डिंडोरी जिला
डिंडोरी जिला मध्य प्रदेश के जबलपुर संभाग के अंतर्गत आता है। दक्षिण पूर्व में स्थित यह जिला अपनी खूबसूरती के लिए अलग से पहचान बनाए हुए हैं। डिंडोरी जिले में आपको बहुत सारे पर्यटन स्थल देखने को मिलेंगे।
डिंडोरी जिले से संबंधित सभी जानकारी हम आप तक पहुंचाने वाले हैं।आपको आज डिंडोरी जिले की संपूर्ण जानकारी एक साथ बताने वाले हैं। इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें, और अपने अनुभव को कमेंट बॉक्स में शेयर करें।
डिंडोरी जिला | |
संभाग | जबलपुर |
जिला बना | 1998 |
मूल नाम | रामगढ़ (1951से पहले) |
जलप्रपात | दगोना, देवनला नेक्सा इत्यादि। |
उद्यान | घुघवा राष्ट्रीय उद्यान |
धार्मिक स्थल | ऋण मुक्तेश्वर मंदिर, |
स्पर्श | छत्तीसगढ़ राज्य |
जनजाति | बेगा |
भाषा | गोंडी |
स्थिति | दक्षिण पूर्व |
पर्वत | मैकाल पर्वत |
उत्पादन | धान |
समाधि | अबंतीबाई |
👀 दोस्तों अब हम बात करते हैं,डिंडोरी जिले में पाए जाने वाले प्रमुख पर्यटन स्थलों की।
☑️ घुघवा राष्ट्रीय उद्यान
घुघवा राष्ट्रीय जीवाश्म उद्यान डिंडोरी जिले की शाहपुरा तहसील में स्थित है। यह मध्य प्रदेश का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है। इसमें 6 करोड़ वर्ष पुराने पेड़ पौधों के जीवाश्म पाए गए हैं। इसके अतिरिक्त यहां संग्रहालय में डायनासोर के अंडे एवं शीप, घोंघे के जीवाश्म भी सुरक्षित रखे हैं। घुघवा में अभी तक 31 जेनरा और 18 फैमिली के जीवाश्म खोजे जा चुके हैं। घुघवा के जीवाश्म की खोज सन् 1970 में की गई थी। और 5 मई 1983 को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया।
☑️ कारो पानी श्याम मृग संरक्षित क्षेत्र
अमरकंटक के नजदीक डिंडोरी से 17 किलोमीटर दूर स्थित यह स्थान लुप्तप्राय काले हिरणों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है। यहा किसी भी समय पहाड़ियों पर उछलते कूदते बंदर देखे जा सकते हैं। कारो पानी वन्यजीवों और मनुष्य के अस्तित्व का जीता जागता उदाहरण है। यहां हिरणों के संरक्षण का श्रेय ग्रामीणों को दिया जाना चाहिए।
☑️ दगोना वाटरपार्क
बुडनेर नदी पर स्थित वाटर पार्क डिंडोरी जिले के गोरा और कन्हारी ग्रामों के बीच स्थित अत्यंत मनोहारी स्थल है। दगोना जिसका अर्थ है, कदम
इस स्थान पर बुडनेर नदी दो चट्टानों के बीच से बहती है। अर्थात इसे एक कदम में पार किया जा सकता है। इसलिए इस स्थान का नाम दगोना पड़ा।
☑️ कपिलधारा
कपिलधारा पवित्र नर्मदा नदी का पहला जलप्रपात है। इसकी ऊंचाई करीब 100 फीट है, यह अमरकंटक के पवित्र नर्मदा कुंड से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस जलप्रपात का एक छोर अमरकंटक और दूसरा छोड़ डिंडोरी जिले के ब्लॉक में आता है। इस स्थान पर कपिल मुनि ने तपस्या की थी। और उन्हीं के नाम पर इस स्थान का नाम कपिलधारा पड़ा।
☑️ ऋण मुक्तेश्वर मंदिर
डिंडोरी जिला मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर ग्राम कुकर्रा मठ में 10 वीं सदी का प्राचीन शिव मंदिर है।माना जाता है कि इसका निर्माण तत्कालीन शंकराचार्य ने कल्चुरी नरेश के सहयोग से गुरु ऋण से मुक्त होने के लिए करवाया। जिसका अर्थ होता है स्वान अर्थात कुत्ता
एक कथा के अनुसार यहां एक कुत्ते ने अपने मालिक को ऋण से मुक्त करवाया था। और उसके मालिक ने कुत्ते की याद में यहां मंदिर के पास कुत्ते की मूर्ति बनवाई। लोगों की मान्यता है कि अगर किसी इंसान को कुत्ता काट ले तो इस मूर्ति को घिसकर लगाने से कुत्ते के काटने का असर नहीं होता हैं। यहां पर शिवरात्रि को विशाल मेला लगता है।
☑️ देवनाला जलप्रपात
यह जलप्रपात मंडला डिंडोरी मुख्य मार्ग के समीप डिंडोरी मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर ग्राम शक्का के पास स्थित है। इस स्थान पर नाले का पानी एक पहाड़ी से नीचे बने शिवलिंग पर गिरता है। इस स्थान पर पहाड़ी v आकर की दिखलाई देती है। पहाड़ी के नीचे पानी गिरने से एक गुफा बन गई है। इसमें साल भर पानी रहता है।
☑️ नेक्सा वाटरफॉल
डिंडोरी मुख्यालय से 14 किलोमीटर दूर नेक्सा नामक ग्राम में दो नालों पर तीन मनमोहक वाटरफॉल है। इन तीनों वाटरफॉल में झरने के पीछे गुफाएं बन गई हैं। इन तीनों झरनों में दूसरा अर्थात बीच वाला झरना सबसे बड़ा एवं सबसे सुंदर है। इस झरने तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी है। झरने की गुफा में एक छोटा सा मंदिर है। जिसमें शिवलिंग स्थापित है।इस शिवलिंग के पीछे छोटा सा जलकुंड है। जिसमें साल भर पानी रहता है। नैक्सा वाटरफाल और देवनाला वाटरफॉल दूर से देखने में एक समान दिखाई देते हैं। परंतु उनकी तुलना में नेक्सा की ऊंचाई बहुत अधिक है।
☑️डिंडोरी के नर्मदा घाट
बहुत ही सुंदर घाट डिंडोरी में मां नर्मदा के तट पर बहुत ही सुंदर घाट है।
इन घाटों पर कई प्राचीन एवं नए मंदिर हैं। इन गांवों में प्रमुख एमगार्ड, शंकरगढ़ ,इमली कुटी गांव एवं जोगी टिकरिया घाट, घाट पर हमेशा ही स्नान करने वाले भक्तों की भीड़ रहती है। नर्मदा जयंती शिवरात्रि एवं विशेष त्योहारों पर अत्यधिक भीड़ के कारण घाटों पर पुलिस व्यवस्था लगानी पड़ती है।
लक्ष्मण मडवा
डिंडोरी से 7 किलोमीटर दूर अमरकंटक स्थान है।यहां मां नर्मदा के तट पर बहुत ही सुंदर घाट है। जिसे रामघाट कहते हैं। यहां कई छोटे-छोटे झरने हैं, घाट के पास एक आश्रम और मंदिर है। जिसमें भगवान राम लक्ष्मण माता सीता मां नर्मदा भगवान शिव की प्रतिमा है
रामगढ़ और बालपुर
डिंडोरी जिला मुख्यालय से 23 किलोमीटर दूर के पास ग्राम रामगढ़ स्थान वीरांगना रानी अवंतीबाई की कर्मभूमि रहा है।यहीं से रानी अवंती बाई ने अंग्रेजों के विरुद्ध 1957 की क्रांति का बिगुल बजाया। और अंग्रेजों का सामना किया। और रानी के महल के कुछ और ही शेष अवशेष बचे हुए हैं। 1988 में इस स्थान पर अंग्रजों शासन द्वारा बनवाया गया। जिसके बीच रानी अवंतीबाई की प्रतिमा लगाई गई नीचे की ओर एक समाधि बनी है। ग्रामीणों के अनुसार यही रानी अवंती बाई का समाधि स्थल है।
बालपुर
बालपुर को रानी अवंती बाई के बलिदान स्थल के रूप में जाना जाता है। शाहपुर के निकट स्थित ग्राम बालपुर डिंडोरी से 17 किलोमीटर दूर है। ऐसे स्थान पर वीरांगना रानी अवंती बाई ने 20 मई 1958 को अंग्रेजों से युद्ध करते हुए अपना बलिदान दिया। 2007 में इस स्थान का जीर्णोद्धार एवं 2013 में इस स्थान पर रानी अवंतीबाई की प्रतिमा की स्थापना की गई।
ग्रामीण पर्यटन स्थल
डिंडोरी से 50 किलोमीटर दूरी पर ग्रामीण पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है। यहां के क्षेत्रों में पाई जाने वाली जनजाति प्रमुख है।जो भारत की जनजातियों में से एक है। जो अभी भी अपने प्राचीनतम तरीकों से जीवनयापन करते हैं। इन्हें राष्ट्रीय मानव जाति घोषित किया गया है। महिलाएं अपने पूरे शरीर पर टैटू बनवाती हैं। अपने जादू टोना खेती की कला और औषधि ज्ञान के लिए जानी जाती है। छोटे से गांव का रेडियो प्रसारण केंद्र गांव की संस्कृति से संबंधित कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं।
हल्दी करेली
डिंडोरी मुख्यालय से 43 किलोमीटर दूर समनापुर ब्लॉक में हल्दी करेली नामक स्थान पर उड़ने नदी छोटे-छोटे झरने बनाती है। इन्हीं झरनों के नीचे की ओर रेत का विशाल मैदान है।जो समुद्र के बीच की तरह दिखलाई देता है। इसी कारण इस स्थान को डिंडोरी जिले का मिनी गोवा भी कहा जाता है।हल्दी करेली में झरनों के पास की चट्टानें पीली एवं सिल्वर कलर की होने के कारण बहुत ही सुंदर दिखाई देती हैं। दोस्तों पर्यटन स्थलों के बारे में और अधिक जानकारी आप हमारी वेबसाइट पर भी प्राप्त कर सकते हैं जिसमें दी गई है हमारी वेबसाइट है।bundelijokes.com
डिंडोरी जिला Important Facts
⚫️डिंडोरी जिले में पाए जाने वाले प्रमुख दर्शनीय स्थलों का वर्णन एवं इनकी खूबसूरती की विवेचना।
⚫️ दोस्तों आज मैं आपको मंडला जिले से अलग डिंडोरी शहर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों के बारे में जानकारी दूंगा। और यहां की खूबसूरती का पालन करूंगा। डिंडोरी शहर में पाए जाने वाले प्रमुख मंदिरों का वर्णन होगा l
⚫️ डिंडोरी जिले का निर्माण 22 मई 1998 को मंडला जिले से अलग कर इसका गठन किया गया था। पहले डिंडोरी जिला रामगढ़ के नाम से जाना जाता था। सन 1951 में इसे डिंडोरी नाम दिया गया। जोकि मंडला जिले की एक तहसील हुआ करती थी।
⚫️ डिंडोरी जिला मध्य प्रदेश के पूर्व भाग की ओर बसा हुआ है। डिंडोरी जिले की पूर्व में शहडोल जिला एवं पश्चिम में मंडला जिला एवं उत्तर में उमरिया जिला और दक्षिण में छत्तीसगढ़ का बिलासपुर जिला बसा हुआ है।
⚫️ डिंडोरी जिला मैकाल पर्वत श्रंखला पर स्थित है। डिंडोरी जिले का क्षेत्रफल लगभग 6112 मीटर की दूरी पर फैला हुआ है। एवं 3000 किलोमीटर की दूरी पर घने पेड़ पौधे लगे हुए हैं, एवं विशाल जंगल बसा हुआ है।
⚫️ डिंडोरी जिले में 2011 की जनगणना के अनुसार यहां पर जनसंख्या लगभग 704528 लोग निवास करते हैं। एवं यहां का लिंगानुपात 1002 है यानी 1000 पुरुषों पर 1002 महिलाओं का लिंगानुपात है डिंडोरी जिले का साक्षरता दर लगभग 70% है।
⚫️ डिंडोरी जिले का विभाजन मंडला जिले से होने के कारण इनका इतिहास लगभग समान है। और यह देखने में भी एक समान नजर आते हैं।
⚫️ मध्य प्रदेश राज्य का डिंडोरी जिला के अंतर्गत सात विकास खंड आते हैं। जिसमें से डिंडोरी, शाहजहांपुर, मेहंदी वाली , अमरपुर, बंजार करण, जिया और समनापुर यह तहसील के नाम दिए गए हैं।
⚫️ मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में बैगा जनजाति पाई जाने वाली एक प्रमुख जनजाति है। जो केवल इसी जिले में पाई जाती है। और अन्य जिलों में दिखाई नहीं देती है। यह राष्ट्रीय जाति के रूप में भी मानी जाती है।
⚫️ डिंडोरी जिले में सबसे ज्यादा धान का उत्पादन किया जाता है। और यही एक कृषि प्रधान जिला है। यहां पर कृषि को अत्याधिक महत्व दिया जाता है। एवं तिलहन फसलों के लिए भी उपरोक्त है।
⚫️ डिंडोरी जिले में पाए जाने वाले प्रमुख दर्शनीय स्थलों में सभी लोग आपसी भाईचारा एवं प्रेम के साथ मंदिरों में पूजन एवं याचना करते हैं। और सभी धर्मों को एक समान मानते हुए आपसी भाईचारा बनाए रखते हैं।
⚫️ डिंडोरी जिले में लगभग 85% हिंदू और 1% मुस्लिम एवं 14% अन्य लोग निवास करते हैं। जोकि धर्म का भेदभाव ना करते हुए आपसी प्रेम भाव से अपने जीवन को व्यतीत करते हैं। और इसी के साथ होली,दीपावली ,ईदगाह बड़े ही उल्लास एवं उत्साहवर्धन पूर्वक मनाए जाते हैं। और आपसी भाईचारे के साथ सभी लोग साथ साथ प्रमुख त्योहारों को मनाते हैं।
⚫️ मध्य प्रदेश राज्य के डिंडोरी जिले में बघेली गोंडी छत्तीसगढ़ी एवं हिंदी भाषा बोली जाती है एवं इस जिले में प्रमुख नदी नर्मदा नदी है। जिसके द्वारा इस जिले के विभिन्न भागों में सिंचाई की जाती है। एवं पीने के लिए भी उपयोग किया जाता है।
⚫️ डिंडोरी जिला मध्य प्रदेश राज्य का यही एक ऐसा जिला है,जो भोपाल से 450 किलोमीटर की दूरी पर एवं दिल्ली से 950 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
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डिंडोरी जिला Dindori Tourist Places in hindi FAQ’s
- डिंडोरी में सर्वाधिक उत्पादन किसका होता है।
चावल - डिंडोरी में सिंचाई का प्रमुख साधन क्या है ?
तालाब - डिंडोरी जिले का प्रमुख पर्यटन स्थल कोन सा हैं।
घुघवा राष्ट्रीय उद्यान - डिंडोरी जिले में जाने के प्रमुख साधन क्या है।
बस, ट्रेन

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