राम शाह ने इसे बनवाया था।
↪️नरसिंह मंदिर
जबलपुर से लगभग 84 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर एक जाट सरदार ने बनवाया था। मंदिर में विष्णु के अवतार भगवान नरसिंह की सपाट प्रतिमा स्थापित है। इस जिले का नाम भगवान के मंदिर के नाम पर रखा गया है। यहां विष्णु भगवान की मूर्ति चतुष्कोण में स्थापित है। इस मंदिर के तलघर में एक प्राचीन स्तंभ है,और मंदिर के पीछे एक तालाब है।

↪️ब्राह्मण घाट या बरमान घाट
नर्मदा नदी के मणि सागर पर बना है यह घाट नरसिंहपुर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।यह नरसिंहपुर सागर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 26 पर स्थित है।यह नरसिंहपुर से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर एवं करेली रेलवे स्टेशन से 12 किलोमीटर की दूरी पर नर्मदा नदी के तट पर स्थित है। यहां पर आपको परम पिता ब्रह्मा जी की यज्ञ स्थल रानी दुर्गावती का मंदिर,हाथी दरवाजा तथा बराह प्रतिमा देखने मिल जाएगी। यहां नर्मदा नदी सात धाराओं में बहती है। यहां पर मकर संक्रांति से बसंत पंचमी तक का मेला लगता है ।
↪️ज्योर्तेश्वर या श्रीधाम
यह स्थल परमहंसी गंगा आश्रम के नाम से जाना जाता है ज्योर्तेश्वर गोटेगांव रेलवे किलोमीटर से 15किलोमीटरकी दूरी पर स्थित है। श्री त्रिपुर सुंदरी का विशाल एवं भव्य मंदिर दर्शनीय है।यहां पर ज्योर्तेश्वर मंदिर ,लोधेश्वर मंदिर हनुमान टेकरी, विचार शीला एवं स्फटिक से निर्मित शिवलिंग भी दर्शनीय है। यहां जगद्गुरु शंकराचार्य की तपोभूमि एवं कर्म भूमि भी स्थित है। यहां पर बसंत पंचमी के अवसर पर 7 दिनों का मेला लगता है।
↪️ डमरु घाट
डमरु घाट नरसिंहपुर का एक पवित्र स्थल है।गाडरवारा रेलवे स्टेशन से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां की मुख्य विशेषता यहां के 2 शिवलिंग है,यहां बड़े शिवलिंग के भीतर एक छोटा शिवलिंग बना हुआ है। हर वर्ष महाशिवरात्रि पर यहां मेला लगता है।
↪️पीपरपानी
गोटेगांव तहसील में जबलपुर रोड पर गंजई गांव से 3 किलोमीटर अंदर पीपर पानी गांव है। इस गांव का नाम पीपर पानी माता के नाम पर रखा गया है।यहां पर पीपर पानी माता की सब कामना सिद्धि बढ़िया है।जहां नवरात्रि के अवसर पर मां के दर्शन और मनोकामनाएं मांगी जाती है। यहां पर माता की कृपा से लोगों के द्वारा जड़ी बूटियों से पीड़ितों और जानवरों का इलाज किया जाता है।
↪️ श्री रुद्र प्रताप सिंह की पुण्य स्मृति में खेल मेला
यह खेल मेला नरसिंहपुर जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर माने गांव में स्थित है। यहां प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के पश्चात मेला लगता है। जो कि पूरे सप्ताह चलता है।मेले पर कबड्डीवॉलीबॉल फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है।
↪️ बचई
यह एक प्राचीन स्थल है। इस प्राचीन नगर की खुदाई से अनेक ऐतिहासिक इमारतों का पता चलता है।
↪️बिलथरी
प्रारंभ में बाली स्थली के नाम से मशहूर यह नरसिंहपुर का एक छोटा सा गांव है। यह स्थान महाभारत से संबंधित है।कहा जाता है कि पांडवो ने अपने वनवास का कुछ समय यह बिताया था।
↪️ चिचली दरगाह
चिचली दरगाह नरसिंहपुर में प्रसिद्ध है। यहां पर कैंसर, किडनी स्टोन बीमारी का इलाज भी होता है। जो नरसिंहपुर का एक प्रमुख नगर है।

↪️ बरमान घाट
नरसिंहपुर जिले का यह घाट एक धार्मिक स्थल को दर्शाता है यहां पर घूमने के लिए जा सकते हैं यह घाट प्राकृतिक रूप से बनाया गया है यहां का नजारा बहुत ही अद्भुत होता है।
↪️ शक्कर नदी
नरसिंहपुर जिले की शक्कर नदी छोटी-छोटी धाराओं में बहती हुई जाती है जो नरसिंहपुर जिले को खूबसूरत बनाती हैं। शक्कर नदी मुख्य रूप से नरसिंहपुर जिले में ही बहती है फिर जाकर के नर्मदा नदी में मिल जाती हैं।
↪️ हाथीनाला जलप्रपात
हाथीनाला जलप्रपात नरसिंहपुर जिले का प्रमुख जलप्रपात है यहां पर बहुत बड़ी संख्या में लोग घूमने जाते हैं बहुत ऊंचाई से पानी गिरता हुआ देखता यह जलप्रपात लोगों का मन मोह लेता है, यह एक पिकनिक स्थल ही है।

✭आवागमन
नरसिंहपुर जिले में पहुंचने के लिए आपको ट्रेन से जाना होगा। क्योंकि यहां पर रेल सेवा ही उपलब्ध है।यहां पर एयरपोर्ट से पहुंचना थोड़ा सा कठिनाई भरा हो सकता है। इसके लिए आपको पहले भोपाल हवाई अड्डे पर उतरना होगा, या फिर खजुराहो हवाई अड्डे पर वहां से आपको बस से यात्रा करनी होगी।तभी आप नरसिंहपुर जिले की सैर कर पाएंगे।
👀नरसिंहपुर जिले की भूमि बहुत ही पवित्र मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि यहां पर कई महान विद्वानों ने जन्म लिया था। इसी कारण से नरसिंहपुर की भूमि पूजनीय है।
✭महत्पूर्ण तथ्य
⦿नरसिंहपुर जिला जबलपुर संभाग के अंतर्गत आता है।
⦿नरसिंह मंदिर के नाम पर इस जिले का नाम नरसिंहपुर पड़ा।
⦿नरसिंहपुर जिला 1956 में ही स्थापित हो गया था।
⦿नरसिंहपुर जिला नर्मदा सोन घाटी का प्रमुख जिला है।
⦿ नरसिंहपुर शहर नर्मदा नदी के किनारे बसा हुआ है।
⦿ मध्य प्रदेश गन्ना अनुसंधान केंद्र बोहानी नरसिंहपुर में प्रस्तावित है।
⦿ मध्यप्रदेश में एकमात्र हॉकी छात्रावास नरसिंहपुर जिले में स्थित है।
⦿ नरसिंहपुर जिले की करेली तहसील के मोहद गांव में संस्कृत भाषा का प्रयोग किया जाता है।
FAQ,S
- नरसिंहपुर जिले में किसकी खेती सर्वाधिक होती है।
गन्ना - नरसिंहपुर जिले में प्रमुख अयस्क कौन सा पाया जाता है।
एस्बेस्टस - नरसिंहपुर जिले में बोली जाने वाली भाषा कौन सी है।
बुंदेलखंडी - नरसिंहपुर जिले का कौन सा गांव है जहां पर संस्कृत भाषा का प्रयोग होता है।
मोहद गांव - नरसिंहपुर जिला सबसे अधिक किसके लिए प्रसिद्ध है।
नरसिंह भगवान

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